मोदी ने अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक सिख और हिंदू प्रतिनिधिमंडल से की मुलाकात.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अपने आवास पर अफगानिस्तान के सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने सिख धर्मगुरुओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। ये मुलाकात पीएम आवास पर हुई थी।
दरअसल, पिछले साल अगस्त के मध्य में तालिबान द्वारा देश पर कब्जा करने के बाद से सिख-हिंदू समाज के लोग अफगानिस्तान में उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। पीएम मोदी ने शुक्रवार को अपने आवास पर सिख समुदाय के प्रतिष्ठित व्यक्तियों और धर्मगुरुओं के एक प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की। इस दौरान पीएम मोदी ने नामधारी संप्रदाय के एक आध्यात्मिक नेता उदय सिंह के साथ अपनी मुलाकात की एक तस्वीर भी ट्विटर पर शेयर की थी।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, संत समाज और सिख समुदाय की प्रतिष्ठित हस्तियों से मुलाकात हुई। मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि सिख समुदाय की इन सम्मानित हस्तियों ने केंद्र सरकार के विभिन्न प्रयासों की सराहना की है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा साझा की गई बैठक के एक वीडियो में सिख प्रतिनिधि, पीएम मोदी को ‘कृपाण’ उपहार में देते हुए दिखाई दे रहे हैं।
हाल के वर्षों में भारत ने अफगानिस्तान के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत ने युद्धग्रस्त देश को मानवीय सहायता के तहत चिकित्सा सहायता के हिस्से के रूप में अफगानिस्तान को तीन टन दवाओं की आपूर्ति की है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 29 जनवरी को मानवीय सहायता के तहत भारत ने अफगानिस्तान को तीन टन आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति की। इसे काबुल में स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल को सौंप दिया गया है। इसके अलावा पानी, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और क्षमता निर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारतीय विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने पीएम मोदी को अफगानी अंदाज में साफा पहनाया। इसके साथ उन्होंने पीएम मोदी को पंजाबी भाषा में एक स्मृति चिन्ह के साथ तलवार भेंट की। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद, बिगड़े हुए हालातों के बीच अफगान सिख हिंदू प्रतिनिधिमंडल ने भारत में शरण देने के लिए पीएम का आभार व्यक्त किया। वहीं एक दिन पहले, पीएम मोदी ने शुक्रवार को अपने आवास पर सिख समुदाय के प्रतिष्ठित व्यक्तियों और धर्मगुरुओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की थी।
1989 में अफगानिस्तान से भारत में आए तरेंद्र सिंह ने बताया
अफगानिस्तान निवासी तरेंद्र सिंह, जो 1989 में भारत में स्थानांतरित होकर आए थे। उन्होंने कहा, ‘हमने पीएम मोदी को काबुल में अपने हालात से अवगत कराया। हमारी मुख्य समस्या देशीयकरण थी, हम अपनी नागरिकता के लिए इधर-उधर भटकते रहे। इसलिए हमने सीएए लाने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया।’
निदान सिंह सचदेवा ने कहा
वहीं पिछले साल अफगानिस्तान के काबुल से आए निदान सिंह सचदेवा कहा, ‘मुझे एक गुरुद्वारे से तालिबान ने अपहरण कर लिया था। उन्होंने हमें भारतीय जासूस के रूप में सोचा, हम चाहते थे कि हम परिवर्तित हो जाएं। हमने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया और भारत सरकार की मदद से खुश हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमें बस आश्रय और राष्ट्रीयता की आवश्यकता है’
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