बिहार में मिड डे मील योजना बनी काली कमाई का जरिया

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6 लाख नौनिहालों का निवाला निगल गए हेडमास्टर साहब

श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

बिहार में अकसर कई घोटाले सामने आते रहते हैं। ताजा मामला राज्य के सरकारी स्कूलों से जुड़ा है। जहां छह लाख से अधिक बच्चों का भोजन हेडमास्टर ने डकार लिया है। आपको बता दें कि राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों को स्कूल आने के लिए आकर्षित करने के लिए दोपहर के भोजन को शुरू किया गया था। जिसे मिड डे मील के नाम से जाना जाता है।

वहीं राज्य में मध्याह्न भोजन के करोड़ों रुपए को हेडमास्टर ने डकार लिया है।दरअसल, राज्य में खगड़िया मुजफ्फरपुर समेत सूबे में मध्याह्न भोजन में 10 करोड़ से अधिक राशि की अनियमितता पकड़ी गई है। मिली जानकारी अनुसार खगड़िया में 82 लाख, समस्तीपुर में 71 लाख और मुजफ्फरपुर में 48 लाख का फर्जीवाड़ा किया गया है। अलग-अलग निरीक्षण में पकड़े गए इस मामले में अब तक पौने 5 करोड़ रुपये की वसूली नहीं हुई है।

ऐसे में मध्याह्न भोजन योजना निदेशक मिथिलेश मिश्र ने जिलों से इस पर जवाब मांगा है।बता दें कि, समस्तीपुर जिले में बच्चों का फर्जी हस्ताक्षर कर अनियमितता की गई है। निदेशक ने इस पर सख्ती करते हुए एक सप्ताह में वसूली का आदेश दिया है। जांच में जिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 100-150 तक ही मिली, वहां पिछले एक सप्ताह में 500 से 700 की हाजिरी बनी थी।

वहीं विभाग ने यह माना कि बाकी दिन इतने बच्चे और जांच के दिन इतनी कम उपस्थिति नहीं हो सकती है। जितने बच्चों का अंतर आया, उसकी गणना कर हेडमास्टर से वसूली का आदेश दिया गया है। डीईओ अजय कुमार सिंह ने कहा कि उपस्थिति में दो से चार दिन में 10-20 फीसदी तक अंतर हो सकता। लेकिन, कई स्कूलों में 60-80 फीसदी से अधिक का अंतर है।

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