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राष्ट्रीय पोषण माह: इस बार स्थानीय पौष्टिक आहार के अधिक से अधिक सेवन पर अधिक जोर - श्रीनारद मीडिया

राष्ट्रीय पोषण माह: इस बार स्थानीय पौष्टिक आहार के अधिक से अधिक सेवन पर अधिक जोर

राष्ट्रीय पोषण माह: इस बार स्थानीय पौष्टिक आहार के अधिक से अधिक सेवन पर अधिक जोर

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पोषण माह में गोद भराई का विशेष महत्व:
स्थानीय पौष्टिक भोजन की जानकारी के लिए वृक्षारोपण, भोजन पकाने की विधि का आयोजन किया जा रहा:
कुपोषण छोड़ पोषण की ओर-थामें क्षेत्रीय भोजन की डोर: डीपीओ
पोषण माह के दौरान गोद भराई कार्यक्रम का हुआ आयोजन: निधि प्रिया
पोषण अभियान से संबंधित जानकारी डैश बोर्ड पर की जानी है इन्ट्री

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):

कोविड-19 संक्रमण वायरस से लड़ने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान क्षेत्रीय स्तर के भोज्य पदार्थों का रहा है। शायद इसी कारण आईसीडीएस द्वारा “कुपोषण छोड़ पोषण की ओर-थामे लोकल भोजन की डोर” थीम को लेकर पोषण माह मनाया जा रहा हैं। आईसीडीएस की डीपीओ राखी कुमारी ने बताया पोषण माह के दौरान 0 से लेकर 06 वर्ष तक के बच्चों की ऊंचाई और वजन माप के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। वहीं गर्भवती महिलाओं के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध पौष्टिक भोजन की जानकारी को सामने लाने के लिए वृक्षारोपण, भोजन पकाने की विधि का आयोजन किया जा रहा है। 01 से 30 सितम्बर तक चलाये जाने वाले राष्ट्रीय पोषण माह में स्थानीय स्तर पर क्षेत्रीय पोषण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं में आवश्यक सुधार करते हुए स्थानीय पोषण को बढ़ावा देना एवं पोषण अभियान को सामुदायिक स्तर पर जन-जन तक पहुंचाने के लिए जनांदोलन चलाया जाना है।

कुपोषण छोड़ पोषण की ओर-थामें क्षेत्रीय भोजन की डोर: डीपीओ
आईसीडीएस की जिला प्रोग्राम पदाधिकारी राखी कुमारी ने बताया वर्ष 2021 में पोषण माह का थीम ”कुपोषण छोड़ पोषण की ओर-थामें क्षेत्रीय भोजन की डोर” बनाया गया है। ताकि स्थानीय स्तर पर स्थानीय पौष्टिक आहार का अधिक से अधिक सेवन किया जाए। जिसके तहत 01 से 15 सितम्बर तक ज़िले की सभी आंगनबाड़ी सेविका, आशा एवं एएनएम के संयुक्त रूप से समन्वय स्थापित कर विशेष अभियान संचालित करते हुए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषक क्षेत्र के सभी 0 से 6 साल तक के बच्चों का वजन, ऊंचाई/ लंबाई की माप लिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। ताकि बच्चों के पोषण स्तर यथा- सामान्य कुपोषित एवं अतिकुपोषित की जानकारी मिल सके। पोषण से संबंधित जानकारी या जागरूकता अभियान के तहत वृक्षारोपण, जागरूकता रैली, पोषण संदेश, हाथ धुलाई कार्यक्रम, स्वच्छता सहित कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही सरकार द्वारा जारी आवश्यक दिशा-निर्देश के अनुसार जिले में चलाया जा रहे पोषण माह का अयोजन कोविड-19 के नियमों का अनुपालन को अपनाते हुए सभी तरह की गतिविधियों को संपन्न किया जाना है।

पोषण माह के दौरान गोद भराई कार्यक्रम का हुआ आयोजन: निधि प्रिया
गोदभराई कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्वयक निधि प्रिया ने बताया ज़िले के सभी 3425 आंगनबाड़ी केंद्रों पर सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं की देखरेख में पोषण माह के दौरान गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण काल के दौरान अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता, एएनएम व महिला चिकित्सकों के संपर्क में रहने के लिए आवश्यकता अनुसार सलाह लेते रहना है। उन्होंने यह भी कहा गर्भवती महिलाओं को आपने स्वास्थ्य से संबंधित विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि इस दौरान गर्भवती महिलाओं के शरीर में बहुत ज़्यादा बदलाव होते रहता हैं। गर्भावस्था के दौरान आहार में विविधता की जरूरत होती है इसलिए अपने आहारों में ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल करना चाहिए, जिसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट एवं वसा की अत्यधिक मात्रा उपलब्ध हो। पोषण के रूप में घर के आसपास या खेतों से हरी पत्तीदार सब्जियां आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। इसके साथ ही ताजे फल इत्यादि का इस्तेमाल भी करना चाहिए। अपने शरीर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि आपके साथ एक ही बल्कि दो-दो जिंदगियां जुड़ी हुई हैं।

पोषण अभियान से संबंधित जानकारी डैश बोर्ड पर की जानी है इन्ट्री: ज़िला सहायक
जिला पोषण अभियान के जिला सहायक सुधांशु कुमार ने बताया ज़िले के सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं, आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं द्वारा 15 सितम्बर तक समन्वय स्थापित कर चलाये गये अभियान से प्राप्त पोषण स्तर की जानकारियों को पोषण ट्रैकर एवं पोषण अभियान डैश बोर्ड www.poshanabhiyaan.gov.in पर निश्चित रूप से संधारित किया जाना है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर 17 मंत्रालयों सहित राज्य, जिला और प्रखंड स्तर पर लगभग 14 विभागों के लिए उपयोगकर्त्ता खाते बनाए गये हैं। जो पोषण अभियान का हिस्सा हैं। इन्हें प्रत्येक मंत्रालय व विभिन्न राज्यों के साथ अलग-अलग साझा किया गया है। पहचान में आसानी से सुनिश्चित करने के लिए डैशबोर्ड के उपयोगकर्त्ता का नाम बनाने के लिए एक समान प्रारूप का पालन किया गया है।

 

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