Breaking

किसी पर थोपी नहीं जाएगी कोई भाषा- सुकांत मजूमदार

किसी पर थोपी नहीं जाएगी कोई भाषा- सुकांत मजूमदार

previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद  मीडिया सेंट्रल डेस्क

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने बुधवार को संसद को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत स्कूल जाने वाले बच्चों द्वारा सीखी जाने वाली तीन भाषाओं का चयन राज्यों, क्षेत्रों और छात्रों द्वारा किया जाएगा और किसी भी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोपी जाएगी।
एनईपी द्वारा सुझाया गया त्रि-भाषा फार्मूला विवाद के केंद्र में रहा है, क्योंकि तमिलनाडु ने केंद्र पर हिंदी थोपने का आरोप लगाते हुए इसे लागू करने से इनकार कर दिया है।

केंद्र ने किया तमिलनाडु सरकार के आरोपों का खंडन

हालांकि, केंद्र ने तमिलनाडु के आरोप का खंडन किया है। राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में मजूमदार ने कहा कि बच्चों द्वारा सीखी जाने वाली तीन भाषाएं राज्यों, क्षेत्रों और निश्चित रूप से छात्रों की अपनी पसंद होंगी, बशर्ते कि तीन भाषाओं में से कम से कम दो भारत की मूल भाषाएं हों। उन्होंने कहा कि त्रि-भाषा फार्मूले में अधिक लचीलापन होगा और किसी भी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोपी जाएगी।

स्वीकृत 11,395 आंगनवाड़ी-सह-क्रेच में से 1,761 चालू

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि स्वीकृत 11,395 आंगनवाड़ी-सह-क्रेच में से केवल 1,761 ही चालू हैं। आंगनवाडि़यों में क्रेच की स्थापना की घोषणा 2023 में की गई थी। इन आंगनवाड़ी-सह-क्रेच का उद्देश्य छह महीने से छह साल की आयु के बच्चों की देखभाल में मदद करना है।
इस पहल का उद्देश्य व्यापक बाल देखभाल सेवाएं प्रदान करके कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि 1761 कार्यरत आंगनवाड़ी केन्द्रों से 28,783 लाभार्थियों को लाभ मिल रहा है।
तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के त्रिभाषा फॉर्मूले का विरोध कर रहा है। प्रदेश सरकार ने इसके बहाने हिंदी थोपने का आरोप लगाया है। सीएम स्टालिन का तर्क है कि नीति क्षेत्रीय भाषाओं पर हिंदी को प्राथमिकता देती है। इससे राज्य की स्वायत्तता और भाषाई विविधता कम होगी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने दो-भाषा नीति अपनाई है। इसमें तमिल और अंग्रेजी प्राथमिक भाषाएं हैं।

केंद्र को चिढ़ होती है

स्टालिन ने आगे कहा कि अगर कोई राज्य सरकार अच्छा काम कर रही है तो केंद्र सरकार को उसका समर्थन करना चाहिए। मगर क्या यह केंद्र सरकार ऐसा कर रही है? उन्हें जलन हो रही है कि तमिलनाडु अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उन्हें चिढ़ है कि डीएमके तमिलनाडु की रक्षा कर रही है। यही वजह है कि वे बाधाएं पैदा करने और हमें हर तरह से नीचा दिखाने में लगे हैं। क्या हम यह देखकर चुप रह सकते हैं?

स्टालिन ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक बदला लेने और तमिलनाडु के विकास को कमजोर करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि राज्य विभिन्न योजनाओं को लागू करने में अग्रणी रहा है और पिछले तीन वर्षों में इसने महत्वपूर्ण प्रगति की है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!