मातृ दिवस: अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित जीएनएम खुशबू हैं असली कोरोना योद्धा, ड्यूटी के दौरान हीं हो गया था प्रसव

मातृ दिवस: अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित जीएनएम खुशबू हैं असली कोरोना योद्धा, ड्यूटी के दौरान हीं हो गया था प्रसव
• गर्भावस्था के दौरान भी नहीं ली एक दिन की भी छुट्टी
• कोरोना की दूसरी लहर में अपने कर्तव्यों को बखूबी निभाया
• घर-परिवार और आने वाले बच्चे के प्रति चिंता छोड़ मरीजों की सेवा में जुटी रहीं

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श्रीनारद मीडिया, गोपालगंज (बिहार):

मरीजों की सेवा समाज के प्रति समर्पण और त्याग है। नर्सिंग वह जरिया है जो हमें इस नेक काम का मौका देता है। हर व्यक्ति को यह दायित्व निभाने का मौका नहीं मिलता। इसलिए नर्सिंग के काम को ईमानदारी के साथ निभाएं। यह कहना है जिले के बैकुंठपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत जीएनएम खुशबू कुमारी का। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में स्थिति काफी भयवाह थी। उस दौरान प्रत्येक स्वास्थ्य कर्मी अपने कर्तव्यों का बखूबी निवर्हन कर रहे थे। ऐेसे में उनके कार्यों की प्रशंसा करना भी लाजिमी है। उसी में से एक हैं जीएनएम खुशबू कुमारी। जिन्होंने अपने कार्यों की बदौलत एक मिसाल कायम की है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान खुशबू को कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य की निगरानी करने की जिम्मेदारी दी गयी थी। जिसको उन्होंने बखूबी निभाया भी। कोरोना संक्रमण चरम सीमा पर था जब खुशबू कुमारी पीपीई किट पहनकर और हाथों में ग्लब्स लगा कर जनरल हेल्थ चेकअप, टेंपरेचर चेकअप, पल्स चेकअप किया करती थी। लेकिन महत्वपूर्ण कड़ी यह है कि खुद गर्भवती होते हुए भी उसने बिना किसी छूट्टी के मरीजों की सेवा की। एक समय ऐसा भी आया जब ड्यूटी के दौरान हीं खुशबू का प्रसव उसी अस्पताल में हो गया।

प्रसव के अंतिम दिन तक करती रहीं ड्यूटी:
खुशबू कुमारी की 25 अगस्त 2021 को पहले शिफ्ट की ड्यूटी की थी। स्टाफ नर्स ना होने के कारण वह सेकंड शिफ्ट की ड्यूटी कर ही रही थी कि उसी दौरान खुशबू कुमारी को बैकुंठपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में दर्द महसूस हुआ और प्रसव हो गया। यह कहना गलत नहीं होगा कि खुशबू कुमारी, अपने कार्यों के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं। अपने कर्त्तव्यों को निभाने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं।

मुश्किल वक्त में लोगों की सेवा करने से काफी संतुष्टि मिली:
खुशबू ने कहा कि खुद की चिंता किए बगैर गर्भवती माताओं की निरंतर सेवा की। मरीजों को कोविड से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी भी देती रही। कोरोना से सुरक्षा उपायों को अपनाते हुए अपनी ड्यूटी को बखूबी निभाया। वैसे तो आम दिनों में अपने कर्तव्य का निर्वहन करती रही , मगर कोरोना काल में गर्भवती माताओं की सेवा के साथ उनके मन से संक्रमण का खौफ दूर करती रही। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच मुश्किल वक्त में लोगों की सेवा करने से काफी संतुष्टि मिली है।

अपने परिवार से दूर रहकर भी जिम्मेदारी को निभाया:
खुशबू का घर से तक़रीबन 487 कि.मी. दूर नालंदा में है। दूर होने के कारण घर वालों को इनके लिए हमेशा चिंता रहती है। इनके परिवार में पति, दो बच्चे एवं मां रहती है। वर्तमान समय में परिवार की जिम्मेदारी इन्हीं के कंधों पर है। अपने बच्चे के प्रति कर्तव्य को पूरा करते हुए एक जीएनएम की जिम्मेदारी भी बहुत अच्छी तरह से निभा रही हैं।

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