पाकिस्तान समेत दुनिया के 20 से ज्यादा देश बनाएंगे ‘मुस्लिम नाटो’, जानिए भारत पर क्या होगा असर?

पाकिस्तान समेत दुनिया के 20 से ज्यादा देश बनाएंगे ‘मुस्लिम नाटो’, जानिए भारत पर क्या होगा असर?
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

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पाकिस्तान, सऊदी अरब और तुर्की जैसे करीब 25 देश मिलकर NATO जैसी संस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसका नाम इस्लामिक नाटो, मुस्लिम नाटो या मुस्लिम मिलिट्री एलायंस ऑर्गेनाइजेशन (MMAO) हो सकता है। करीब 9 साल पहले भी ऐसी एक संस्था बनाई गई थी।

शायद उसी को फिर से नया रूप देने की तैयारी है। आखिर ये संगठन क्या है इसके बारे में हम जानते हैं। साथ ही यह भी जानने का प्रयास करेंगे कि इसका असर भारत पर क्या होगा? 9 साल पहले दिसंबर 2015 में इस्लामिक मिलिट्री काउंटर टेरेरिज्म कोलिशन (IMCTC) नाम की संस्था बनाई गई थी।

इस्लामिक नाटो हो सकता है नाम:

आतंकवाद के खिलाफ एशिया और अफ्रीका के 42 मुस्लिम देशों ने इसको मिलकर बनाया था। यह संस्था आज भी एक्टिव है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि अब एक नई संस्था बनने जा रही है, जिसका नाम इस्लामिक नाटो और मुस्लिम नाटो हो सकता है। हालांकि अभी यह बात साफ नहीं हो सकी है कि इस समूह में कितने देश शामिल होंगे। क्या IMCTC की तरह 42 देश होंगे या उससे कम देश इसमें होंगे। एक अनुमान के अनुसार इसमें एशिया और अफ्रीका के 25 देश तो रहेंगे ही। अब इस नए समूह के कोर मेंबर की बात करें तो इसमें… सऊदी अरब, पाकिस्तान, तुर्की, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, बहरीन, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और मलेशिया हो सकते हैं।

कौन से देश हो सकते हैं प्रमुख पार्टनर:

इंडोनेशिया, ईरान, इराक, ओमान, कतर, कुवैत, मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया और लीबिया इसके प्रमुख पार्टनर देश हो सकते हैं। साथ में ये पांच देश और जुड़ सकते हैं, वो भी एसोसिएट सदस्यों के तौर पर हैं। ये हैं- अजरबैजान, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और ब्रुनेई। कुल मिलाकर 25 हो सकते हैं।

समूह का क्या है मुख्य मकसद:

ये मुस्लिम देश मिलकर नाटो की तरह आतंकवाद रोधी ऑपरेशंस करेंगे। एक-दूसरे की मदद से अपनी मिलिट्री को मॉडर्न बनाएंगे। डिफेंस पार्टनरशिप और कॉपरेशन करेंगे। खुफिया जानकारियां शेयर करेंगे। मुस्लिम देशों की आंतरिक स्थिरता के लिए बाहरी मुश्किलों से लड़ेंगे। उन्हें दूर करेंगे। इस्लामिक एकजुटता को बढ़ावा देंगे।

भारत को कैसे प्रभावित कर सकता है ये समूह:

1.तनाव बढ़ेगा…: इस्लामिक नाटो की वजह से भारत और मुस्लिम बहुल देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। खासतौर से पाकिस्तान, बांग्लादेश।

2.स्थानीय संतुलन…: ये समूह पाकिस्तान और बांग्लादेश की मदद करके भारतीय प्रायद्वीप की स्थानीय राजनीतिक, कूटनीतिक और रणनीतिक संतुलन को बिगाड़ने का प्रयास कर सकता है। आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा।

3.कश्मीर मुद्दा…: इस्लामिक नाटो कश्मीर विवाद को बढ़ा सकता है। भारत के ऊपर दबाव बनाने का प्रयास कर सकता है। ताकि यह मुद्दा पाकिस्तान के पक्ष में जाए।

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