एन्टीनैटल चेकअप को लेकर माताओं में बढ़ी है जागरूकता
प्रथम तिमाही में एन्टीनैटल चेकअप कराने वाली गर्भवतियों में 18.2 फीसदी की हुई है बढ़ोतरी:
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 में जारी हुआ है यह आंकड़ा:
स्वस्थ बच्चे के लिए गर्भावस्था के दौरान एन्टीनैटल चेकअप जरूरी : डॉ डी पी गुप्ता,
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क,
जिले में गर्भवती महिलाओं एवं माताओं में गर्भावस्था के दौरान जरूरी बातों का ध्यान रखने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। यह बात राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 (एनएफएचएस-5) के जारी रिपोर्ट के अनुसार सामने आई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 (एनएफएचएस-5) में जारी आंकड़ों के अनुसार मधेपुरा जिले में गर्भावस्था के दौरान प्रथम तिमाही में एंटी नेटल चेकअप करवाने वाली माताओं की संख्या में 18.2 फीसदी का इजाफा हुआ है। एनएफएचएस-4 में यह आंकड़ा 35.6 फीसदी था जो एनएफएचएस-5में बढ़कर 53.8 फीसदी हो गया है। वहीं गर्भावस्था के दौरान 4 बार एंटी नेटल चेकअप करवाने वालों की आंकड़ों में भी सकारात्मक बढ़ोतरी देखने को मिला है । एनएफएचएस-4 में जारी आंकड़ों के अनुसार मात्र 9.3 फीसदी महिलाएं ही 4 बार एंटी नेटल चैकअप करवाती थी। जबकि एनएफएचएस-5 में जारी डाटा के अनुसार 11.6 फीसदी बढ़ोतरी के साथ यह 20.09 फीसदी हो गया है। अर्थात यह कहा जा सकता है की जिले में स्वस्थ शिशु के जन्म को लेकर गर्भवती महिलाओं एवं उनके परिजनों में पहले की अपेक्षा जागरूकता काफी बढ़ी है।
सर्वेक्षण में मातृ – शिशु स्वास्थ्य से जुड़े अन्य आंकड़ों की स्थिति:
मातृ – शिशु स्वास्थ्य से जुड़े अन्य आंकड़ों की स्थिति की बात की जय तो एनएफएचएस-5 के डाटा अनुसार जिले में गर्भावस्था के दौरान 100 दिन तक आयरन फोलिक एसिड का सेवन करने वाली महिलाओं में भी 12.3 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं प्रेगनेंसी के दौरान 180 दिन तक आयरन फोलिक एसिड का सेवन करने वाली महिलाओं में यह बढ़ोतरी 8 फीसदी है। गर्भावस्था के दौरान अपना निबंधन कराकर एम् सी पी कार्ड प्राप्त करने वाली महिलाओं की संख्या में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि एनएफएचएस-5 में दर्शाइ गई है।एनएफएचएस-4 में यह आंकड़ा 76.1 फीसदी था जो एनएफएचएस-5 में बढ़कर 95.6 हो गया है।
क्या कहते हैं जिले के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ डी पी गुप्ता:
जिले के शिशु रोग विशेषज्ञ एवम् सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डाॅ डी पी गुप्ता कहते हैं कि स्वस्थ बच्चे के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान समय समय पर ऐंटीनेटल चेकअप करवाना बहुत ही जरूरी है। डॉ गुप्ता कहते हैं कि अक्सर ऐसा होता है कि गर्भवती महिला और उसके परिजन एन्टीनेटल चेकअप करवाने से हिचकते हैं। स्वस्थ बच्चा चाहिए तो यह चेकअप बेहद जरूरी है। इस चेकअप में बीपी, शुगर, एचआईवी, हीमोग्लोबिन और थायरॉइड समेत कई दूसरी जांच भी होती है। इससे गर्भ में ही बच्चे की बीमारियों की जानकारी मिल जाती है। डॉ गुप्ता कहते हैं कि गर्भवती महिलाएं सदर अस्पताल में गर्भावस्था के 9 महीने के दौरान हर महीने अपना एन्टीनेटल चेकअप जरूर कराएं। साथ ही डॉक्टर द्वारा दिए गए परामर्श का पालन करें एवम् पोषणयुक्त भोजन का सेवन व खान – पान का ध्यान रखें। वे लोगों से संस्थागत प्रसव कराने की अपील भी करते हैं एवम् कहते हैं कि लोग प्रसव कराने में सही समय का ध्यान नहीं रखते हैं। सदर अस्पताल में जन्म लेने वाले ऐसे नवजात में जन्म के बाद अक्सर सांस लेने में तकलीफ की समस्या बनी रहती है। इसलिए जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं एवम् उनके परिजन प्रसव के समय का ध्यान अवश्य रखें।
क्या है राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5):
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019-20 में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के पांचवे फेज का पहला चरण संचालित किया गया था और उसके परिणामों को दिसंबर 2020 में जारी किया गया। एनएफएचएस में जनसंख्या, परिवार नियोजन, बाल और मातृत्व स्वास्थ्य, पोषण, वयस्क स्वास्थ्य और घरेलू हिंसा इत्यादि से संबंधित मुख्य संकेतकों का आकलन किया जाता है। पांच वर्ष पहले 2015-16 में एनएफएचएस का चौथा फेज संचालित किया गया था। पांचवें दौर के पहले चरण में बिहार सहित 17 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों के नतीजे प्रस्तुत किए गए हैं। 17 राज्यों में कुल 2,81,429 पारिवारिक इकाइयों, 3,07,422 महिलाओं और 43,945 पुरुषों का सर्वेक्षण किया गया है।
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