पंजाब के एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों को किया गया तलब.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुए चूक के मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम ने जांच को तेज करते हुए कई अधिकारियों को तलब किया है। केंद्र की इस टीम ने फिरोजपुर पहुंचकर अपनी जांच शुरू कर दी है। ये टीम सबसे पहले फिरोजपुर – मोगा हाईवे पर बने उस फ्लाईओवर पर पहुंची, जहां पर पीएम मोदी के काफिले को रोका गया था।

समाचार एजेंसी एएनआइ के सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा उल्लंघन की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति ने राज्य के पुलिस प्रमुख एस चट्टोपाध्याय और एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों को फिरोजपुर में तलब किया है।

वहीं, गृह मंत्रालय पहले ही इस पूरे मामले में पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांग चुका है। पूरी जानकारी जुटाने के बाद तथ्यों के आधार पर गृह मंत्रालय उचित कार्रवाई करेगा।

पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई

पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई हुई। मुख्य न्यायधीश जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हीमा कोहली की बेंच ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पीएम मोदी के दौरे का रिकार्ड सुरक्षित रखने के लिए कहा है। कोर्ट ने पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर सभी सबूत जुटाने का निर्देश दिया है। अदालत ने इस मामले में केंद्र और पंजाब दोनों को जांच में सहयोग देने के लिए कहा है।

पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर केंद्र और राज्य के बीच आरोप- प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। जब पीएम मोदी उन कार्यक्रमों के लिए बठिंडा गए थे, जिसमें फिरोजपुर में एक रैली भी शामिल थी।

20 मिनट के इंतजार के बाद पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रमों को किया रद

बता दें कि पांच जनवरी (बुधवार) को पीएम मोदी का पंजाब के फिरोजपुर में एक कार्यक्रम था। खराब मौसम की वजह से पीएम मोदी को हेलीकाप्टर से रैली स्थल तक जाने की बजाय उनका काफिला दो घंटे की यात्रा के लिए सड़क मार्ग से रवाना हुआ। रैली स्थल से लगभग 10 किमी दूर किसानों के विरोध के कारण पीएम का काफिला फ्लाईओवर पर फंस गया था। 20 मिनट के इंतजार के बाद पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रमों को रद करते हुए वापस मुड़े और चले गए।

गौरतलब है कि पंजाब में हुई इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस लगातार भाजपा के निशाने पर हैं। ऐसे में पंजाब सरकार की तरफ से भी इस पूरे मामले की जांच को लेकर एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया है।

 

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