नीतीश कुमार का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए चर्चा में है, यह सिलसिला नया नहीं है,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार की शीर्ष राजनीतिक कुर्सी पर पिछले करीब 17 साल काबिज नीतीश कुमार (Nitish Kumar as PM candidate) अब प्रधानमंत्री (Prime Minister of India) पद के लिए दौड़ में शामिल होते दिख रहे हैं। नीतीश कुमार खुद तो इसके लिए कोई उतावली नहीं दिखाते, लेकिन उनकी पार्टी जदयू के नेता लंबे अरसे से इस पर चर्चा छेड़ते रहे हैं।
इस बार बड़ी बात यह है कि जदयू से अधिक राजद को इस बात की फिक्र है। फिलहाल कम से कम इन दो दलों को लग रहा है कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की ओर से नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जैसे मजबूत चेहरे के खिलाफ नीतीश कुमार ही सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प हो सकते हैं।
राजद की सक्रियता की वजह साफ
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि नीतीश ही प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार हैं। तो दूसरी तरफ, राजद खेमे से आने वाले बिहार के सहकारिता मंत्री और गया के बेलागंज से विधायक सुरेंद्र यादव तो नीतीश को प्रधानमंत्री बनाने के लिए प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर में भगवान से गुहार लगाने तक पहुंच गए।
राजद की इस सक्रियता की वजह साफ है। नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की सरकार का विरोध करते हुए बिहार की सत्ता के शीर्ष तक पहुंचे। अब वे अगर केंद्र की राजनीति की ओर रुख करते हैं, तो मौजूदा माहौल में मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव का रास्ता पूरी तरह साफ हो जाएगा।
जदयू की ओर से बरती जा रही सतर्कता
जदयू की ओर से इस मसले पर पूरी सतर्कता बरती जा रही है। नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि उनका मकसद विपक्ष को एकजुट करना है। उन्हीं की पार्टी के बड़े नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य उम्मीदवार हो सकते हैं, लेकिन उनकी पार्टी विपक्षी एकता की कीमत पर ऐसा नहीं करेगी। दरअसल, जदयू इस मसले पर संभल कर कदम आगे बढ़ा रही है। इसकी वजह बेहद साफ है।
विपक्षी एकता की राह आसान नहीं
दरअसल, बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी एकता की राह आसान नहीं है। जदयू के रणनीतिकार इसे भली भांती समझते हैं। बिहार कांग्रेस के बड़े नेता अजीत शर्मा ने पिछले दिनों कहा कि कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।
इससे भी बड़ी बात उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कही है। अखिलेश ने प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवारों में तीन नाम गिनाए। इसमें नीतीश कुमार का नाम शामिल नहीं था। अखिलेश का कहना है कि विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर ममता बनर्जी, शरद पवार या के चंद्रशेखर का नाम आगे किया जा सकता है।
भाजपा बोली- अब सीएम मैटेरियल भी नहीं हैं नीतीश कुमार
इधर, भाजपा के बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार अब कभी भी बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे। राजद के साथ जाकर उन्होंने अपनी राजनीति का अंत कर लिया है। प्रधानमंत्री बनना तो बहुत दूर की बात है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी बनने की चर्चाओं के बीच उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि अगर विपक्ष में सहमति बनी तो नीतीश कुमार सबसे योग्य और दमदार प्रत्याशी हो सकते हैं। उन्होंने भाजपा के उस आरोप को खारिज किया, जिसमें बताया जा रहा है कि बिहार में महागठबंधन सरकार में जंगल राज लौट आया है। तेजस्वी ने कहा कि जदयू, राजद, कांग्रेस एवं वामदलों का साथ आ जाना विपक्षी एकता के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया है।