नीतीश कुमार बोले-समान नागरिक संहिता ही क्यों, पूरे देश में शराबबंदी क्यों नहीं.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से देश में समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) लागू करने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सिर्फ यही कानून क्यों। संविधान के अनुच्छेद 44 में अगर समान नागरिक संहिता का जिक्र है तो अनुच्छेद 47 में क्या है? सवालिया लहजे में कहा कि उस पर अमल क्यों नहीं? गौरतलब है कि संविधान के अनुच्छेद 47 में मादक पेयों और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक औषधियों के प्रतिबंध का उल्लेख है। सीएम ने कहा कि बिहार में शराबबंदी है। पूरे देश में शराबबंदी क्यों नहीं लागू होनी चाहिए? कॉमन सिविल कोड पर हमें कुछ नहीं कहना है। इस पर काफी कुछ कहा जा रहा है। जनता दरबार के बाद नीतीश कुमार मीडिया से बात कर रहे थे।
कोई कैसे कह सकता है आरसीपी को मैने बधाई नहीं दी
केंद्र में मंत्री बनाए जाने के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को बधाई नहीं देने को लेकर पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने हैरानी जताई। कहा कि कोई कैसे कह सकता है कि हमने उन्हें (आरीसीपी) बधाई नहीं दी। वे पार्टी के नेता हैं। उन्हें मैंने कैसे बधाई नहीं दी। पार्टी में कोई इस तरह की बात नहीं है। ऐसे ही कुछ लोग बोलते रहते हैं। हमारी पार्टी में यह कोई मुद्दा नहीं है।
तीसरी लहर पर सरकार सजग
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के सवाल पर सीएम ने कहा कि सरकार पूरी तरह सजग है। ऑक्सीजन सहित इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है। केंद्र सरकार की तरफ से भी अलर्टनेस है। बाढ़ पर कहा कि खुद मैंने सर्वे किया। जिलाधिकारियों ने भी सर्वे किया है ताकि कोई भी बाढ़ प्रभावित सरकारी राहत से छूट नहीं सके। किसी की उपेक्षा नहीं होगी।
पुराने फॉर्मेट में होगा जनता दरबार
सीएम ने कहा कि साल 2006 से ही जनता दरबार शुरू हुआ। महीने के तीन सोमवार को अलग-अलग विभागों की सुनवाई होती है जो इस बार भी होगी। लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून लागू होने पर जनता दरबार बंद हुआ था। चूंकि सभी लोग शिकायत करने नहीं जाते हैं इसलिए फिर से जनता दरबार शुरू किया गया है। कोरोना का दौर खत्म होते ही पहले की तरह ही जितना चाहे लोग, इस कार्यक्रम में शामिल हो सकेंगे।
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