होम आइसोलेशन के लिए नई गाइडलाइन जारी, बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी दवा न लें

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• 60 वर्ष से अधिक व गंभीर बीमारी वाले मरीज डॉक्टर की सलाह पर हीं होम आईसोलेशन में रहेंगे
• दिन में कम से कम दो बार गरारा करें और भाप लें
• संक्रमित व्यक्ति का पूरा परिवार 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में रहेंगे

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्राा,छपरा (बिहार):

कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच केंद्र सरकार ने होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय ने बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले मरीजों को लेकर विशेष ध्यान दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज बिना किसी डॉक्टरी सलाह के किसी भी दवा का प्रयोग न करें। सोशल मीडिया पर इलाज के तौर तरीकों पर विश्वास न करें। इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि डॉक्टर बताएंगे कि आपको हल्का लक्षण है या लक्षण रहित संक्रमण है। संक्रमित व्यक्ति का पूरा परिवार नियमानुसार 14 दिन क्वारेंटाइन रहेगा। रोगी की देखरेख के लिए एक व्यक्ति दिनभर रहे, डॉक्टर से लगातार संपर्क में रहें। 60 वर्ष से अधिक उम्र के मरीज जिन्हें बीपी, मधुमेह, हृदय, किडनी समेत अन्य बीमारियां हैं वो डॉक्टरी सलाह के बाद ही होम आइसोलेशन में रहेंगे। संक्रमित के संपर्क में रहने वाला हर व्यक्ति डॉक्टरी सलाह के बाद एचसीक्यू दवा खाएगा।

होम आइसोलेशन में इलाज:
संक्रमित व्यक्ति हमेशा अपने डॉक्टर के संपर्क में रहेंगे । तकलीफ होने पर डॉक्टर से बात करें। संक्रमण के साथ कोई दूसरी बीमारी है तो डॉक्टरी सलाह के बाद उसकी भी दवा जारी रखें, अपने मन से दवा न बंद करें। संक्रमित को बुखार, खांसी, नाक बहना और अन्य तकलीफें हैं तो लक्षणों को नियंत्रित करने की दवा नियमित लेते रहें। मरीज दिन में कम से कम दो बार गरारा करें और भाप लें, इससे श्वांस नलिका साफ रहेगी।
दवा से नहीं उतर रहा बुखार तो लें चिकित्सकीय सलाह:
बुखार पैरासीटामॉल 650एमजी से दिन में चार बार लेने के बाद भी नियंत्रित नहीं हो रहा है तो डॉक्टर से बात करें। डॉक्टरी सलाह पर स्टेरॉयड का इस्तेमाल करें। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत आइवरमेक्टिन दवा का इस्तेमाल जरूर करें। बुखार और खांसी लगातार 5 दिन बाद भी है तो इन्हेलेशन से दी जाने वाली दवाएं लें।

रेमडेसिविर सिर्फ डॉक्टर की निगरानी में:
नई गाइडलाइन में स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बार फिर कहा है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले लोग रेमडेसिविर का इस्तेमाल न करें। ये डॉक्टर की निगरानी में ही लगेगी। मुंह से खाने वाला स्टेरॉयड हल्के लक्षण में नहीं लेनी है। बुखार और खांसी जैसे संक्रमण के सात दिन बाद भी है तो डॉक्टर से विमर्श के बाद ही स्टेरॉयड की हल्की डोज ले सकते हैं।

दस दिन बाद आइसोलेशन से मुक्ति:
नई गाइडलाइन के अनुसार पहली बार लक्षण आने के दस दिन बाद मरीज स्वस्थ महसूस कर रहा है तो होम आइसोलेशन खत्म कर सकता है। बिना लक्षण वाले रोगी सैंपल देने के दस दिन बाद आइसोलेशन खत्म कर सकते हैं, ध्यान रहे, इससे तीन दिन पहले बुखार नहीं आना चाहिए । आइसोलेशन पूरा होने पर जांच की जरूरत नहीं है।

 

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