मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा NIA की कस्टडी में है

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NIA खंगालेगी 2008 के कॉल रिकॉर्ड्स

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

26/11 को हुए मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी के कब्जे में है। NIA ने तहव्वुर राणा को नई दिल्ली स्थित CGO कॉम्प्लेक्स मुख्यालय में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ रखा है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक तहव्वुर राणा के आसपास भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं, जो 24 घंटे उस पर नजर रखते हैं। हालांकि इसी बीच एक और खबर सामने आ रही है। NIA की कस्टडी में मौजूद तहव्वुर राणा ने 3 चीजों की मांग की है।
तहव्वुर राणा की 3 मांगे
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार तहव्वुर राणा ने जेल में कुरान की मांग की थी। ऐसे में उसे कुरान की एक कॉपी दी गई है। कुरान के अलावा तहव्वुर राणा ने पेन और पेपर मांगा था। उसकी तीनों मांगे पूरी कर दी गई हैं। हालांकि सुरक्षाबल उस पर हमेशा नजर रखते हैं कि कहीं पेन से वो खुद को कोई नुकसान न पहुंचा ले। इन तीन चीजों के अलावा अभी तक उसने कुछ भी नहीं मांगा है।
रोज पढ़ता है 5 वक्त की नमाजजेल में तहव्वुर राणा को बाकी कैदियों की तरह ही रखा गया है, उसे अलग से कोई खास सुविधा नहीं दी गई है। तहव्वुर राणा पांच वक्त की नमाज भी अदा करता है। जेल में उसे रोज दिन में पांच बार नमाज पढ़ते हुए देखा जाता है।

न्यायालय ने दी 18 दिन की रिमांड

अदालत के आदेश पर तहव्वुर राणा को हर दूसरे दिन उसके वकील से मिलने की अनुमति है। उसे वो सारी सुविधाएं मिल रही हैं, जो हिरासत में मौजूद बाकी कैदियों को दी जाती हैं। बता दें कि अमेरिका से वापसी के बाद NIA ने शुक्रवार की सुबह तहव्वुर राणा को दिल्ली की अदालत में पेश किया था। इस दौरान न्यायालय ने उसे 18 दिन की रिमांड पर भेज दिया है।

NIA खंगालेगी 2008 के कॉल रिकॉर्ड्स

मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा NIA की रिमांड पर है। इस दौरान NIA तहव्वुर राणा से कई राज उगलवाने की कोशिश कर रही है। हाल ही में तहव्वुर राणा का दुबई लिंक भी देखने को मिला था। वहीं अब NIA तहव्वुर राणा की आवाज का सैंपल लेने की तैयारी कर रही है, जिसके बाद पुराने सभी कॉल रिकॉर्ड्स को खंगाला जा सकता है।
तहव्वुर की आवाज का सैंपल क्यों जरूरी?

तहव्वुर राणा की कॉल रिकॉर्ड का सैंपल लेने के बाद NIA पुराने कॉल रिकॉर्ड्स में उसकी आवाज मैच करेगी, जिससे मुंबई हमले में उसकी भूमिका साफ हो जाएगी। NIA को शक है कि 26/11 आतंकी हमले के दौरान तहव्वुर राणा ने फोन पर आतंकियों को दिशानिर्देश दिए थे, जिसके जरिए इस हमले को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था।सैंपल देने से मना कर सकता है तहव्वुर

हालांकि इस टास्क में NIA के सामने एक बड़ी चुनौती हो सकती है। आवाज का नमूना लेने के लिए इसमें तहव्वुर राणा की मंजूरी होना जरूरी है। ऐसे में अगर तहव्वुर राणा इसके लिए मना कर देता है, तो NIA उसकी आवाज का सैंपल नहीं ले सकेगी। साथ ही तहव्वुर राणा का इनकार चार्जशीट में दर्ज किया जाएगा, जो ट्रायल के दौरान तहव्वुर के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।

कैसे लिया जाएगा सैंपल?

