निगरानी विभाग ने सभी  डिपार्टमेंट के लिए सूची जारी किया : ‘परिवहन’ में कौन-कौन DTO-MVI व दारोगा हैं ‘दागी’

निगरानी विभाग ने सभी  डिपार्टमेंट के लिए सूची जारी किया : ‘परिवहन’ में कौन-कौन DTO-MVI व दारोगा हैं ‘दागी’

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जिन पर दर्ज है DA-TRAP-AOPA का केस, स्टेटस जानें…

श्रीनारद मीडिया, पटना (बिहार):

निगरानी विभाग हर साल सभी विभाग के सचिवों को बताता है कि आपके यहां कितने सरकारी सेवक दागी हैं. निगरानी थानों में दर्ज डीए, ट्रैप केसों के स्टेटस की जानकारी दी जाती है. इस साल निगरानी विभाग ने मार्च महीने में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव,प्रधान सचिव व सचिवों को पत्र भेजा था. निगरानी विभाग के ओएसडी के भेजे पत्र में कहा गया है कि इसके पहले 28 अप्रैल 2022 को सूची जारी की गई थी.

निगरानी ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई द्वारा 2008 से दिसंबर 2022 तक एवं आर्थिक अपराध इकाई द्वारा 2006 से लेकर 2022 तक संबधित विभागों के दर्ज कांड-आरोप पत्र की सूची भेजी गई है. कहा गया है कि सरकारी सेवकों को दी जाने वाली प्रोन्नति हेतू निगरानी स्वच्छता प्रमाण का विभागों के द्वारा इस आधार पर दी जाय. निगरानी विभाग ने बताया है कि हर वर्ष जनवरी एवं जुलाई में संबधित विभाग को वैसे सरकारी सेवकों की सूची उपलब्ध कराई जायेगी जिनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज है व चार्जशीट दाखिल की गई है.

निगरानी विभाग ने जारी की दागियों की सूची
निगरानी विभाग ने बड़ी संख्या में धनकुबेरों के ठिकानों पर कार्रवाई की है. इनमें इंजीनियर से लेकर प्रशासनिक-पुलिस-परिवहन के अधिकारी शामिल हैं. सबसे अधिक कार्यवाई निगरानी ब्यूरो व आर्थिक अपराध इकाई ने किया है. परिवहन विभाग की बात करें तो दर्जन भर एमवीआई-डीटीओ- इंफोर्समेंट दारोगा के खिलाफ निगरानी ने डीए केस व रिश्वत के मामले में मुकदमा किया है. हालांकि कई ऐसे अधिकारी हैं जिनके खिलाफ डीए-रिश्वत का केस तो किया गया लेकिन चार्जशीट दाखिल करने में सुस्ती बरती गई. जिसका लाभ सरकारी सेवक ले रहे. हालांकि पिछले दो-तीन सालों में निगरानी ब्यूरो व आर्थिक अपराध इकाई ने जिन एमवीआई-परिवहन दारोगा या डीटीओ के खिलाफ छापेमारी की है उनमें अधिकांश को फील्ड पोस्टिंग से दूर रखा गया है. विभाग स्पष्ट तौर पर उन्हें दागी मान रहा है. हालांकि इक्के-दुक्के ऐसे भी हैं जो सेटिंग की बदौलत अभी भी फील्ड पोस्टिंग में हैं.

डीए-ट्रैप केस में परिवहन के कई अधिकारी फंसे
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने 2023 में जो लिस्ट जारी की है उसमें परिवहन विभाग के दर्जन भर अधिकारी-कर्मियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस, ट्रैप केस व AOPA के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इऩमें कुछ में चार्जशीट दाखिल किया गया है तो काफी संख्या में केस अभी भी जांच में ही हैं। निगरानी ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार दरभंगा के तत्कालीन एमवीआई गिरीश कुमार के खिलाफ AOPA के तहत 29 मई 2013 को निगरानी ने केस दर्ज किया था। वहीं 9 अप्रैल 14 को पटना के तत्कालीन एमवीआई अमिताभ कुमार कर खिलाफ ट्रैप केस हुआ था। लेकिन निगरानी को चार्जशीट के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिला था। कटिहार के तत्कालीन MVI कौशल किशोर त्रिपाठी के खिलाफ 8 दिसंबर 2015 को DA केस दर्ज हुआ था।

इस केस का अपडेट है…. CS-40/22 05-08-22 .अरवल के तत्कालीन MVI विनोद कुमार के खिलाफ 12 मार्च 16 को ट्रैप केस दर्ज हुआ था। इस केस का अपडेट है….CS-13/18, 18-01-18. कैमूर के तत्कालीन DTO अनिमेष कुमार के खिलाफ 8 अप्रैल 2016 को aopa केस दर्ज हुआ। इस केस में अभी भी जांच जारी है। कैमूर के तत्कालीन MVI राकेश रंजन के खिलाफ 8 अप्रैल 2016 को aopa के तहत केस दर्ज हुआ।

यह केस जांच में है। नालंदा के तत्कालीन mvi विनोद कुमार सिंह के खिलाफ 30 दिसंबर 2016 को ट्रैप केस हुआ था। इस केस का अपडेट है…CS-30/17, 25-03-17 . पूर्णिया के तत्कालीन MVI श्रीकांत मिश्रा के खिलाफ 30 अगस्त 2017 को DA केस हुआ था। गया के MVI सुजीत कुमार दास के खिलाफ 28 मार्च 2019 को ट्रैप केस हुआ।

इसका स्टेटस है…. CS-33/19, 25-05-19. इसके अलावे समस्तीपुर के इंफोर्समेंट इंस्पेक्टर श्यामनंदन प्रसाद के खिलाफ 2 दिसंबर 2019 को DA केस दर्ज हुआ। यह केस भी अभी जांच में है। सबसे खास बात यह कि श्यामनंदन प्रसाद आज भी फील्ड में तैनात हैं

दो तत्कालीन डीटीओ के खिलाफ P.S पेंडिंग
वहीं मुजफ्फरपुर के तत्कालीन डीटीओ रजनीश लाल के खिलाफ 22 जून 2021 को DA केस दर्ज हुआ। इस केस का P.S पेंडिंग है. वहीं गया के तत्कालीन एमवीआई कौशल किशोर त्रिपाठी के खिलाफ 23 जून 21 को ट्रैप केस हुआ लेकिन अरेस्ट नहीं हुए थे।जहानाबाद के तत्कालीन डीटीओ अजय कुमार ठाकुर के खिलाफ 1 नवंबर 2021 को DA केस दर्ज किया गया था। इस केस में भी P.S. पेंडिंग है.

ईओयू की डीए केस में छापेमारी
इसके अलावे आर्थिक अपराध इकाई ने 2017 में शिवहर के तत्कालीन एमवीआई अमिताभ कुमार के खिलाफ डीए केस किया था और कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस मामले में जांच एजेंसी की जांच पूरी हो गई है और कोर्ट में CS दाखिल हो गया है . वहीं 2021 में भोजपुर के तत्कालीन एमवीआई विनोद कुमार के खिलाफ भी ईओयू ने डीए केस दर्ज कर रेड किया था. यह केस भी जांच में है.

गया के तत्कालीन एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह के खिलाफ भी ईओयू ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में रेड किया था. इस केस में भी अभी भी जांच जारी है. इस साल किशनगंज के परिवहन दारोगा विकास कुमार के खिलाफ भी निगरानी ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति केस में छापेमारी की है. इसके अलावे परिवहन विभाग के कई सरकारी सेवकों के खिलाफ भी निगरानी जांच जारी है.

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