‘पहले कभी नहीं देखी गई ऐसी अनुशासनहीनता’—पीयूष गोयल.

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गोयल ने सांसदों के निलंबन को सही ठहराया.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 12 सांसदों के निलंबन के फैसले को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सही ठहराया है। अपने एक बयान में पीयूष गोयल ने कहा है कि, ‘सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए विपक्ष के 12 सांसदों को निलंबित करने का फैसला लिया गया। पिछले मानसून सत्र में हमने जिस तरह की अनुशासनहीनता देखी, वो पहले कभी नहीं देखी गई। एक विपक्षी सांसद ने एलईडी स्क्रीन को तोड़ने की कोशिश की, तो कुछ सांसदों ने महिला मार्शलों पर हमला किया। सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए कार्रवाई महत्वपूर्ण है।’

विपक्ष की सभापति से मुलाकात

इस बीच राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कुल 8 विपक्षी दल के नेताओं ने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की है। विपक्षी नेता चाहते हैं कि, सभापति सांसदों के निलंबन पर फिर से विचार करें। वहीं, सभापति एम वेंकैया नायडू ने साफ कर दिया है कि, सदन के उचित कामकाज के बिना सांसदों का निलंबन खारिज करना संभव नहीं है।

विपक्षी नेताओं का वाकआउट

गौरतलब है कि, राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में एक और बैठक की। यह बैठक दोनों सदनों से विपक्षी नेताओं के वाकआउट और संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन के बाद हुई। एम वेंकैया नायडू द्वारा 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को खारिज करने के बाद विपक्षी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा से वाकआउट कर दिया था।

आपको बतादें, संसद के मानसून सत्र के दौरान हंगामा करने के आरोप में शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा के 12 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। निलंबित सांसदों में कांग्रेस के छह, टीएमसी और शिवसेना के दो-दो और सीपीएम और सीपीआई के एक-एक सांसद शामिल हैं।

निलंबित सांसदों के नाम

निलंबित सांसदों में एलाराम करीम (सीपीएम), फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, आर बोरा, राजमणि पटेल, कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन और अखिलेश प्रसाद सिंह, भाकपा के बिनॉय विश्वम, तृणमूल कांग्रेस के डोला सेन और शांता छेत्री, प्रियंका चतुर्वेदी और शिवसेना के अनिल देसाई शामिल हैं।

 

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