“कुटुंब स्टार” बने पूर्वी चंपारण जिले के शिक्षक मृत्युंजय ठाकुर
टीचर्स ऑफ बिहार के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कुटुंब ऐप पर 10 लाख से भी अधिक प्रतिष्ठा प्वाइंट प्राप्त किया
श्रीनारद मीडिया, मोतिहारी, (यूपी):
टीचर्स ऑफ बिहार के भिन्न-भिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से बिहार के लाखों शिक्षक जुड़कर अपने विद्यालय में आयोजित होने वाले नवाचारी गतिविधि को प्रतिदिन साझा करते हैं। ऐसे तो टीचर्स ऑफ बिहार के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लाखों शिक्षक जुड़े हुए हैं परंतु केवल ‘कुटुंब ऐप’ से बिहार ही भारत के 27 राज्यों के लगभग 60 हजार शिक्षक जुड़े हुए हैं। मात्र साल भर में जिस रफ्तार से शिक्षक कुटुंब ऐप से शिक्षक जुड़े है इससे लगता है कि वह दिन दूर नही जब लाखों शिक्षक इस ऐप से जुड़कर अपनी गतिविधि को पूरे भारत में साझा करेंगे। टीचर्स ऑफ बिहार के कुटुंब ऐप की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता कि प्रति महीने लगभग 5 हजार से भी अधिक शिक्षक जुड़ रहे हैं।
यह सब कीर्तिमान स्थापित करने में टीचर्स ऑफ बिहार के प्रदेश मीडिया संयोजक सह पूर्वी चंपारण जिले के पताही प्रखंड स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय खुटौना यादव टोला के शिक्षक सह प्रदेश मीडिया प्रभारी मृत्युंजय ठाकुर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
मृत्युंजय ठाकुर के इस अभूतपूर्व योगदान के लिए टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर पटना जिले के शिक्षक शिव कुमार एवं कुटुंब ऐप मॉडरेटर मुजफ्फरपुर जिले के मुरौल प्रखण्ड स्थित राजकीय बुनियादी विद्यालय बखरी के शिक्षक केशव कुमार ने पूरी टीम के तरफ से आभार प्रकट करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना की है।
उन्होंने संयुक्त रूप से श्री ठाकुर को इस उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि मृत्युंजय ठाकुर के द्वारा टीचर्स ऑफ बिहार के कुटुंब ऐप पर प्रतिदिन साझा किए गए शैक्षिक पोस्ट को बिहार ही नहीं भारत के कई राज्यों में प्रतिदिन साझा किया जाता है इसी का प्रतिफल है कि कुटुंब ऐप से बिहार सहित पूरे देश के शिक्षक एक दूसरे से सीखते हैं एवं अपने नवाचारों को साझा करते हैं। श्री ठाकुर संघ के पदाधिकारी होने के साथ-साथ एक कुशल नेतृत्वकर्ता एवं शिक्षक भी है।
श्री ठाकुर के द्वारा साझा किए गए पोस्ट के कारण ही कुटुंब ऐप के तरफ से इन्हें 10 लाख से भी अधिक प्रतिष्ठा पॉइंट प्रदान किए गए हैं साथ ही अभी तक इनके रेफरल आईडी से सर्वाधिक 3 हजार से भी अधिक शिक्षक इस ऐप से जुड़ चुके हैं। आज बिहार के सरकारी विद्यालयों की गतिविधि अगर कुटुंब ऐप के माध्यम से भारत के कई राज्य तक पहुंच पा रही है तो इसमें मृत्युंजय ठाकुर का ही सर्वाधिक योगदान है। श्री ठाकुर के अनुसार “बिहार के शिक्षक एवं बिहार के विद्यालय अब बदलने लगे है। प्रतिदिन कुटुंब पर बिहार के नवाचारी शिक्षकों के हजारों पोस्ट साझा किए जाते हैं जो यह बताता है कि अब सरकारी विद्यालय किसी से कम नहीं।
यह जानकारी टीचर्स ऑफ बिहार के प्रदेश प्रवक्ता शिक्षक रंजेश कुमार ने दी।
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