मोर्टन मेल्डल ने पश्चिमी देशों को दी भारत से सीखने की नसीहत,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
नोबेल पुरस्कार विजेता मोर्टन मेल्डल ने भारत के रिसर्च फंडिंग इकोसिस्टम की तारीफ करते हुए पश्चिमी देशों को भारत से सीखने की नसीहत दी है। वर्ष 2022 में रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले मेल्डेल इस समय भारत दौरे पर आए हुए हैं।
मेल्डल ने एक साक्षात्कार में कहा, भारत में रिसर्च फंडिंग इकोसिस्टम में वित्तीय मदद और अन्य सुविधाएं देने में बायोटेक्नोलाजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंट काउंसिल (बीआइआरएसी) की अहम भूमिका है। पश्चिमी देशों को भी भारत से सीखना चाहिए। पश्चिमी देशों में फंडिंग एजेंसी स्वतंत्र तौर पर काम करती हैं। उनमें बहुत अच्छा समन्वय नहीं है। मेल्डेल ने शुक्रवार को बीआइआरएसी का दौरा किया था।
बीआइआरएसी जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के तहत सरकारी उद्यम है। यह अकादमिक संस्थानों और इंडस्ट्री के बीच पुल के रूप में काम करता है।
बीआइआरएसी भारत में नवाचार का संगठन है
मेल्डल ने कहा, बीआइआरएसी भारत में नवाचार का संगठन है। यह कमाल का है। इसकी वजह से नवाचार की प्रक्रिया में बहुत सुविधा हुई है। शुक्रवार को मेल्डल ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और फार्मास्यूटिकल्स में द्विपक्षीय सहयोग और स्कूली बच्चों के बीच रसायन विज्ञान अध्ययन को बढ़ावा देने पर चर्चा की थी।
नोबेल पुरस्कार विजेता मोर्टन मेल्डल इन दिनों भारत दौरे पर आए हुए हैं। मेल्डल को वर्ष 2022 में रसायन विज्ञान के क्षेत्र में अद्भुत योगदान देने के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। मेल्डल ने कहा कि पश्चिमी देशों को भारत से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान भारत के रिसर्च ईको फंडिंग सिस्टम की तारीफ की है।
नोबेल पुरस्कार विजेता मेल्डल भारत के बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंट काउंसिल (बीआईआरसी) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वहां के रिसर्च भी देखे। बीआईआरसी बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के अतंगर्त आने वाला सरकारी उद्यम है। यह एकेडमी इंस्टीट्यूशंस और इंडस्ट्री के बीच ब्रिज का काम करता है। बीाआईआरसी को लेकर मेल्डल ने कहा कि भारत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। ये इनोवेशन कमाल का है।