अलकायदा की साजिश पर NIA का शिकंजा, बिहार-बंगाल समेत आधा दर्जन राज्यों में छापेमारी
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
जांच एजेंसी एनआईए ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, बिहार, त्रिपुरा और असम के विभिन्न स्थानों पर रेड की। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी एनआईए की 2023 के एक मामले की जांच का हिस्सा है। उसमें गिरफ्तार लोगों की अलकायदा के आतंकियों के साथ भारत के खिलाफ साजिश रचने का आरोप है।
साजिश बांग्लादेश में रची गई थी। इस साजिश का उद्देश्य आतंकी गतिविधियों को बढ़ाना और भारत में भोले-भाले युवाओं को बरगलाना शामिल है,तलाशी के दौरान एनआईए की टीम ने बैंकिंग लेन-देन से जुड़े दस्तावेज, मोबाइल फोन सहित डिजिटल डिवाइस और आतंकी फंडिंग गतिविधियों से संबंधित अन्य साक्ष्य बरामद किए।
एनआईए की जांच के अनुसार, जिन संदिग्धों के परिसरों पर छापेमारी की गई, वे अलकायदा नेटवर्क से जुड़े हैं।इससे पहले पिछले साल नवंबर में एनआईए ने इसी से जुड़े मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था, आरोपियों में चार बांग्लादेशी नागरिक शामिल थे।
इन आरोपियों की पहचान मोहम्मद सोजिबमियान, मुन्ना खालिद अंसारी उर्फ मुन्ना खान, अजरुल इस्लाम उर्फ जहांगीर या आकाश खान, अब्दुल लतीफ उर्फ मोमिनुल अंसारी के रूप में हुई थी। पांचवां आरोपी फरीद भारतीय नागरिक है।आरोपियों के पिछले रिकॉर्ड से पता चला है कि उन्होंने अपनी गतिविधियों को गुप्त रूप से अंजाम देने के लिए जाली पहचान पत्र बनाए।
वे भारत में कमज़ोर मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आतंकी गतिविधियों के लिए प्रेरित करने, अल-कायदा की हिंसक विचारधारा फैलाने, धन इकट्ठा करने और इस धन को अल-कायदा के खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने लिए इस्तेमाल करना चाहते थे।
यह भी पढ़े
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने से 100 अश्वमेध यज्ञों का फल मिलता है
जदयू नेता हत्याकांड में शामिल दो अपराधी गिरफ्तार
पैसा उगाही के आरोप में 2 महिला सिपाही समेत 4 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज, SSP ने किया सस्पेंड
आरपीएफ जवान-दरोगा समेत 3 की हत्या कर एके-47 लूट मामले में 11 वर्ष बाद आरोपी हुआ गिरफ्तार
पिहोवा के श्री गोविंदानंद आश्रम में देवप्रबोधिनी एकादशी को भगवान शालिग्राम और तुलसी का विवाह आयोजित
पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चे राष्ट्र की सच्ची संपत्ति है
क्या इंदिरा गांधी की वजह से हंसराज खन्ना देश के मुख्य न्यायाधीश नहीं बन पाए थे?
महिलाओं को बिना बुलाये मायके नहीं जाना चाहिए- पं. मधुकर शास्त्री