मुख्तार अंसारी को जेल में जहर दिया गया- उमर अंसारी
हम उन्हें वापस नहीं ला सकते मिस्टर सिब्बल- सुप्रीम कोर्ट
मुख्तार अंसारी को जेल में जहर दिया,सुप्रीम कोर्ट में उमर का आरोप
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
गैंगस्टर से नेता बने दिवंगत मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आरोप लगाया है कि उनके पिता को जेल में खाने में जहर दिया जाता था। उन्हें पर्याप्त इलाज देने से भी इन्कार किया गया था। इसी के चलते उनकी हिरासत में मौत हुई थी।
जिस बात का डर था, वही हो गया
जस्टिस हृषिकेश राय और एसवीएन भट्टी की खंडपीठ के समक्ष मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की 2023 में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान बांदा जेल परिसर में अपने पिता की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। मुठभेड़ जैसी स्थिति का दावा कर चुके उमर अंसारी की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में जांच होनी चाहिए, क्योंकि हमें जिस बात का डर था, वही हो गया है।
गैंगस्टर से नेता बने दिवंगत मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आरोप लगाया है कि उनके पिता को जेल में खाने में जहर दिया जाता था। उन्हें पर्याप्त इलाज देने से भी इन्कार किया गया था। इसी के चलते उनकी हिरासत में मौत हुई थी। चार सप्ताह में यूपी सरकार को जवाब दाखिल करना होगा।
खंडपीठ ने सिब्बल से कहा कि हम उन्हें वापस नहीं ला सकते हैं। आप यह अच्छी तरह समझते हैं। इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि इंसानों से इस देश में ऐसा बर्ताव नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी याचिका में मांग में संशोधन के लिए भी आवेदन कर रहे हैं।
चार सप्ताह में यूपी सरकार दाखिल करेगी जवाब
याचिका पर नोटिस जारी करने वाली खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश एडीशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से कहा कि वह अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं। उन्हें इसके लिए चार हफ्ते का समय दिया गया है। इसके बाद सिब्बल ने खंडपीठ को बताया कि याचिकाकर्ता का आरोप है कि उनके पिता को खाने में जहर दिया गया है।
खंडपीठ ने मुख्तार अंसारी को जेल में पर्याप्त इलाज नहीं देने के आरोप का संज्ञान लिया है। उल्लेखनीय है कि विगत 28 मार्च को मऊ सदर से पांच बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी का उत्तर प्रदेश में बांदा के एक अस्पताल में इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने आज गैंगस्टर से नेता बने मुख्तारी अंसारी के बेटे उमर अंसारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। इस याचिका में उन्होंने दलील दी थी कि उनके पिता की जान को खतरा है। साथ ही उमर ने यह मांग भी की थी कि ऐसे में मुख्तार को यूपी के बाहर किसी भी जेल में शिफ्ट किया जाए। गौरतलब है कि ये याचिका साल 2023 में दाखिल की गई थी। उस वक्त मुख्तार जीवित थे। इसी साल 28 मार्च को दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार की मौत हो गई थी।
शीर्ष अदालत की जस्टिस हृषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान उमर अंसारी ने आरोप लगाया कि उनके पिता को जेल में जो खाना दिया जा रहा था उसमें ‘जहर’ था। इतना ही नहीं उन्हें जरूरी चिकित्सा उपचार भी नहीं दिया गया, जिसके कारण हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई।
उमर अंसारी का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पीठ से कहा कि हम बस इतना कह सकते हैं कि हमें जिसका डर था, वही हुआ। इस पर पीठ ने कहा कि हम उन्हें वापस नहीं ला सकते। आप यह अच्छी तरह से जानते हैं। साथ ही कहा कि याचिकाकर्ता ने मुठभेड़ जैसी स्थिति की आशंका जताई थी।