मिशन इंद्रधनुष: 609 सत्र आयोजित कर 8630 बच्चों व 1249 गर्भवतियों को लगाया जा रहा टीका

मिशन इंद्रधनुष: 609 सत्र आयोजित कर 8630 बच्चों व 1249 गर्भवतियों को लगाया जा रहा टीका
– 8 मई तक चलेगा अभियान

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया‚ सहरसा‚ (बिहार)

सहरसा जिले में साप्ताहिक इंद्रधनुष अभियान का तीसरा चरण जारी है। यह अभियान आगामी 8 मई तक जारी रहेगा। इस अभियान के दौरान जिले में 2 साल तक के नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं को चिह्नित करते हुए टीका लगाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों को नियमित टीकाकरण के माध्यम से कई प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए कई तरह के टीके एक निश्चित समय अंतराल पर दिये जाते हैं। नियमित टीकाकरण सरकार की बहुउद्देश्यीय महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य बच्चों को कई प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव के साथ उनका स्वास्थ्य सुरक्षित करना है।
टीके का शत-प्रतिशत आच्छादन सुनिश्चित किया जा रहा-
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार विवेकानंद ने बताया बच्चों को कई प्रकार की बीमारियों से बचाव के लिए दिये जा रहे टीके का उद्देश्य इन बीमारियों को जड़ से समाप्त करना है। बीमारियों के प्रसार पर रोक लगाये रखने के लिए जरूरी है कि टीके का शत् प्रतिशत आच्छादन सुनिश्चित होने पाये। इसलिए किसी भी कारण से यदि कोई बच्चा नियमित टीकाकरण के आच्छादन से वंचित रह जाता है तो उसे चिह्नित करते हुए सुक्ष्म कार्ययोजना तैयार कर उनका आच्छादन मिशन इंद्रधनुष के दौरान किया जाता है। इसके लिए उस क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, एएनएम आदि को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।

8630 बच्चों व 1249 गर्भवतियों को लगाया जाएगा टीका-
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया इस अभियान के दौरान जिले में 609 टीकाकरण सत्र स्थलों का अयोजन करते हुए 8630 बच्चों एवं 1249 गर्भवति महिलाओं को टीका लगाया जाएगा। इसमें सबसे अधिक 1835 बच्चे सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के हैं वहीं 1551 बच्चे महिषी प्रखंड से आते हैं। उन्होंने बताया जिले में सबसे अधिक 110 सत्र स्थलों का आयोजन महिषी प्रखंड में किया जाना है। जहाँ 216 गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जाएगा। नियमित टीकाकरण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कई गंभीर बीमारियों से बचाव करता है। साथ ही प्रसव के दौरान गर्भवतियों को कई प्रकार की जटिलताओं की संभावनाओं को कम करता है। इस प्रकार के आयोजनों से एक ओर जहां लोगों का स्वास्थ्य विभाग के प्रति विश्वास प्रगाढ़ होता है वहीं संस्थागत प्रसव की भी संख्या बढ़ती है। इस अभियान की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग अपनी पूरी क्षमता के साथ लगा हुआ है। वहीं अभियान का अनुश्रवण व मूल्यांकन भी लगातार किया जाता रहता है।

यह भी पढ़े

नकाबपोश अपराधियों ने दवा व्यवसायी के घर की लूटपाट.

महिला प्रेमी से मिलने जालंधर पहुँच गई,इधर उसके पति को जेल भेज दिया गया.

टेलीमेडिसीन से लोगों की स्वास्थ जांच में पूर्णिया जिला का प्रदर्शन बेहतर

9 वीं पुण्य तिथि पर याद किए गए सामाजिक कार्यकर्ता गौरी शंकर शर्मा

Leave a Reply

error: Content is protected !!