NIA करेगी बिहार में जेहादी ट्रेनिंग मामले की जांच.

NIA करेगी बिहार में जेहादी ट्रेनिंग मामले की जांच.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पटना के फुलवारीशरीफ में जेहादियों की ट्रेनिंग व उनके पाकिस्तान सहित दूसरे देशों से संबंधों की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) करेगी. इसको लेकर गृह मंत्रालय के स्तर पर निर्णय हुआ है. फिलहाल इस मामले की जांच पटना पुलिस कर रही है, जिसमें बिहार पुलिस की एटीएस (आतंक निरोधी दस्ता) सहित कई केंद्रीय एजेंसियां उनका सहयोग कर रही हैं.

मामले में बिहार पुलिस की एसआइटी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) और सोशल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया (एसडीपीआइ) से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पाकिस्तान, बांग्लादेश, यमन सहित कई देशों के कट्टरपंथियों से संबंधों की जानकारी मिली है. एनआइए उनके इन संबंधों की विस्तार से पड़ताल करेगा. इस केस में हवाला के जरिये पैसों के लेन-देन मामले की जांच पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (इडी) संभाल रही है.

26 संदिग्धों की पहचान अब तक पांच गिरफ्तार

बिहार पुलिस ने इस मामले में करीब 26 संदिग्धों की पहचान करते हुए इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. जांच में पाया गया कि इनमें से कई पीएफआइ सदस्यों का प्रतिबंधित संगठन सिमी से संबंध रहा है. इनके पास से देश विरोधी और दो समुदायों में वैमनस्य फैलाने वाली कई आपत्तिजनक सामग्री पायी गयी है, जिसमें भारत को 2047 तक एक इस्लामिक राज्य बनाने की बात कही गयी है. पुलिस जांच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उनके रडार पर होने की आशंका के बाद अब एनआइए करेगी.

फिलहाल पटना पुलिस कर रही है जांच

केंद्रीय एजेंसियां इस मामले में सक्रिय हुईं. पटना पुलिस ने अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को फुलवारी शरीफ इलाके से गिरफ्तार किया, जबकि उनकी निशानदेही पर मरगूब दानिश, अरमान मलिक और शब्बीर के रूप में पहचाने गये तीन और आरोपी गिरफ्तार किये गये. वे कथित तौर पर एक आतंकी मॉड्यूल चला रहे थे और मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे थे. इनमें परवेज और जलालुद्दीन को कथित रूप से सिमी का सदस्य बताया जाता है.

राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में गजवा-ए-हिंदी व्हाट्सएप ग्रुप के खुलासे के बाद जारी छानबीन में पटना पुलिस को पीएफआई की फंडिंग और संचालन के तार दोहा से जुड़े मिल रहे हैं। पीएफआई के देश विरोधी अभियान के लिए दोहा की रास लाफेल संस्था फंडिंग कर चुकी है। इस संस्था का काम मुस्लिम समुदाय के लोगों को जोड़ना बताया जा रहा है। यह संस्था पैन इंडिया मूवमेंट के नाम पर टैलेंट सर्च भी आयोजित करती है। इसमें केएम अब्दुल समेत 12 लोगों के जुड़े होने की जानकारी मिली है।

वहीं दावा ये भी किया जा रहा है कि पटना के एसके मेमोरियल हॉल में पीएफआई एक बड़ा सम्मेलन इसी महीने यानी जुलाई में आयोजित करने जा रही थी। इसमें बिहार, झारखंड, वेस्ट बंगाल, तमिलनाडू और केरल से एक हजार लोगों के पहुंचने की संभावनाएं थीं। पकड़े जा चुके अतहर और अरमान ने पुलिस को बताया कि सम्मेलन में शामिल होने के लिए लोगों को मैसेज भी भेजा जा रहा था।

बता दें कि बिहार समेत उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना मामले में एटीएस संयुक्त जांच कर रही है। बुधवार को चारों राज्यों के एटीएस अधिकारियों ने मीटिंग कर अब तक मिले इनपुट को भी साझा किया। साथ ही इस आतंक के नेटवर्क से जुड़े अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी और जानकारी को लेकर भी रणनीति तैयार की गई है।

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!