राष्ट्रीय बालिका दिवस – शहर के निजी स्कूल में “बेटी मां- बाप की जान है
डूबते को मिल जाए किनारा” थीम के तहत किया गया आयोजन:
बालिकाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और उनके सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना मुख्य उद्देश्य: डॉ अंजू सिंह
श्रीनारद मीडिया, छपरा,(बिहार):
छपरा शहर के सेंट जॉर्ज प्ले मून स्कूल के सभागार में ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति के बैनर तले “बेटी मां-बाप की जान है. डूबते को मिल जाए किनारा” थीम के तहत राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापक सचिव डॉ अंजू सिंह, रिया रंजन, अनीशा, रश्मि विनीता, ऋतिका, रूपाली गुप्ता, रूबी, कविता पटेल, सौम्या सहित कई अन्य शिक्षिकाएं उपस्थित थी। इस अवसर पर संस्था की सचिव डॉ अंजू सिंह के द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता में सफ़ल रूही, आयुषी पटेल, रागिनी, अमृता, अनु राज, आयुषी जबकि भाव नृत्य में 6 वर्षीय नन्हीं बच्ची दीपिका को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित किया गया।
बालिकाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और उनके सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना मुख्य उद्देश्य: डॉ अंजू सिंह
पोस्टर और भाव नृत्य में सफल प्रतिभागी बच्चियों को प्रोत्साहित करते हुए ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापक सचिव डॉ अंजू सिंह ने कहा कि जनवरी 2015 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की सालगिरह को चिह्नित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। आगे उन्होंने यह भी कहा कि बालिकाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और उनके सशक्तिकरण व मानवाधिकारों को प्रोत्साहन देना इसका मुख्य उद्देश्य है। क्योंकि बालिकाओं के सामने आने वाली असमानताओं को उजागर करने और उनके अधिकारों, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व सहित जागरूकता को बढ़ावा देकर सबल बनाना है।
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