नीतीश सरकार ने बिहार विधान सभा में विश्वासमत प्राप्त कर लिया,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
नीतीश सरकार ने बिहार विधान सभा में विश्वासमत प्राप्त कर लिया. बिहार में नई सरकार के गठन के 15 दिनों बाद आज यानी सोमवार को नीतीश सरकार ने सदन में यह विश्वासमत प्राप्त कर लिया. बिहार विधानसभा में पहले विश्वासमत प्रस्ताव को लेकर चर्चा हुई, फिर ध्वनि मत से विश्वास मत पारित हुआ इसके बाद वोटिंग हुई. वोटिंग के दौरान विपक्ष के लोगों ने वॉक आउट कर दिया. नीतीश सरकार के पक्ष में 129 वोट मिले वहीं विपक्ष में 0 वोट मिले.
15 दिनों से जारी सियासी खेल खत्म
सत्ता परिवर्तन के साथ ही बिहार में पिछले 15 दिनों से जारी सियासी खेल खत्म हो गया.फ्लोर टेस्ट से पहले सदन में होने वाले विपक्ष यानी महागठबंधन का दावा था कि सरकार अल्पमत में है. लेकिन, फ्लोर टेस्ट में विपक्ष का ये दावा गलत साबित हुआ. फ्लोर टेस्ट में नीतीश सरकार को 129 वोट मिले, जबकि विपक्ष का वॉक आउट के कारण उसे जीरो वोट मिले. बताते चलें कि सदन में बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायकों की ही नीतीश सरकार को जरुरत थी.एनडीए गठबंधन का शुरु से ही दावा था कि उसके पास 128 विधायकों का संख्या बल मौजूद है.जिसमें बीजेपी के 78, जद-यू के 45, हम के 4 और एक निर्दलीय सुमित कुमार सिंह शामिल हैं.
लालू- राबड़ी का नाम लेकर नीतीश ने तेजस्वी पर कसा तंज
इससे पहले विश्वासमत पर चर्चा के दौरान नीतीश कुमार अपने पुराने रंग में दिखे. तेजस्वी यादव के सवालों पर पलटवार करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे 2005 से काम करने का मौका मिला है. तब से काम कर रहा हूं. जबकि आपके लालू-राबड़ी ने 15 साल काम किया. तब बिहार में क्या होता था. यह किसी भी बिहार के लोगों से पूछा जा सकता है. लेकिन जब हम लोगों को मौका मिला तो काम किया. तब और अब के बिहार का अंतर देखा जा सकता है.
हमारे विधायकों को तोड़ने की कोशिश हुई
सदन में हुई वोटिंग में विश्वास मत के पक्ष में 129 विधायकों ने वोट किया. जबकि विपक्ष के सदस्य सदन से गैरहाजिर रहे. राजद के तीन सदस्य चेतन आनंद, प्रहलाद यादव और नीलम देवी ने सरकार के पक्ष में मतदान किया. लेकिन वोटिंग से पहले अपने भाषण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद और इंडिया गठबंधन पर जमकर निशान साधा.
पैसा कहां से आया? हम हर चीज की जांच कराएंगे
विश्वास मत के दौरान नीतीश कुमार ने तेजस्वी पर हमला करते हुए कहा कि जब राजद के साथ सरकार बनाए थे तो तेजस्वी और उनकी पार्टी के लोगों की इज्जत करते थे. लेकिन बाद में पता चला कि वो लोग सरकार में रहकर कमाई कर रहे थे. नीतीश कुमार ने कहा कि आज तक मेरी सरकार में ऐसा कभी नहीं हुआ. राजद ने सरकार में बहुत गलत काम किया. जब आप आये तो जबरदस्ती शिक्षा विभाग ले लिया. हर काम को रोक देते थे. हमने सब को एकजूट करने की कोशिश की. आज तक सभी विधायकों को एक ही स्थान पर बंद कर रखा गया. हमारी पार्टी को कितने लाख दिये जा रहे थे. पैसा कहां से आया? हम हर चीज की जांच कराएंगे.
हम लगातार काम कर रहे हैं
सीएम ने कहा कि 2005 से जब से हम लोगों को काम करने का मौका मिला, हम लगातार काम कर रहे हैं. आप लोगों को याद है कि कब से हमने काम करना शुरू किया है. बिहार का कितना विकास हुआ. तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि इनके पिता और माता को पंद्रह साल का काम करने का मौका मिला तो क्या हुआ. कोई भी आदमी घर से बाहर नहीं निकलता था, कहीं सड़क, रास्ता नहीं था. यह बात करते हैं, कितना मुसलिम हिंदू का झगड़ा होता था. हम आये तो झगड़ा खत्म करवाये.
2005 से पहले का इतिहास जानिए
सीएम ने कहा 2005 से पहले का इतिहास जानिए, हमें जब मौका मिला हमने तुरंत काम किया. हमने समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए काम किया. महिलाएं अब रात 12 बजे तक घर से निकल जाती हैं. पहले लड़कियां पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई नहीं करती थीं. हमने उन्हें दो बार मौका दिया. हमने जो ठाना, वो किया, हम कितना आगे बढ़े. सात निश्चय मेरा विचार था, किसी और का नहीं. जब हमने देखा कि ये लोग काम नहीं कर रहे हैं तो हम उनके साथ आ गये. जब वह राजद के साथ आये तो उससे पहले सात निश्चय 2 चल रहा था. अब आप दावा कर रहे हैं कि हम हैं.
विधान सभा का बदला गणित
बताते चलें कि विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 243 है. इनमें से लालू यादव की पार्टी राजद के पास सबसे ज्यादा 79 विधायक हैं. कांग्रेस के पास 19 विधायक हैं और वामदलों 16 सदस्य हैं. इस तरह से देखें तो महागठबंधन में कुल विधायकों की संख्या 114 है. दूसरी तरफ एनडीए है. इसमें बीजेपी के पास 78 विधायक, जदयू के पास 45 और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर के चार विधायक हैं. इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक का भी उनको समर्थन प्राप्त है. इस तरह से देखें तो सत्ता पक्ष के कुल विधायकों की संख्या 128 है. बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है.