NCP:शरद पवार,तारिक अनवर और पीए संगमा ने एनसीपी का गठन किया था,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
Nationalist Congress Party: आज से 24 साल पहले जब शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की स्थापना की थी, तब उन्होंने शायद नहीं सोचा होगा कि एक दिन अपने ही धोखा देंगे। शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने 24 साल बाद आखिरकार बगावत कर दी, जिससे अब पार्टी पर संकट का बादल मंडराने लगा है।
बता दें कि अजित पवार ने रविवार यानी कि दो जून 2023 को एनसीपी से बगावत करते हुए महाराष्ट्र की शिंदे सरकार को अपने कुछ विधायकों के साथ समर्थन दे दिया। राज्य सरकार में उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया है। वहीं, शरद पवार ने एनसीपी प्रमुख के रूप में उनके खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
दरअसल, एनसीपी भी बगावत की देन है, जो अब 24 साल पुरानी पार्टी बन चुकी है। शरद पवार, तारिक अनवर और पीए संगमा ने 10 जून 1999 को एनसीपी का गठन किया था। इन तीनों ने सोनिया गांधी के खिलाफ बगावत करने के बाद एनसीपी की नींव रखी थी। इसका चुनाव चिह्न एक अलार्म घड़ी है।
कौन बने थे एनसीपी के प्रमुख?
एनसीपी के गठन से ही इसका बागडोर शरद पवार संभाल रहे हैं। यानी कि 10 जून 1999 से लगातार शरद पवार ही एनसीपी के प्रमुख हैं। उन्होंने अपने नेतृत्व में पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाया। भारतीय राजनीति में अलग पहचान बनाई। हालांकि, हाल ही में चुनाव आयोग ने एनसीपी को राष्ट्रीय पार्टी की दर्जे से बाहर कर दिया है।
क्यों हुआ था एनसीपी का गठन?
यूं तो एनसीपी का गठन 10 जून 1999 को हुआ था, लेकिन इसकी नींव 24 मई 1999 को ही रख दी गई थी। दरअसल, 24 मई को शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के फैसले का विरोध कर दिया था। इन्होंने कहा था कि सोनिया गांधी एक विदेशी महिला हैं और वह कांग्रेस की अध्यक्ष नहीं बन सकती है। इस वजह से कांग्रेस इनके बयान से खफा हो गई।
इसके बाद, पार्टी के खिलाफ बगावत करने के लिए तीनों नेताओं को कांग्रेस से बाहर कर दिया गया। कांग्रेस से निष्कासित होने के बाद इन नेताओं ने एनसीपी का गठन किया। एनसीपी ने काफी शानदार प्रदर्शन किया और महाराष्ट्र से निकलकर पूरे देश में फैल गई। एनसीपी को एक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था, जो हाल ही में छिन गया है।
एनसीपी के गठन में किसने निभाई थी भूमिका?
शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर- इन तीनों नेताओं ने मिलकर एनसीपी की स्थापना की थी। हालांकि, एनसीपी में अब सिर्फ शरद पवार बचे हैं। 2012 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पीए संगमा ने पार्टी छोड़ दी थी। बाद में, उन्होंने नेशनल पीपल्स पार्टी बनाई, जो देश की एक राष्ट्रीय पार्टी है।
इधर, 2018 में पीएम मोदी को राफेल मुद्दे पर एनसीपी द्वारा क्लीन चीट दिए जाने से नाराज होकर तारिक अनवर ने भी पार्टी छोड़ दी। तारिक अनवर ने एनसीपी छोड़ने के बाद फिर से कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी।
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