एनडीए ने राज्यसभा में छुआ बहुमत का आंकड़ा
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केंद्र में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने संसद के ऊपरी सदन राज्य सभा में बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। अब एनडीए के इस सदन में 112 सांसद हो गए हैं। मौजूदा राज्य सभा उप चुनावों में 12 सांसद निर्विरोध चुने गए हैं। इनमें से 9 सांसद भाजपा के हैं, जबकि दो उसके सहयोगी दलों के हैं। राज्य सभा में अब भाजपा सांसदों की संख्या बढ़कर 96 हो गई है।
राज्य सभा उप चुनावों में निर्विरोध चुने जाने वाले तीन अन्य सदस्यों में एनडीए के सहयोगी एनसीपी के अजित पवार गुट के एक सदस्य और राष्ट्रीय लोक मंच के उपेंद्र कुशवाहा शामिल हैं। इनके अलावा कांग्रेस के भी एक सांसद का निर्विरोध चुनाव हुआ है। राज्यसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन को छह मनोनीत और एक स्वतंत्र सदस्य का भी समर्थन प्राप्त है। इस तरह एनडीए को कुल 119 सांसदों का समर्थन अब उच्च सदन में हासिल है, जबकि विपक्ष के सदस्यों की संख्या 85 हो गई है।
राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं। फिलहाल आठ सीटें खाली हैं। इनमें से चार सीटें जम्मू-कश्मीर से हैं जबकि चार सीटें नामांकन कोटे की हैं। इस लिहाज से मौजूदा समय में उच्च सदन में सदस्यों की कुल संख्या 237 है जबकि बहुमत का आंकड़ा 119 है।
कौन-कौन हुए निर्विरोध निर्वाचित?
भाजपा के जो उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं, उनमें असम से रामेश्वर तेली और मिशन रंजन दास, बिहार से मनन कुमार मिश्रा, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से धिर्य शील पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता, राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू और त्रिपुरा से राजीव भट्टाचार्जी शामिल हैं।
इनके अलावा सहयोगी दलों से महाराष्ट्र से अजित पवार गुट वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से नितिन पाटिल और बिहार से राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी भी तेलंगाना से निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।
उधर, कांग्रेस की राज्य सभा में नेता विपक्ष की कुर्सी भी सुरक्षित रहेगी. राज्य सभा में कांग्रेस की संख्या एक बढ़कर 27 हो गई है, जो नेता विपक्ष की कुर्सी के लिए जरूरी 25 सीटों से दो अधिक है.
राज्यसभा सदन के लिए होने वाले उपचुनाव की वोटिंग से पहले ही बीजेपी के 9 और सहयोगी दलों के 2 सदस्य निर्विरोध चुने गए. ऐसे में नौ सदस्यों के साथ, बीजेपी की ताकत 96 हो गई है, जिससे राज्यसभा में एनडीए के सदस्यों की संख्या अब बढ़कर 112 हो गई है.
निर्विरोध चुने गए तीन अन्य सदस्यों में एनडीए के सहयोगी एनसीपी के अजित पवार गुट और राष्ट्रीय लोक मंच के एक-एक सदस्य शामिल हैं. इसके अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए को छह मनोनीत और एक स्वतंत्र सदस्य का भी समर्थन मिला हुआ है. इसके साथ ही कांग्रेस का भी एक सदस्य निर्वाचित हुआ. दरअसल, राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं. इसमें से फिलहाल, 8 सीटें रिक्त हैं. जिसमें से चार जम्मू-कश्मीर से और चार मनोनीत सदस्यों के लिए रहेगी. हालांकि, सदन की वर्तमान ताकत 237 है, इसलिए बहुमत का आंकड़ा 119 है.
अब NDA को बहुमत पाना हुआ आसान
ऐसे में राज्यसभा में बहुमत प्राप्त करने के लिए एनडीए एक दशक से कोशिश में लगा हुआ है, जिससे विवादास्पद विधेयकों को पारित करना उसके लिए आसान हो जाएगा. वहीं, पिछले कुछ सालों में इंडिया गठबंधन की भारी मौजूदगी के चलते अक्सर राज्यसभा में विवादास्पद सरकारी विधेयकों को रोके रखा है.