देश के अगले 1000 वर्ष के विजन पर मोदी काम कर रहे है – स्वामी अवधेशानंद
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
क्या बोले जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर?
- उन्होंने भारतीय संस्कृति के कल्याणकारी पहलुओं पर जोर दिया खासकर ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की विचारधारा पर। उन्होंने कहा कि यह सदियों से मानवता को कल्याण की ओर मार्गदर्शित करती रही है। स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आरएसएस संस्थापक डॉ. हेडगेवार और द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की शिक्षाओं को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।
- प्रधानमंत्री मोदी की शासन शैली पर चर्चा करते हुए स्वामी अवधेशानंद ने इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो का उल्लेख किया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी आरएसएस प्रमुख और अन्य के साथ बातचीत करते हुए मुस्कुराते और हंसते नजर आ रहे हैं।
- प्रधानमंत्री की मुस्कान के पीछे का कारण बताते हुए स्वामी ने कहा, ‘जब मैं उनकी प्रशंसा कर रहा था तो वह बस हंसने लगे। उन्होंने हमारी प्रशंसा को स्वीकार नहीं किया। इसके बजाय उन्होंने इसे ईश्वरीय आशीर्वाद का परिणाम बताया। वह वास्तव में मानते हैं कि जो कुछ भी उन्होंने हासिल किया है, वह उनकी मेहनत का फल नहीं बल्कि भगवान की कृपा का परिणाम है।’
महामंडलेश्वर ने की पीएम मोदी की विनम्रता की प्रशंसा
‘भारत अपने सच्चे नायकों का अपमान कतई सहन नहीं करेगा’
गाय के रहने वाले स्थान को अस्वच्छ बताने वाले विपक्ष की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि मोदी ने गाय को माता का दर्जा देने पर जोर दिया है। उनका कहना है कि यह न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए लाभकारी है।
स्वामी अवधेशानंद गिरि ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ने भारत को अगले 1,000 वर्षों के लिए तैयार करने की बात कही, ताकि इसकी मजबूती और समृद्धि सुनिश्चित हो सके.” उन्होंने भारत के सांस्कृतिक मूल्यों, खासकर वसुधैव कुटुंबकम के दर्शन – ‘विश्व एक परिवार है’ के विचार पर पीएम मोदी के जोर को रेखांकित किया. स्वामी अवधेशानंद ने कहा, “उन्होंने भारतीय संस्कृति के लोक कल्याणकारी पहलुओं को रेखांकित किया और कहा कि सदियों से इसने मानवता को कल्याण की ओर अग्रसर किया है.”
उन्होंने आईएएनएस से आगे कहा, “प्रधानमंत्री ने डॉ. हेडगेवार और गुरु गोलवलकर की शिक्षाओं को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया और यह भी कहा कि देश संघ के 100 वर्षों के समर्पण का सकारात्मक प्रभाव देख रहा है.” महाकुंभ और गाय के विषय पर विपक्ष के बयान पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि सनातन की मान्यता लोक कल्याणकारी है. गाय से इस देश का भला हुआ है. गाय विश्व की माता है. वह पूरे संसार के लिए कल्याणकारी है. विदेशों में भारत की गाय गई है और उनकी आर्थिक प्रगति में उछाल आया है. गाय पर सवाल उठाने वाले लोगों पर दया आती है. कुंभ में आधा देश था. कुंभ में सामाजिक समरसता देखने को मिली. पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद था.
महामंडलेश्वर ने उस एक वाकये का भी जिक्र किया जब पीएम मोदी सभा को संबोधित कर लौट रहे थे. तब वहां मौजूद आरएसएस चीफ मोहन भागवत और अन्य संतों से बातचीत करते हुए दिखे. इस दौरान कुछ ऐसी बातचीत हुई कि पीएम मोदी अपनी हंसी नहीं रोक पाए. आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने बताया, “जब हम लोगों ने उनसे कहा कि आपका भाषण काफी प्रेरणादायक है तो वह हंस पड़े. मुझे ऐसे लगा जैसे उन पर दैवीय कृपा है और वह इसे ईश्वर का आशीर्वाद मानते हैं.”
महामंडलेश्वर ने ये भी बताया कि पीएम मोदी ने मंच पर आरएसएस चीफ को पूरा सम्मान दिया. उन्होंने कहा, “वह विनम्र थे और फिर हंसने लगे. आरएसएस चीफ मोहन भागवत का वह आदर कर रहे थे. उन्हें अभिमान नहीं है. जब मैं उनकी प्रशंसा करने लगा तो वह हंसने लगे. यह उनके सरल व्यक्तित्व को दर्शाता है.” गिरि ने समाजवादी पार्टी के नेता रामजी लाल सुमन की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने राणा सांगा को देशद्रोही करार दिया.
उन्होंने कहा, “यह देश महापुरुषों का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. भारत ने हमेशा अपने सच्चे नायकों के आदर्शों को कायम रखा है, और जो लोग उन्हें बदनाम करते हैं, वे बहुत बड़ा अन्याय कर रहे हैं.”