भक्ति और शक्ति की भूमि है मिथिला : प्रज्ञा भारती
श्रीनारद मीडिया, मनोज तिवारी, छपरा (बिहार):
सारण जिले के जलालपुर प्रखंड के बसडीला ब्रह्म स्थान पर नव दिवसीय अखंड राम नाम यज्ञ का के नवें दिन भोपाल के सुप्रसिद्ध संगीतमय कथावाचिका श्रीमती प्रज्ञा भारती ने मंच से बोलते हुए बताया कि भगवान राम का किया हुआ कार्य एवं श्रीकृष्ण द्वारा बताया हुआ मार्ग भक्त जन को अपनाना चाहिए।
भक्ति की भूमि पर जन्म ले या भक्ति धारण कर लें उसे भगवान को स्वीकार करना ही पड़ता है।
श्रुश्री प्रज्ञा भारती ने कहा कि भगवान श्री राम को अपने ससुराल से इतना लगाव था कि उनको कहना पड़ा कि यदि मेरा बनना है तो अयोध्या में नहीं बल्कि मीथिला में जन्म लेना पड़ेगा।वह पावन स्थल आदि शक्ति जगत जननी मां सीता की भूमि है।
पिछले 82 वर्षों से इस स्थान पर यहां के शिव शर्मा मिश्र जी ने सन् 1941 ईसवी से राम नाम यज्ञ का शुभारंभ किया जो आज भी स्थानीय लोग अपनी इस परंपरा को भक्ति भाव एवं श्रद्धा के साथ निभाते आ रहे हैं।
यज्ञ समिति के सदस्यों ने बताया कि प्रतिवर्ष इस ब्रह्म स्थान की महत्ता एवं यहां के भक्तो में इस यज्ञ के प्रति तन मन धन से समर्पित होकर अपना योगदान दे रहे हैं।
बसडीला, कोठियां,मिश्रवलिया,सगडी,भारती टोला,नैनी, परासस्थान आदि दर्जनों गांवों के ग्रामीण नवों दिन राम नाम के कीर्तन से पूरे क्षेत्र को भक्तिमय बना दिया।
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