मेरी विश्वसनीयता दांव पर, आप गुमराह नहीं कर पाओगे-CJI

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने वकीलों की एक नई प्रथा पर नाराजगी व्यक्त की है। सीजेआई ने कहा कि विभिन्न वकील एक ही मामले को बार-बार बेंच के सामने लाकर तारीख मांगते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वकील इस तरह की तरकीबें अपनाकर “अदालत को बरगलाने” में सक्षम नहीं होंगे।

एक ही मामला दौबारा आने पर CJI हुए नाराज

लाइव लॉ के अनुसार, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने एक वकील के खनन पट्टे की समाप्ति से संबंधित मामले पर सुनवाई की। इस बीच पीठ ने पाया कि ये मामला कल भी उनके समक्ष उठाया गया था। इसपर मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उपयुक्त आदेश पाने के लिए एक ही मामले को बार-बार उठाने की प्रथा को अब रोकने की जरूरत है।

मेरी व्यक्तिगत विश्वसनीयता दांव पर

  • सीजेआई ने कहा कि यह एक नई प्रथा है। अलग-अलग वकील एक ही मामले को सूचीबद्ध करने के लिए पेश करते हैं और एक बार जज की पलक झपकते ही आपको कोई तारीख मिल जाती है। यह एक ऐसी प्रथा है जो उभर रही है।
  • सीजेआई ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश के तौर पर मेरे पास जो थोड़ा-बहुत विवेक है, उसका इस्तेमाल कभी भी आपके पक्ष में नहीं किया जाएगा। आप अदालत को बरगलाने में सक्षम नहीं होंगे। मेरी व्यक्तिगत विश्वसनीयता दांव पर है। मुझे सभी के लिए मानक नियमों का पालन करना होगा।

वकीलों की खिंचाई की

हाल ही में कई सुनवाई के दौरान, भारत के मुख्य न्यायाधीश ने बारी-बारी से मामलों का उल्लेख करने वाले वकीलों की खिंचाई की है। उन्होंने बार-बार उनसे प्रक्रिया का पालन करने, आवेदन दायर करने और उसके अनुसार मामले को उठाने के लिए कहा है।

 वकील ने एक दलील के बाद अनौपचारिक हां ‘Yeah’ का इस्तेमाल किया, जिसपर सीजेआई गुस्सा हो गए। उन्होंने कहा कि उन्हें इस Yeah से एलर्जी है। उन्होंने वकील को यह भी याद दिलाया कि वह कोर्ट रूम में हैं, न कि किसी कॉफी कैफे में।

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ लगाई याचिका

लाइव लॉ के अनुसार, सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ ने आज एक वादी द्वारा उन्हें राहत न देने के लिए एक न्यायाधीश के खिलाफ आंतरिक जांच की मांग पर आपत्ति जताई। दरअसल, वकील एक याचिका का उल्लेख कर रहा था जिसमें उसने भारत के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को प्रतिवादी के रूप में जोड़ा था। उसने राहत न देने के लिए रंजन गोगोई के खिलाफ आंतरिक जांच की मांग की थी।

सीजेआई ने क्या कहा?

वकील की दलील के बाद सीजेआई ने कहा,आप जज को प्रतिवादी बनाकर जनहित याचिका कैसे दायर कर सकते हैं? इसमें कुछ गरिमा होनी चाहिए। आप यूं ही नहीं कह सकते कि मैं जज के खिलाफ इन-हाउस जांच चाहता हूं। जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज थे। वे भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए। आप यह नहीं कह सकते कि मैं जज के खिलाफ इन-हाउस जांच चाहता हूं क्योंकि आप बेंच के सामने जाने में सफल नहीं हुए। माफ कीजिए, हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।

वकील ने दी ये दलील

दलील देते हुए वकील ने कहा कि Yeah …yeah.. तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई ने मुझे क्यूरेटिव दाखिल करने के लिए कहा था। चीफ जस्टिस ने उनकी बात बीच में ही काट दी और कहा यह कोई कॉफी शॉप नहीं है यहां yeah का इस्तेमाल न करें। वकील ने इसके बाद मराठी में बोलते हुए कहा कि न्यायमूर्ति गोगोई ने एक अवैध बयान के आधार पर उनकी सेवा समाप्ति को चुनौती देने वाली याचिका को गलत तरीके से खारिज कर दिया था और फैसले में “कानून की गंभीर त्रुटियां” थीं।

मुख्य न्यायाधीश ने भी मराठी में जवाब देते हुए कहा कि सही हो या गलत, सर्वोच्च न्यायालय का अंतिम फैसला आ चुका है। आपकी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी गई है। अब आपको क्यूरेटिव दाखिल करना होगा, लेकिन आप कहते हैं कि आप क्यूरेटिव दाखिल नहीं करना चाहते।

 सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को मुंबई के बांद्रा क्षेत्र में बम्बई उच्च न्यायालय के नए परिसर की आधारशिला रखी। इस समारोह में सीएम एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद रहे। समारोह में सीजेआई ने कहा कि भले ही न्यायपालिका बिल्कुल स्वतंत्र है। हालांकि, अदालत के बजट और इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर कोर्ट सरकार के साथ खड़ी है।

बजट के मुद्दे पर हम सरकार के साथ: सीजेआई

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, सीजेआई ने कहा, इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट्स के न्यायधीश अपना काम पूरी स्वतंत्रता से करते हैं, लेकिन जब भी बात बजट और बुनियादी ढांचे की आती है, तो हम सरकार के साथ खड़े होते हैं। यह न्यायाधीशों के लिए निजी प्रोजेक्ट्स नहीं है।

बुनियादी ढांचे के मामले में हमेशा कोर्ट के साथ खड़ी रहेगी सरकार: सीएम शिंदे

वहीं, मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि जब भी नए बुनियादी ढांचे या अदालतों के डिजिटलीकरण आदि जैसी किसी अन्य परियोजना की बात आएगी तो सरकार हमेशा न्यायपालिका का समर्थन करेगी। मुख्यमंत्री ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर भी जोर दिया और कहा कि सरकार ने महिलाओं के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए ‘प्रणाली को मजबूत’ किया है।

 

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