न्यूजीलैंड ने भारत को 8 विकेट से हराया
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहले टेस्ट में न्यूजीलैंड ने भारत को 8 विकेट से हरा दिया. बंगलुरू में टेस्ट का पहला दिन बारिश की वजह से धुल गया था. मैच में दूसरे दिन ही टॉस हो पाया, जिसमें कप्तान रोहित ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. रोहित का यह फैसला भारतीय टीम को रास नहीं आया और पूरी टीम 46 रन के कुल स्कोर पर चलती बनी. भारत की पूरी पारी में 5 बल्लेबाज शून्य के स्कोर पर ही आउट हो गए.
आज पांचवें दिन का खेल 10.15 शुरू हुआ. बारिश के कारण मैच विलंब से शुरू हुआ. आज जीत के लिये कीवी टीम को 107 रन की जरूरत थी. जिसे न्यूजीलैंड ने 2 विकेट खोकर हासिल कर लिया. कप्तान टॉम लाथम और ड्वेन कॉन्वे ने कल की छूटी हुई पारी को आज शुरू की तो बुमराह की दूसरी गेंद पर ही लाथम एलबीडब्लू हो गए. भारत के लिए तुरंत सफलता मिलना एक अच्छी शुरुआत थी.
लेकिन विकेट बाद उतरे विल यंग ने ड्वेन कॉन्वे का साथ दिया और न्यूजीलैंड की पारी को एक ठोस नींव दी. 35 रन के कुल स्कोर पर ड्वेन कॉन्वे भी आउट हुए, लेकिन पहली पारी के शतकवीर रचिन रवींद्र ने दूसरे छोर पर विल यंग का भरपूर साथ दिया. न्यूजीलैंड ने 27.4 ओवर में 110 रन बनाकर मैच जीत लिया. विल यंग 48 रन बनाकर नॉट आउट रहे.
न्यूजीलैंड ने पहली पारी में मूल रूप से बंगलुरू के निवासी रचिन रवींद्र के शतक और ड्वेन कॉन्वे की 91 रन की पारी की बदौलत 402 रन बनाए. भारत की पहली पारी के मुकाबले न्यूजीलैंड ने 356 रन की भारी भरकम लीड ले ली थी. भारत की तरफ से दूसरी पारी में कप्तान रोहित और विराट ने पचासा लगाया. सरफराज खान ने अपना पहला शतक बना कर भारत के लिए पारी से हार का बचाव किया तो साथ में ऋषभ पंत ने भी 99 रन की पारी खेली. दोनों के बीच 177 रन की साझेदारी हुई,
जिसके दम पर भारत ने 107 रनों का टारगेट कीवी बल्लेबाजों के सामने रखा. सरफराज और पंत की पारी का अंत बारिश के कारण लय बिगड़ने के कारण हुआ. बारिश के बाद न्यूजीलैंड ने नई गेंद का इस्तेमाल किया, जिसके बाद भारत की पूरी पारी मात्र 62 ही बना सकी.
1988 के बाद न्यूजीलैंड खोला खाता
IND vs NZ: दोनों टीमों के बीच अब तक कुल 62 टेस्ट मैच हुए थे, जिसमें भारत ने 22 मैच जीते थे और न्यूजीलैंड ने 13 मैच जीते थे. जबकि 27 मैच दोनों के बीच ड्रॉ हुए हैं. भारत में हुए 36 मैचों में भारत ने 17 तो न्यूजीलैंड ने सिर्फ 2 मैच जीते थे. आपको यह भी बताते चलें, कि कीवियों ने आखिरी बार 1988 में भारत में भारत के खिलाफ कोई मैच जीता था. रोहित ब्रिगेड के लिए बांग्लादेश के खिलाफ मिली सफलता के बाद एक चेतावनी की तरह है, जबकि न्यूजीलैंड के लिए श्रीलंका में मिली हार से उबरने का समय है.
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप से कितनी दूर है भारत
WTC विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को 8 टेस्ट मैचों में 3 जीत की आवश्यकता थी. अब इस हार के बाद भारत के पास 7 मैचों में 3 जीत चाहिए. लेकिन अगले 2 मैचों के बाद भारत को ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है, जो भारत के लिए बिल्कुल आसान नहीं रहने वाली. 5 मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम का दौरा 22 नवंबर से शुरू होगा.
तीन मैचों की सीरीज का यह पहला मैच था. अभी भारत को दो मैच और खेलने हैं. भारत और न्यूजीलैंड का अगला मैच 24-28 अक्टूबर तक पुणे में खेला जाएगा और सीरीज का आखिरी मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाएगा. इस मैच में न्यूजीलैंड के नियमित कप्तान केन विलियम्सन चोट की वजह से नहीं खेल पाए थे. अगले मैच तक उनके फिट होने की उम्मीद है. भारतीय टीम में भी ओपनर शुभमन गिल भी गले में समस्या की वजह से मैच से बाहर हुए थे.
इंग्लैंड की टीम पांचवें नंबर पर है. तालिका में सबसे नीचे वेस्टइंडीज की टीम है. बांग्लादेश, पाकिस्तान से एक पायदान ऊपर सातवें नंबर पर है. टीम इंडिया के पास लगातार तीसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने का मौका है. इससे पहले दो बार भारत इस चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचा है, लेकिन खिताब नहीं उठा पाया है. पहले संस्करण में भारत को न्यूजीलैंड से ही फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था, जबकि दूसरे संस्करण में भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों शिकस्त मिली थी. भारत को अब भी इस ट्रॉफी का इंतजार है.
पहले टेस्ट की बात करें तो आखिरी दिन रविवार को न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने जसप्रीत बुमराह के आक्रामक स्पैल से बचते हुए भारत को 8 विकेट से हरा दिया. हालांकि, हार के बावजूद भारतीय टीम पूरी तरह से निराश नहीं होगी क्योंकि उन्होंने पहली पारी में 46 रन पर आउट होने के बाद वापसी करते हुए सराहनीय जज्बा दिखाया है. यह न्यूजीलैंड की भारतीय धरती पर तीसरी टेस्ट जीत है. इससे पहले 1988 में जॉन राइट की अगुवाई वाली टीम ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत को 136 रनों से हराया था. इससे भी पहले न्यूजीलैंड ने 1969 में नागपुर में जीत दर्ज की थी.
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