नितिन गडकरी और नीतीश कुमार ने किया महात्मा गांधी सेतु का उद्घाटन
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
उत्तर बिहार के साथ हाजीपुर से पटना प्रतिदिन आने-जाने वाले हजारों लोगों के लिए दशकों के कष्ट के बाद अब कुछ ही घंटों में राह आसान हो गई है। महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन पर सुपर स्ट्रक्चर को बदलने का काम पूरा होने के बाद इसे आम यातायात के लिए खोल दिया गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हाजीपुर में आयोजित समारोह में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पूर्वी लेन का उद्घाटन किया।
अब तक महात्मा गांधी सेतु की केवल पश्चिमी लेन पर ही परिचालन हो रहा था। इधर, चंद किलोमीटर के फासले पर स्थित जेपी सेतु से भी गाडिय़ां पटना आ-जा रही हैं। हालांकि, उत्तर बिहार से पटना आने-जाने वाली अधिकतर भारी गाडिय़ां गांधी सेतु से ही आती-जाती हैं। इसके कारण सेतु पर अक्सर जाम की स्थिति रहती थी। हाजीपुर से पटना प्रतिदिन आने-जाने वाले लोगों के साथ ही उत्तर बिहार के लोगों को जल्द ही जाम की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी।
वैकल्पिक मार्ग को लेकर छह वर्ष पूर्व पीपापुल को हुआ था निर्माण
गांधी सेतु पर अक्सर जाम लगने को लेकर ही करीब पांच वर्ष पूर्व राज्य सरकार ने सेतु के समानांतर पीपापुल का निर्माण कराया था। साइकिल, बाइक एवं हल्के वाहन पीपापुल से ही होकर पटना से आते-जाते हैं। इससे गांधी सेतु पर वाहनों का लोड कम होने के कारण सेतु पर जाम से मुक्ति मिल जाती है। हालांकि लोगों को यह सुविधा यहां मुश्किल से छह माह ही मिल पाती है। गंगा नदी में जलस्तर कम होने के बाद पीपापुल का निर्माण किया जाता है एवं जलस्तर बढऩे के साथ पीपापुल को खोल दिया जाता है। दिसंबर माह से शुरू होकर पीपापुल 15 जून तक चलता है।
पटना जाने को अब जेपी सेतु ही एकमात्र विकल्प
हाजीपुर से पटना आने-जाने वाले लोगों के लिए पीपापुल के खुल जाने के बाद जेपी सेतु ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। हालांकि, छपरा, सिवान एवं गोपालगंज के अलावा उत्तर प्रदेश से आने वाले वाहन जेपी सेतु ही आते-जाते हैं। लेकिन उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, पश्चिमी चंपारण, समस्तीपुर, बेगूसराय, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी के अलावे अन्य जिलों एवं नेपाल से आने वाले लोग महात्मा गांधी सेतु का ही अक्सर इस्तेमाल करते हैं।
अब समस्या का हो जाएगा स्थायी समाधान
पूर्वी लेन पर सुपर स्ट्रक्चर को बदलने काम पूरा होने एवं मंगलवार को उद्घाटन के बाद राह काफी आसान हो गई है। अब सेतु के दोनों ही लेन पर परिचालन बहाल हो जाएगा। इसके बाद लोगों को जाम की समस्या से स्थायी तौर पर मुक्ति मिल जाएगी।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि गांधी सेतु की दोनों लेन के आरंभ हो जाने से उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार की संपर्कता और सहज हो जाएगी। वर्तमान में इस पुल से एक मिनट में औसतन 52 हजार वाहन गुजरते हैैं। इस तरह से 24 घंटे में 75000 वाहन गांधी सेतु से गुजर रहे। इनमें 60 फीसदी से अधिक बड़े वाहन शामिल हैैं। एक लेन पर ट्रैफिक की वजह से हमेशा जाम की स्थिति रहती थी। मात्र छह किमी की दूरी तय करने में घंटों का समय लगता था। जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच का नतीजा है कि बिहार को पुल के नए स्वरूप की सौगात मिल रही। पुल निर्माण की गति की वह स्वयं निरंतर मानीटरिंग करते रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार को बिहार में 15 राष्ट्रीय उच्च मार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं की समेकित लागत 13,585 करोड़ रुपये है। जिन परियोजनाओं का उद्घाटन होना है, उनमें सबसे महत्वपूर्ण उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच लाइफलाइन गांधी सेतु की दूसरे लेन (डाउन स्ट्रीम) शामिल है। कुल छह किमी लंबाई में इसके सुपर स्ट्रक्चर रिप्लेसमेंट प्रोजेक्ट पर 1742 करोड़ रुपये का खर्च आया है। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन व विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने इसकी जानकारी दी।
पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि जिस एक अन्य परियोजना का लोकार्पण होना है, उसमें छपरा से गोपालगंज के बीच दो लेन में विकसित 94 किमी सड़क भी है। इसकी लागत 1150 करोड़ रुपये है। इसके निर्माण से सारण प्रमंडल से गोरखपुर, देवरिया, बलिया, गाजीपुर के साथ-साथ वाराणसी की संपर्कता मिलेगी।
इन परियोजनाओं का होगा शिलान्यास
- मुंगेर-भागलपुर-मिर्जाचौकी फोर लेन ग्रीन फील्ड। इस सड़क की लंबाई 124 किमी और लागत 5788 करोड़ रुपये है।
- औरंगाबाद से चोरदाहा (झारखंंड सीमा) छह लेन सड़क परियोजना। यह सड़क 70 किमी लंबी और इसकी लागत 1508 करोड़ है।
- बेगूसराय शहर में चार लेन एलिवेटेड फ्लाईओवर। इसकी लंबाई चार किमी और लागत 256 करोड़ है।
- कायम नगर से आरा शहर तक चार लेन सड़क। इसकी लंबाई नौ किमी और लागत 98 करोड़ है।
- जयनगर बाईपास पर दो लेन अप्रोच रोड के साथ आरओबी। इसकी लंबाई एक किमी और लागत 70 करोड़ है।
- उमगांव से भेजा तक दो लेन सड़क, इसकी लंबाई 89 किमी और लागत 1614 करोड़ है।
- पुरानी मुंगेर-मिर्जाचौकी सड़क। इसकी लंबाई 108 किमी और लागत 1044 करोड़ है।
- गोपालगंज शहर में चार लेन एलिवेटेड फ्लाईओवर। इसकी लंबाई तीन किमी और लागत 185 करोड़ है।
- एम्स पटना से नौबतपुर के बीच अतिरिक्त दो लेन सड़क। इसकी लंबाई 11 किमी और लागत 88 करोड़ रुपये है।
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