भगतसिंह के शहादत दिवस पर दरौली में निकाला देशव्यापी युवा अधिकार मार्च

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मार्च में नवजवान रहे शामिल।*

23 मार्च से 14 अप्रैल रोजगार बचाओ,देश बचाओ अभियान

अमर शहीदों का पैगाम,जारी रखना ये संग्राम

भगतसिंह, अम्बेडकर की क्रान्तिकारी वीरासत की हिफाजत करो। आजादी आन्दोलन की उपलब्धि संविधान व बाबा साहब के सपनो पर हमला नही सहेंगे

देश की संपदाओं को बेचना आजादी के मूल भावना के खिलाफ है, इसकी खिलाफत करे।

सम्मानजनक रोजगार के लिए आन्दोलन तेज करें।

श्रीनारद मीडिया‚ अमित कुमार‚ दरौली‚ सीवान (बिहार)

दरौली समुदायिक भवन पर भगतसिंह के शहादत दिवस के अवसर पर इंकलाबी नवजवान सभा के बैनर तले देशब्यापि युवा अधिकार मार्च दरौली बाजार से थाना मोड़ होते हुए दरौली समुदायिक भवन पर छात्र युवाओं का संवाद कार्यकर्म का किया गया आयोजन युवाओं को सम्बोधित करते हुए इनौस के राज्य परिषद सदस्य जगजीतन शर्मा के कहा कि 23 मार्च को शहीदे आजम भगतसिंह, सुखदेव,राजगुरु औऱ कान्तिकारी कवि अवतार सिंह पाश का शहादत दिवस है 31,मार्च को कॉमरेड चंद्रशेखर का शहादत दिवस है व 14 अप्रैल बाबा साहब अम्बेडकर की जयंती है इस लिए 23 मार्च से 14 अप्रैल का समय देश औऱ देश के नवजवानों के खास मायने रखता है पिछले कुछ वर्षों में खास कर जब से मोदी सरकार सता में आई है तब से भगतसिंह, डॉ, अम्बेडकर के विचारों व सपनो पर हमला तेज कर दिए है इसलिए ऐसे समय मे हमारी जिम्मेदारी है कि इन हमलों का मुकाबला करते हुए भगतसिंह, डॉ, अम्बेडकर व हमारे अमर सहीदो के सपनो का देश बनाने के लिए संघर्ष तेज करें।

रोजगार के नए अवसरों का सृजन करने की बात तो दूर पहले से मौजूद अवसरों को भी खत्म किया जा रहा है अग्निपथ योजना लाकर देश की सेना को कमजोर किया गया साथ ही साथ सेना के अलग अलग संस्थानों में बहाली के लिए तैयारी करने वाले लाखों नोजवानो के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया आज देश मे रोजगार के हालात तो यह है कि पहले से मौजूद रोजगार के अवसरों को अपने दुलारे पूंजीपतियों के हाथों नीलामी किया जा रहा है रेलवे जो हर साल 30,40 हजार नवजवानों को रोजगार देता था

उसको बेचा जा रहा है रेलवे सहित तमाम सरकारी संस्थानो,संस्थाओं,व कंपनियो को बेच कर रोजागर के अवसरों को खत्म किया जा रहा है एयरपोर्ट,एयर इंडिया,बीएसएनएल,एमटीएनएल,एलआईसी,कोल इंडिया,इंडिया ऑयल,भारत पेट्रोलियम,हिन्दुतान पेट्रोलियम,ओएनजीसी, हेल, भेल,सेल,हाईवे, पाइपलाइन,सहित देश के दर्जनों सरकारी संस्थानों को नीलामी किया जा रहा है जो बड़ी संख्या में नवजवानों को रोजगार देते थे,वही दूसरी तरफ अपने दुलारे पूंजीपति अडानी जैसे के लिए सरकारी खजानों के दरवाजे खोल दिए गए है,

एक तरफ मोदी सरकार ने नवजवानों को ऐतिहासिक बेरोजगारी में धकेल दिया है वही दूसरी तरफ बेरोजगार नोजवानो के दिमाग मे नफरत का जहर भर उन्हें खास संप्रदाय के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाया जा रहा है जब देश की आजादी और संविधान पर हमले हो रहे हो और देश को नफरत की आग में झोंकने की दिन ,रात कोशिशें हो रही हो तो भगतसिंह अम्बेडकर के विचार और भी ज्यादा प्रासंगीक हो जाते है आज हिन्दू राष्ट्र के नाम पर भाजपा,आरएसएस देश मे नफरत का कारोबार चलाया हुआ है संविधान की जगह मनुस्मृति थोपने की कोशिश की जा रही है ऐसे में अम्बेडकर के कथन याद आते है जिसमे उन्होंने कहा था कि अगर हिन्दू राज एक हकीकत बन गया तो निस्संदेह यह इस मुल्क के लिए सबसे बड़ी बिपति होगा यह स्वतनत्रता समता और भाईचारे के लिए खतरा है इस लिए यह लोकतंत्र के साथ चलने में अक्षम है हिन्दू राज को किसी भी कीमत पर रोकना जाना चाहिए,,

आज गोदी मीडिया देश मे सरकारी निर्देश पर नफरत का कारोबार चला रही है आजादी आन्दोलन के समय भी कुछ मीडिया अंग्रेजी हुकूमत के निर्देश पर ऐसा ही कर रहा था तत्कालीन मीडिया पर कड़ी टिप्पणी करते हुए भगतसिंह पत्रकारिता के काले पक्छ को उजागर करते हुए लिखते है कि सम्प्रदायिक दंगों को भड़काने में अखबार विशेष हिस्सा लेते थे,पत्रकारिता का व्यवसाय किसी समय बहुत ऊंचा समझा जाता था आज बहुत ही गन्दा हो गया है यह लोग एक दूसरे के विरुद्ध बड़े मोटे शिर्षक देकर लोगो की भावनाएं हड़काते है औऱ परस्पर सिर फुटौव्वल करवाते है एक दो जगह ही नही कितने ही जगहों पर इसलिए दंगे हुए है कि स्थानीय अखबारों ने बड़े उतेजनपूर्ण लेख लिखे ऐसे लेखक बहुत कम है जिनका दिल व दिमाग ऐसे दिनों में भी शान्त रहा हो

आइए ऐसे समय मे देश को इस तबाही बर्बादी से बाहर निकालने के लिए नोजवानो की एकता बनाई जाए और देश की आजादी संविधान व नवजवानों के भविष्य पर हो रहे चौतरफा हमले का मुकाबला करे और भगतसिंह अम्बेडकर के सपनो का देश बनाने के लिए आगे आये
मौके पर दरौली मुखिया लालबहादुर भगत,लालबाबू पासवान,शिवनाथ राम,बचा प्रसाद,बहारन,अरबिन्द सैनी,इंदल कुमार, अरबिन्द खरवार,दीपक,अखिलेश राम,सोल्जर कुमार,मिर्तुंजय कुमार,मुना मिया,नीतीश कुमार,राजेश शर्मा,राकेश कुमार,अजय कुमार,कुष्णकुमार ,बबन राजभर,वीरेन्द्र राजभर,केदार जी,आनंद बिहारी,संजय सिह, आदि लोग रहे।

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