अगर तहव्वुर राणा आवाज का नमूना देने के लिए मान जाता है, तो केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) के विशेषज्ञ नई दिल्ली स्थित NIA मुख्यालय में तहव्वुर राणा की आवाज का सैंपल लेंगे। यह काम किसी बंद कमरे में किया जाएगा, जिससे बाहर का शोर अंदर न जा सके और तहव्वुर की आवाज अच्छी तरह से रिकॉर्ड हो जाए।

तहव्वुर राणा का दुबई कनेक्शन

बता दें कि मुंबई हमले की प्लानिंग के दौरान तहव्वुर राणा ने पूरे शहर की रेकी की थी। हालांकि इससे पहले दुबई में तहव्वुर की मुलाकात किसी अंजान शख्स से हुई थी। NIA तहव्वुर राणा से पूछताछ के दौरान उस शख्स का पता लगाने की कोशिश कर रही है। मुंबई हमले की तैयारी के लिए तहव्वुर राणा ने एक ऑफिस भी लीज पर लिया था। इसी ऑफिस में बैठकर मास्टरमाइंड डेविड हेडली ने 26/11 हमले का पूरा खाका तैयार किया था। इस हमले में मुंबई में भीड़भाड़ वाली जगहों को निशाना बनाया गया, जिसमें 166 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।

NIA की रिमांड में है तहव्वुर

तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने के बाद उसे अदालत में पेश किया गया। न्यायालय ने तहव्वुर को 18 दिन की रिमांड पर भेजा है। तहव्वुर को कड़ी सुरक्षा के बीच NIA के CGO कॉम्प्लेक्स में रखा गया है। रिमांड के दौरान NIA मुंबई हमले से जुड़े कई सवालों के जवाब खंगाल रही है। NIA यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि इस हमले में पाकिस्तानी नागरिक इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान की क्या भूमिका थी?

 कोर्ट ने तहव्वुर राणा को 18 दिनों की एनआईए रिमांड पर भेजा है। इस दौरान उससे पूछताछ की जानी है। तहव्वुर राणा मामले में मुख्य जांच अधिकारी एनआईए की उप महानिरीक्षक जया रॉय हैं। बताया जाता है कि तहव्वुर राणा को भारत वापस लाने की जिम्मेदारी जया रॉय पर भी थी। जांच अधिकारी जया रॉय का लक्ष्य आंतकी तहव्वुर राणा से उसकी भारत यात्राओं और खास कर के 8 नवंबर से 21 नवंबर, 2008 के बीच की उसकी गतिविधियों और संपर्कों के बारे में जानकारी निकालना है।

18 दिनों की रिमांड पर राणा

कोर्ट ने आदेश दिया है कि तहव्वुर राणा 18 दिनों तक एनआईए की हिरासत में रहेगा। कोर्ट के फैसले के बाद एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा कि इस दौरान आतंकी से विस्तार से पूछताछ की जाएगी। जिससे ये पता लगाया जा सके कि साल 2008 में हुए इस घातक हमलों के पीछे की पूरी साजिश कैसे रची गई। इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी और 238 से अधिक लोग घायल हुए थे।

कौन कर सकेगा तहव्वुर राणा की सेल में प्रवेश

माना जा रहा है कि राणा की रिमांड के दौरान उसकी सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती है। बताया जा रहा है कि एनआईए प्रमुख सदानंद दाते द्वारा अधिकृत कुछ अधिकारी ही जेल के भीतर जा सकेंगे। बता दें कि महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी सदानंद दाते 2008 के हमले के दौरान मुंबई में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात थे। वे उस समय आतंकवादियों से लड़ते हुए गंभीर रूप से घायल हुए थे।
रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि विशेष सुरक्षा गार्ड बारी-बारी से राणा पर नजर रख रहे हैं। वहीं, इन गार्ड्स को आपस में बात करने की अनुमति नहीं दी गई है। बताया गया कि जब राणा को पूछताछ के लिए किसी अन्य शहर में ले जाया जाएगा, उस दौरान खास सावधानी बरती जाएगी।

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