नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कन्दमाता की हुई पूजा अर्चना
श्रीनारद मीडिया, उतम पाठक, दारौंदा, सीवान (बिहार):
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की अधिष्ठात्री देवी स्कंद माता की पूजा षोडशोपचार से हुई।
स्कन्दमाता भगवान कार्तिकेय की मां है।
मां कमल के आसन पर विराजमान होने के कारण इन्हें पद्मासन देवी भी कहा जाता हैं।
वही ग्रामीण क्षेत्र के देवी स्थानों व पूजा पंडालों में पूजन अर्चन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ने लगीं। पूजा को लेकर बाजारों में भी रौनक बढ़ गई हैं तथा तरह तरह के खिलौने भी बिकने शुरू हो गए हैं।
मान्यता है कि स्कन्दमाता सूर्य मण्डल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक अलौकिक और कान्तिमय हो जाता हैं।
स्कन्द माता की आराधना से संतान के इच्छुक दंपति को संतान सुख की प्राप्ति होती हैं।
तथा भक्तों की सारी इच्छाएं पूरी होती है।
## स्कन्द माता का प्रिय प्रसाद:-
केला तथा पीले फल और पीली मिठाई प्रसाद के रूप में माता को अर्पित की गई।
इन नैवेद्य को अर्पित करने से व्यापार में उन्नति होती हैं और जीवन में आगे बढ़ते हैं।
वही विद्या और बल के लिए मां को पांच हरी इलायची अर्पित करें।
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