प्रत्येक प्रखंड के दो-दो गांवों में चलेगा नाइट ब्लड सर्वे अभियान:
फाइलेरिया को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से चलाया जाएगा अभियान: सिविल सर्जन
चार सदस्यीय टीम के द्वारा निष्पादित किया जाएगा एनबीएस कार्य: डॉ जेपी सिंह
श्रीनारद मीडिया, कटिहार, (बिहार):
वेक्टर जनित रोगों पर रोक लगानेए रोग एवं रोगियों की पहचान करने के उद्देश्य से ज़िलें के सभी प्रखंड क्षेत्रों में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नाइट ब्लड सर्वे अभियान चलाया जाएगा। बता दें कि जिले से फाइलेरिया बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा फाइलेरिया (हाथी पांव) रोग से ग्रसित मरीजों की खोज के लिए रात्रि के 8 बजे 12 बजे तक रक्त के नमूने एकत्रित करने के उद्धेश्य से नाइट ब्लड सर्वे अभियान शुरू किया जाएगा। इसी अभियान को लेकर सोमवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित सभा कक्ष में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
फाइलेरिया को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से चलाया जाएगा अभियान: सिविल सर्जन
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ दीनानाथ झा ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अगर फाइलेरिया की बीमारी हो जाती हैं। तो वह धीरे-धीरे गंभीर रूप लेने लगता है। हालांकि इसका कोई ठोस इलाज नहीं है। लेकिन इसकी नियमित रूप से उचित देखभाल कर इस जटिलताओं से मरीजों को बचाया जा सकता है। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न स्तर पर लगातार प्रयास किया जा रहा है। मरीज़ों के बारे में पता लगाने के लिए नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) अभियान चलाया जाएगा। जिसके तहत चिन्हित गांवों रात्रि के समय चिन्हित स्थलों पर लोगों के रक्त का नमूना लिया जाएगा। वहीं रक्त संग्रह केंद्रों पर ग्रामीणों को बुलाने के लिए आशा कार्यकर्ता जबकिं शहरी क्षेत्रों में आंगनबाड़ी सेविकाओं या अन्य कर्मियों का सहयोग लिया जाएगा।
चार सदस्यीय टीम के द्वारा निष्पादित किया जाएगा एनबीएस कार्य: डॉ जेपी सिंह
ज़िला वेक्टर बॉर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जय प्रकाश सिंह ने कहा कि जिले से फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सजग है। इसी मुहिम के तहत जिले में फाइलेरिया की स्थिति का पता लगाने एवं रोगियों की पहचान के लिए पूजा के बाद ज़िलें के सभी प्रखंडों और जिला मुख्यालय स्थित शहरी क्षेत्र में नाइट ब्लड सर्वे अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक प्रखंड में एक रैंडम और एक सेंटीनल साइट पर नाइट ब्लड सर्वे कार्य किया जाएगा। चार सदस्यीय टीम में अनिवार्य रूप से एक लैब टेक्नीशिन शामिल होंगे। सबसे अहम बात यह है कि 20 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों का ही रक्त एकत्रित किया जाएगा। हालांकि एक साइट पर 300 और दूसरे साइट पर भी 300 यानि कुल 600 लोगों के ब्लड का सैंपल एकत्रित किया जाएगा। जिससे संभावित मरीजों की समुचित जांच एवं शुरुआती दौर में ही बीमारी की सही जानकारी मिल सके।
जिले में फाइलेरिया (हाथी पांव) मरीजों की संख्या एक नजर में
ज़िले में 2993 फाइलेरिया के मरीजों की संख्या हैं। जिसमें फाइलेरिया (हाथी पांव) के 2528 हैं। जबकिं हाइड्रोसील के 465 मरीज़ों की शिनाख्त की गई हैं। ज़िले के अमदाबाद में 95, आजमनगर में 82, बलरामपुर में 35, बरारी में 307, बारसोई में 87, डंडखोरा में 267, फ़लका में 190, हसनगंज में 174, कदवा में 271, कोढ़ा में 344, कुरसेला में 40, मनिहारी में 93, मनसाही में 90, प्राणपुर में 146, समेली में 149, कटिहार ग्रामीण में 82 जबकि शहरी क्षेत्र में 76 फाइलेरिया (हाथी पांव) के मरीज़ों को चिन्हित किया गया है।
इस कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओए केयर इंडिया, पीसीआई और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) की टीम सहयोग करेगी। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ दीनानाथ झा, एसीएमओ डॉ कनक रंजन, डीएमओ डॉ जय प्रकाश सिंह, वीसीडीओ नंद किशोर मिश्रा, वीबीडी सलाहकार जेपी महतो, डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय सलाहकार डॉ दिलीप झा, केयर इंडिया के डीटीएल प्रदीप बोहरा, डीपीओं चंदन कुमार सिंह, सीफार के क्षेत्रीय कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, डीसी (एलएफ़/वीएल) पल्लवी कुमारी, मास्टर ट्रेनर के रूप में जमशेद आलम एवं राजेश्वर प्रसाद सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे।
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