उपचुनावों में नीतीश जी नहीं बचा पाए आधार वोट, लोकप्रियता घटी
जनता ने सात दलों के महागठबंधन को नकारा- राहुल तिवारी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भाजपा जिला उपाध्यक्ष राहुल तिवारी ने कहा कि दो उपचुनावों के परिणाम से साफ है कि जनता ने सात दलों की महागठबंधन सरकार को नकार दिया और नीतीश कुमार जी अपना आधार वोट भी नहीं बचा पाए।
गोपालगंज में भाजपा अपने आधार वोट को एकजुट रखकर विजयी रही। उधर मोकामा में पार्टी का 63 हजार से ज्यादा वोट पाना और छोटे सरकार (अनंत सिंह) की पत्नी (राजद प्रत्याशी) को कड़ी टक्कर देना बड़ी बात है।
राहुल तिवारी ने कहा कि मोकामा की जीत महागठबंधन की जीत नहीं, बल्कि छोटे सरकार की जीत है।
छोटे सरकार पार्टी बदल-बदल कर जीतते रहे, लेकिन इस बार तेजस्वी प्रसाद यादव और ललन सिंह के हेलीकाप्टर उतारने के बाद भी उनके प्रत्याशी की जीत का अंतर आधा हो गया।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष राहुल तिवारी ने कहा कि जदयू के राजद से फिर हाथ मिलाने के कारण नीतीश कुमार जी का लव-कुश और अतिपिछड़ा वोट खिसक कर भाजपा के साथ आ गया। वे वोट ट्रांसफर करने की क्षमता खो चुके हैं।
केंद्र के कामों पर चेहरा चमकाना और जनता के सामने झुठलाना
महज दो महीने केंद्र सरकार की गुणगान करने वाले नीतीश कुमार RJD के गोद मे बैठते उन्हीं की तरह झूठ की दुकान बनकर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि आरजेडी के साथ गठबंधन कर बिहार सरकार चलाने वाले नीतीश कुमार अपने मंत्रियों का एजेंट के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र के कामों पर चेहरा चमकाना और जनता के सामने झुठलाना, यही इनका एकमात्र ध्येय बन गया है।
केंद्र से भरपूर मदद मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के मंत्रियों में यदि हिम्मत हो तो वह 2014 से पहले और बाद में केंद्र द्वारा बिहार को मिली राशियों का तुलनात्मक ब्यौरा जनता के सामने रखकर दिखाएं। बीजेपी प्रवक्ता ने आंकड़े देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में कहा था कि उनकी सरकार 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये बिहार के विकास के लिए खर्च करेगी लेकिन, आज उससे भी अधिक 1.35 लाख खर्च कर चुकी है।
राहुल तिवारी ने कहा कि पिछले वर्षों में नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा बिहार में राजमार्ग निर्माण के लिए 14 हजार करोड़, ग्रामीण सड़क के लिए 22 हजार करोड़, रेलवे के लिए 56 हजार करोड़, हवाईअड्डे के लिए 1280 करोड़ और पर्यटन के लिए 1600 करोड़ खर्च किया गया है। इसके अलावा पेट्रोलियम गैस के लिए 32 हजार करोड़, बिजली के लिए तकरीबन 14 हजार करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है।
केन्द्रीय योजनाओं के जरिए भी बिहार को भरपूर लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हर राशन कार्ड धारी परिवार को दो वर्षों तक मुफ्त अनाज दिया गया है। वहीं किसान सम्मान निधि से राज्य के 84 लाख से ज्यादा बिहार के किसानों के बैंक खाते में सीधे हर साल छह हजार रुपये भेजे जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि बिहार में बीते कुछ वर्षों में लाखों लोगो को घर दिया गया है और बिहार के घरों में शत प्रतिशत बिजली पहुंचाने काफी काम किया गया। इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा लाखों की संख्सा में गैस सिलेंडर पहुंचाने का काम किया गया है। केंद्र की आयुष्मान भारत योजना के तहत आज बिहार की लगभग 50 प्रतिशत आबादी स्वाथ्य खर्च से निश्चिंत हो चुकी है। वहीं प्रत्येक घर में शौचालय, बिजली और गैस सिलिंडर पहुंच चुके हैं।
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