राष्ट्रभाषा हिन्दी राष्ट्रीय एकता की प्रतीक: डीडीसी
हिन्दी दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय समारोह का हुआ भव्य आयोजन
श्रीनारद मीडिया, चद्रशेखर, छपरा (बिहार):
राष्ट्रभाषा हिंदी राष्ट्रीय एकता की प्रतीक है. यह राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान के साथ जनमानस की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है.
उक्त बातें प्रभारी डीएम-सह-डीडीसी प्रियंका रानी ने जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के सभागार में जिला प्रशासन के तत्वावधान में आयोजित हिंदी दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहीं.
उन्होंने हिन्दी को लोकभाषा बनाने लिए इसके व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता जतायी. उन्होंने बताया कि भारत विभिन्न भाषाओं एवं संस्कृति वाला देश है, परन्तु हिन्दी भाषा को संवैधानिक रुप से भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है. यह सबसे अधिक बोली या समझी जाने वाली भाषा है. 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा के द्वारा हिन्दी को राजभाषा के रूप में अंगीकृत किया गया. बिहार हिन्दी भाषी राज्य है यहाँ 1950 से ही राजभाषा अधिनियम लागू है.
श्रीमती रानी ने आगे कहा कि राजभाषा हिन्दी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिन्दी दिवस का आयोजन किया जाता है.
वहीं जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी संजय कुमार ने अपने संबोधन में वर्तमान में हिंदी की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए इसके नैसर्गिक विकास पर बल दिया. उन्होंने कहा कि हिन्दी हमारे देश की सबसे समृद्ध भाषा है, इसे सभी लोग बड़ी सहजता से लिखते, पढ़ते और समझते हैं. उन्होंने आम लोगों से दैनिक कार्यों का निष्पादन हिन्दी में करने पर जोर देते हुए सरकारी कार्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों में हिन्दी में कार्य पद्धति को बढावा देने की आवश्यकता जताई.
इस अवसर पर पुलिस उपाधीक्षक सौरभ जायसवाल, एएसडीएम सदर अर्शी शाहीन, जिला सामान्य शाखा प्रभारी पदाधिकारी चांदनी सुमन, जिला स्तरीय पदाधिकारी समेत समाहरणालय एवं डीआरडीए के कर्मी ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए.
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