मां बिलख कर बोली- हुजूर, गालियां देता है थानेदार.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लखीसराय में रेप पीड़िता घटना के एक महीने बाद भी न्यास की आस लिए दर-दर की ठोकर खा रही है। कभी एसपी ऑफिस तो कभी मंत्रियों के दरबार में। अब तक उसकी न FIR दर्ज की गई है और न मेडिकल जांच। शुक्रवार को पीड़ित दिव्यांग किशोरी मां के साथ भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंची। मां-बेटी ने पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान के सामने रो-रोकर अपनी कहानी बताई। मां के साथ पहुंची पीड़िता यहां अपने शरीर के जख्मों को दिखाती रही।
इससे पहले वह मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी जाने की कोशिश कर चुकी है, लेकिन उसे जनता दरबार में नहीं जाने दिया गया था। मां-बेटी को बाहर से ही आवेदन देकर वापस आना पड़ा था। पीड़िता द्वारा आरोपियों की पहचान करने के बावजूद पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। उसने बताया कि मोबाइल रिचार्ज कराने जा रही थी, तभी उस व्यक्ति ने पकड़ लिया और दुष्कर्म किया।
कार्रवाई की मांग करने पर गाली देता है थानेदार
पीड़िता की गुहार पर पीएचईडी मंत्री ने एसपी को फोन लगाकर मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा। पीड़िता की मां की मानें तो इससे पहले वो 3 बार एसपी कार्यालय गई हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हल्सी थाना भी कई बार गई, लेकिन जब भी वो थाना जाती है थानेदार गालियां देता है। पुलिस इस मामले को जमीनी विवाद मानकर इससे अपना पल्ला झाड़ रही है।
पीड़िता की मां अपने मायके में रहती है और वो अपने मां-बाप के जमीन की वारिस भी है। इसी गांव के अपराधियों की नजर पीड़िता की मां के हिस्से आ रही जमीन पर है, जिसे वो सस्ते कीमत पर खरीदना चाहता है। जमीन विवाद के इसी मामले के कारण मां और बेटी को हर तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। अब इन्हें अपनी जान पर खतरा महसूस हो रहा है।
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