पहली लोक अदालत में निपटाए गए डेढ़ करोड़ से अधिक मामले

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

इस साल की पहली लोक अदालत में शनिवार को डेढ़ करोड़ मामले निपटाए गए। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नाल्सा) ने शनिवार को 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के तालुकों, जिलों और विभिन्न हाई कोर्ट में 2025 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।

शाम छह बजे तक 1.57 करोड़ से अधिक मामलों का निपटारा

साल के इस पहले लोक अदालत में निस्तारित किए गए मामलों में यातायात चालान, बैंक वसूली मामले, मोटर दुर्घटना दावे, चेक मामले, श्रम विवाद, वैवाहिक विवाद (तलाक को छोड़कर), भूमि अधिग्रहण मामले शामिल थे। शाम छह बजे तक 1.57 करोड़ से अधिक मामलों का निपटारा किया जा चुका है।

यह उल्लेखनीय उपलब्धि न्यायपालिका के कार्यभार को कम करने तथा त्वरित न्याय सुनिश्चित करने में वैकल्पिक विवाद समाधान की दक्षता को उजागर करती है। यह पहल नालसा के संरक्षक प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और कार्यकारी अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस आरएस गवई द्वारा संचालित वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र के माध्यम से न्याय तक पहुंच को बढ़ावा देती है।

महाराष्ट्र में लोक अदालत 22 मार्च को निर्धारित

महाराष्ट्र, दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव में लोक अदालत 22 मार्च को निर्धारित है। राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) का गठन कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करने और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए लोक अदालतों का आयोजन करने के लिए किया गया है।

लोग लोक अदालतों का करते हैं इंतजार
‘लोक अदालत का इंतजार’ करने की मानसिकता साफ दिखाई दे रही थी। लेकिन इससे एक सवाल उठता है- क्या यह विशेष सुविधा शहर में लंबित चालानों के विशाल ढेर को और बढ़ावा दे रही है? साकेत कोर्ट के बाहर, 29 वर्षीय स्वदेश ने कहा कि उन्होंने कभी ऑनलाइन भुगतान करने के बारे में सोचा भी नहीं। उन्होंने कहा, “मैं ऐसा क्यों करूं? यहां हमेशा सस्ता पड़ता है।” राम कृष्ण ने भी उनकी बात का समर्थन करते हुए कहा, “ऑनलाइन पागल थोड़ी है कोई भरेगा? लोक अदालत का वेट करना बेस्ट है, आधा तो वैसे ही माफ हो जाता है।”

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