राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस: ज़िले में 16 से 21 सितंबर तक बच्चों को दी जायेगी अल्बेंडाजोल की गोली

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस: ज़िले में 16 से 21 सितंबर तक बच्चों को दी जायेगी अल्बेंडाजोल की गोली

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

3425 आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को खिलाई जाएगी दवा:
बच्चों को सावधानीपूर्वक खिलाई जाएगी दवा: सिविल सर्जन
ज़िलें के सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को किया जाएगा प्रशिक्षित: डीआईओ

श्रीनारद मीडिया‚ पूर्णिया, (बिहार):

नवजात शिशुओं को कुपोषण से मुक्ति दिलाने एवं रक्त की कमी की समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दौरान बच्चों को पेट में कीड़ा मारने की दवा खिलाने का अभियान 16 से 21 सितंबर तक जिले में चलाया जाएगा। इस दौरान बच्चों को जानकारी देने के बाद ही बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा आशा कार्यकर्ताओं द्वारा अपने सामने में खिलायी जायेगी। यह दवा खाली पेट किसी को भी नहीं खिलायी जानी चाहिए। एक से दो साल तक के बच्चों को आधा टैबलेट एवं उससे अधिक उम्र के लोगों को एक टैबलेट खिलानी है।

डोर टू डोर भ्रमण कर अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशानुसार के आलोक में 01 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को कृमि मुक्त करने को लेकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम जिले में 16 से 21 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। इस अभियान के तहत ज़िले के सभी 3425 आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाने वाले लक्षित 01 से 5 वर्ष तक के बच्चें एवं स्कूल जाने वाले 06 वर्ष से 19 वर्ष तक के स्कूली बच्चों एवं स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को भी आशा कार्यकर्ताओ द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी।

बच्चों को सावधानियों के साथ खिलाई जाएगी दवा: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दौरान सभी तरह के बच्चों को दवा खिलाते समय कुछ सावधानियां भी बरतनी होगी। जैसे कि अगर किसी बच्चे को कोई गंभीर बीमारी या संक्रमण के कारण उपचार किया जा रहा है या कोई भी बच्चा सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में परेशानी है तो, उसे यह दवा नहीं खिलाई जाएगी। साथ ही बच्चा अगर कोविड-19 ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आया है तो इसकी भी पुष्टि करनी होगी। हालांकि दवा खाने से नुकसान तो नहीं होता है लेकिन सावधानी के तहत ऐसे बच्चों को दवा नहीं दी जाएगी। 01 से 02 वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली को बुरादा बनाकर पानी के साथ, 02 से 03 वर्ष एक पूरी गोली चुरा बनाकर पानी के साथ तथा 03 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली पूरी तरह से चबाकर ही खिलाया जाना है।

ज़िलें के सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को किया जाएगा प्रशिक्षित: डीआईओ
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विनय मोहन ने बताया नवजात शिशुओं या स्कूली बच्चों में कृमि संक्रमण अस्वच्छता एवं दूषित या गंदे मिट्टी के संपर्क में आने से होती है। कृमि संक्रमण से छोटे-छोटे मासूमों के पोषण एवं हीमोग्लोबिन स्तर पर गलत दुष्प्रभाव पड़ता है। जिस कारण बच्चों में शारीरिक व बौद्धिक विकास नहीं हो पाता है। दवा खिलाने के दौरान कोविड-19 गाइड लाइन का पालन किया जाना सुनिश्चित रहेगा।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों जैसे- सामाजिक दूरी, व्यक्तिगत स्वच्छता, मास्क, सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य रूप से करना होगा। ज़िले के सभी सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले 01 से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाई जानी है। इसके लिए ज़िले की सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं, आशा कार्यकर्ताओं एवं शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। जिनकी निगरानी में स्कूलों में दोपहर के भोजन के बाद बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी। इस दवा के सेवन से वंचित रहने वाले सभी छूटे हुए बच्चों को चिह्नित कर उन्हें स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बुलाकर दवा खिलाई जाएगी।

यह भी पढ़े

मैं कश्मीरी पंडित हूं, जम्मू-कश्मीर आने पर लगता है घर जैसा-राहुल गांधी.

जाति आधारित जनगणना में मुसलमानों को भी शामिल किया जाये-मुस्लिम निकाय.

पट्टीदारों में जमीनी समझौता नहींं हुआ तो लोगों ने बना दिया बाजार का मुख्य कुड़ास्थल

सिधवलिया‚ बैकुंठपुर में चल रहे अवैध अल्ट्रासाउंड को प्रशासन ने किया सील

Leave a Reply

error: Content is protected !!