अगले 90 दिन दुनिया पर हैं भारी, भारत में कैसी है तैयारी?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
चीन में कोरोना के विस्फोट ने गंभीर चेतावनी दी है जो देश में संभावित रूप से लाखों मौतों की ओर इशारा करती है। नेचर में प्रकाशित एक रिपोर्ट में एक अध्ययन का हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया है कि चीन में अगले कुछ महीनों में लगभग 10 लाख लोगों की मौत हो सकती है।
रॉयटर्स ने हाल के तीन अन्य अध्ययनों को सूचीबद्ध किया है जिनमें चीन में 1 मिलियन से 2.1 मिलियन मौतों का अनुमान लगाया गया है। जबकि अतीत में इस तरह के अनुमान अपने मार्क से दूर ही रहे हैं। महामारी की शुरुआत में एक अध्ययन में कहा गया था कि अप्रैल 2020 के मध्य तक भारत में 1-3 मिलियन लोगों के मरने की संभावना जताई थी। अभी चीन में स्थिति काफी अलग है अन्य देशों ने क्या सामना किया है।
चीन में लगभग 1.4 बिलियन लोग हैं, जिनमें से अधिकांश संक्रमण के प्रति संवेदनशील हैं। वायरस के तेजी से फैलने का मतलब एक ही समय में बहुत बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ सकते हैं। चीनी टीके, सिनोवैक और साइनोफार्म भी बहुत प्रभावी नहीं बताए जा रहे हैं। चीन पहला देश था जिसने जून 2020 में ही अपने लोगों का टीकाकरण शुरू कर दिया था। लेकिन इसका मतलब यह भी था कि उस समय टीका पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ था।
टीकों ने किसी भी महत्वपूर्ण तरीके से संक्रमणों को नहीं रोका है, लेकिन वे कहीं और गंभीर बीमारियों और मौतों को रोकने में काफी प्रभावी रहे हैं। लेकिन चीन में अब इस पर संदेह है। चीन में मौजूदा कोविड संकट के परिणाम को तय करने में चीनी टीकों की प्रभावशीलता सबसे महत्वपूर्ण कारक होगी।
भारत में भी आ गई वॉर्निंग
चीन के लगातार बिगड़ते हालात के बाद अब भारत ने भी पहले से ही कोरोना के लिए कमर कस ली है। चीन के मौजूदा हालात को देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया समेत स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार, स्वास्थ्य सचिव, एम्स डॉयरेक्टर, आईसीएमआर के निदेशक और एनसीडी डॉयरेक्टर शामिल हुए।
समीक्षा बैठक में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। कोविड 19 पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया की बैठक में कई बिन्दुओं पर विचार किया गया। वहीं चीन में जारी कोविड केस के बाद कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन से फ्लाइट बंद करने की मांग की है।
1.) घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बचाव के लिए किस तरीके के कदम उठाए जाएं।
2.) विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए नियमों का निर्धारण कैसे हो।
3.) कोविड-19 के नए वेरिएंट को लेकर विशेषज्ञों की क्या राय है।
4.) स्वदेश लौटने वाले भारतीयों के संबंध में क्या नियम बनाए जाएं।
5.) देश में कोविड 19 के मौजूदा वेरिएंट और उनकी स्थिति क्या है।
6.) न्यू ईयर सेलिब्रेशन को लेकर किस तरह की सतर्कता बरती जाए।
कोविड एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन में कोरोना को लेकर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। यानी एक भी मरीज ना हो इसके लिए लगातार जांच की जा रही है। वहां अभी से मॉस स्क्रिनिंग हो रही है। एक्सपर्स्ट का कहना है कि चीन की पॉलिसी की वजह से वहां पर नैचुरल इन्फेक्शन काफी कम रहा। इस वजह से वहां के लोगों को नैचुरल इम्यूनिटी जितनी मिलनी चाहिए थी, वो नहीं मिल पाई। भारत में ऐसा नहीं है। भारत में अधिकांश लोगों को नैचुरल इम्युनिटी मिली है। खासकर ओमिक्रॉन वेरिएंट के पीक के दौरान पूरे देश में असर देखा गया था।
भारत में कैसी है कोरोना की स्थिति
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार 20 दिसंबर को सुबह 8 बजे तक की स्थिति देश में कुल 3 हजार 490 एक्टिव केस थे, जो मार्च 2020 के बाद सबसे कम हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने 19 दिसंबर को संसद में बताया था कि भारत में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 220 करोड़ को पार कर चुका है। ये संख्या कोरोना की सभी उपलब्ध वैक्सीन की पहली और दूसरी प्रिकॉशन डोज को मिलाकर है। हालांकि अभी केवल 27% आबादी ने ही बूस्टर डोज ली है। यह खुराक लेना सभी के लिए कंपलसरी है।
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