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नीतीश कुमार अपने प्रगति यात्रा के तहत वैशाली पहुंचे - श्रीनारद मीडिया

नीतीश कुमार अपने प्रगति यात्रा के तहत वैशाली पहुंचे

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गढ्ढे में होती थी सड़क, घंटे में मापी जाती थी दूरियां-नीतीश कुमार 

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के दौरान सोमवार को वैशाली पहुंचे. वैशाली को उन्होंने करोड़ों रुपए की योजनाओं की सौगात दी है. इस दौरान उन्होंने जीविका दीदी से मुलाकात की और उनके काम की खूब सराहना की है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बिहार में चल रहे सियासी कयासों पर दो टूक जवाब दे दिया. नीतीश कुमार ने कहा कि इससे उन्हें कोई लेना देना नहीं है.

उ सब अब संभव नहीं है

राजद की ओर से आ रहे बयानों पर जब पत्रकारों ने उनसे सियासी सवाल किया तो मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़ते हुए कहा, “हमको इससे क्या लेना देना है. हम शुरू से जो काम किए और जो हमलोगों के साथ रहे, लेकिन एक गो गलती हमरा पर्टिया वाला दो जगह कर दिया था, तो उसको तो हम्हीं हटा दिए न.. कि उ सब संभव नहीं है, जहां से हम सही थे. हमको मुख्यमंत्री पहली बार अटल बिहारी बाजपेयी जी ने बनाया था, हमको कितना मानते थे.”

जीविका ने बदली महिलाओं की जिंदगी

सीएम ने कहा कि अब महिलाएं बहुत अच्छे तरीके से बोलने लगी हैं, पहला कुछ नहीं बोलती थीं. यहां तो पहले स्वयं सहायता समूह था ही नहीं. जीविका का जिक्र करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि देश में और जगह था, इसके हिसाब से हमने नामकरण किया जीविका. जिसके बाद केंद्र ने पूरे देशभर में उसको कह दिया आजीविका और हम जीविका दीदी कहते हैं. कितनी बड़ी संख्या में हो गई हैं. हमलोग लगातार कही भी जाते हैं तो देखते हैं. अब इसको शहरी क्षेत्र में भी शुरू कर दिए हैं. अब जरा देख लीजिए, महिलाएं पहले कहां उतना बढ़िया दिखती थीं और अब कितना बढ़ियां से रहती हैं.

न्याय यात्रा के दौरान नीतीश कुमार ने चंपारण में भोजपुरी, मधुबनी व दरभंगा में मैथिली में दिया भाषण, गांधी मैदान में लालू प्रसाद को खुली बहस की चुनौती. नीतीश कुमार मधुबनी में सिर पर पाग चढते ही मैथिली में बोल पड़े, मिथिला की गौरवशाली धरती पर हम सब आदमी के अभिनंदन करैत छी. दोसरा बार जब हम आयेब, पूरा बात मैथिली में होएत. आब हिंदी में बाजै दियौ. नीतीश कुमार का मधुबनी में पाग पहना कर स्वागत किया गया. बगहा में उनका स्वागत स्वर्ण मुकुट पहना किया गया था.

बिहारी बनने की सबसे की अपील

यात्रा आगे बढ़ती गयी, लोग जुड़ते गये. गन्ना इलाके में गन्न्ना कीमतों को लेकर नीतीश कुमार ने अपनी बात रखी. यूपी से पांच रुपये अधिक प्रति क्वींटल देने का वायदा किया. नदी जोड़ अभियान की रूपरेखा रखी, गंडक और कोसी को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग रखी. लोगों से एक बार बिहारी बनने का नारा दिया. कहा था, हम ऐसे बिहार का निर्माण करना चाहते हैं जिसमें दूसरे राज्य से लोग नौकरी की तलाश में यहां आये. नये बिहार का माडल होगा गांव. ऐसा गांव जो समृद्ध भी होगा और सक्षम भी. गांवों को सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी करनी होगी.यही 74 आंदोलन की मूल भवना थी और अब न्याय यात्रा का मकसद भी.

पारंपरिक लघु उद्योग को बढ़ावा देने का किया वादा

न्याय यात्रा के दौरान नीतीश कुमार ने पूर्णिया की सभा में कहा था कि उनके नेतृत्च में सरकार बनी तो बिहार का चौतरफा विकास होगा. विकास के साथ विधि व्यवस्था में सुधार उनकी पहली प्राथमिकता होगी. अल्पसंख्यकों की बुनियादी समस्याओं का समाधान किया जायेगा. जनता परिवर्तन का मत बना चुकी है. बिहार को बाजार बना दिया गया है. हमारी सरकार बनी तो पारंपरिक लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जायेगा. युवाओं से समर्थन का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें एक मौका दें, बिहार की तसवीर बदल देंगे. बेरोजगारी, पलायन, सिंचाई, रोजी रोटी और सड़क की समस्याओं का स्थायी निदान खोजा जायेगा.

….और जब माइल स्टोन पर घंटों में दूरी लिखने की दी सलाह

न्याय यात्रा के दौरान नीतीश कुमार ने धमदाहा में सड़कों के खस्ताहाल को मुद्दा बनाया. नीतीश ने कहा, पूर्णिया से बनमनखी की दूरी करीब चालीस किलोमीटर होती है. आम तौर पर इसे तय करने में एक घंटे का समय लगेगा. पर मौजूदा स्थिति में इस दूरी को तय करने में साढ़े तीन घंटा लग रहा है. इसलिए अब माइल स्टोन पर लिखा जाना चाहिये पूर्णिया से बनमनखी की दूरी साढ़े तीन घंटे. मूसलधार वर्षा, सभा स्थल पर घुटने भर जमा पानी के बावजूद भारी भीड़. कोई तुरही बजा रहा था तो कोई माला लिये दौड़ रहा था. दौड़ने वालों में 75 आंदोलन के सिपाही भी थे.

एक ओर बिहार के लोगों के मन में जहां टूटी सड़क, बदहाल अस्पताल, विधि व्यवस्था को लेकर निराशा के भाव मन में चल रहे थे, वहीं नीतीश कुमार को लेकर एक उम्मीद की किरण भी जगी थी. ऐसे में नीतीश कुमार ने जनता के बीच जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया. जदयू की बैठक हुई. फैसला हुआ कि नीतीश कुमार पूरे राज्य की यात्रा पर निकलेंगे. उनके साथ जदयू के वरिष्ठ नेता भी होंगे और भाजपा की टीम भी होगी.

न्याय यात्रा के रूप में इसकी शुरूआत महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण की धरती से होगी. ऐसा ही हुआ. नीतीश कुमार बगहा से पूरे राज्य की यात्रा पर निकल पड़े. उन्होने लोगों को बताया कि किस प्रकार प्रदेश को एक और चुनाव में धकेल दिया गया है. उन्होंने आम जनता से न्याय की मांग की और अपनी यात्रा में गुड गवर्नेंस का वायदा भी किया. नीतीश कुमार की सभा जिस इलाके में होती, लोगों की भारी भीड़ जमा हो जाती थी. देर रात तक लोग उन्हें सूनने के लिए एकत्र रहते. नीतीश कुमार ने कइ्र जिलों में रोड शो किये.

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