कोई भी शिक्षक वर्ग में मोबाइल का उपयोग नहीं करेंगे- के के पाठक
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक राज्य की शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए लगातार कार्रवाई और सख्ती कर रहे हैं. पाठक द्वारा आए दिन स्कूलों और शिक्षकों को लेकर नए फरमान जारी किए जाते रहे हैं. अब इसी राह पर जिला शिक्षा पदाधिकारी भी चल पड़े हैं. जिला स्तर पर सरकारी स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से सभी प्रखंड पदाधिकारियों को जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी किया गया है.
बीते दिनों पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) अमित कुमार ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की बैठक में स्कूलों की साफ-सफाई और बच्चों की उपस्थिति को लेकर सख्ती बरतते हुए व्यवस्था में सुधार करने का निर्देश दिया था. इसके साथ ही बैठक में यह भी निर्देश दिया है कि कोई भी शिक्षक क्लास के दौरान मोबाइल का उपयोग नहीं करेंगे. यदि कोई शिक्षक क्लास के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक से जवाब मांग सकते हैं और इसकी रिपोर्ट जिला शिक्षा कार्यालय को सौंपेंगे. रिपोर्ट के आधार पर वैसे शिक्षकों को निलंबित किया जायेगा.
डीइओ ने कहा कि जिले के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में जीर्णोद्धार, शौचालय का निर्माण, नए भवन का निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों को निर्धारित समय सीमा के अंदर ही पूरा कराया जाये. उन्होंने कहा कि स्कूल के अंदर गंदगी नहीं होनी चाहिए. निरीक्षण में दौरान स्कूल में गंदगी पाई जाती है तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं वहां के प्रधानाध्यापक जिम्मेदार होंगे.
बैठक में डीईओ ने कहा कि कुछ विद्यालयों में निरीक्षण के दौरान बच्चों की उपस्थिति 50 प्रतिशत से भी कम पायी गयी है. इसको लेकर उन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई करते हुए उनका वेतन भी रोक दिया गया है. अगर किसी स्कूल में बच्चों की उपस्थिति 50 फीसदी से कम होगी तो संबंधित क्षेत्र के बीईओ पर भी कार्रवाई होगी.
डीइओ ने कहा कि प्रत्येक शनिवार को स्कूलों में होने वाली गतिविधि को इ-शिक्षा पोर्टल पर अपलोड करना जरूरी है. कई जगह से ऐसी शिकायत मिल रही है कि स्कूलों द्वारा इ-शिक्षा पोर्टल पर आंकड़े प्रस्तुत नहीं किए जा रहे हैं. ऐसे स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ वहां के बीइओ का भी वेतन रोकने की कार्रवाई की जायेगी.
पटना जिले के प्राइमरी स्कूलों में भी बच्चों को स्मार्ट क्लास के जरिये पढ़ाया जायेगा. इसके लिए 50 प्राइमरी स्कूलों का चयन किया गया है. 30 दिसंबर तक इनमें स्मार्ट क्लास की शुरुआत कर दी जायेगी. इन स्कूलों में स्मार्ट क्लास से जुड़े इक्यूपमेंट लगाने के लिए 57.36 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे. इन 50 स्कूलों में स्क्रीन लगायी लगा दी गयी हैं. अगले सप्ताह तक अन्य कार्यों को भी पूरा कर लिया जायेगा. जिन प्रखंडों में स्मार्ट क्लास शुरू किया जाना है, उसकी समीक्षा की जिम्मेदारी प्रखंड पदाधिकारियों को दी गयी है.
स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू करने की रिपोर्ट 31 दिसंबर तक सभी प्रखंड पदाधिकारियों को जिला शिक्षा कार्यालय को भेजनी होगी. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी श्याम नंदन ने बताया कि चयनित हाइस्कूल व प्लस टू स्कूलों में स्मार्ट क्लास का सफल संचालन किया जा रहा है. इसके माध्यम से पढ़ाई करने पर विद्यार्थियों को समझने-सीखने में सहजता होती है. बच्चों को भी बेहतर ढंग से पाठ्यक्रम की जानकारी मिले, इसी उद्देश्य से जिले के चयनित 50 प्राइमरी स्कूलों में भी स्मार्ट क्लास की शुरुआत की जा रही है.
पांचवीं के बच्चों को टीएलएम की मदद से पढ़ायेंगे शिक्षक
जिले के प्राथमिक स्कूलों के बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाने और बेहतर ढंग से पाठ्यक्रम को समझाने के लिए शिक्षक टीचिंग लर्निंग मटेरियल (टीएलएम) का इस्तेमाल करेंगे. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से जारी की गयी नयी समय सारिणी के तहत कक्षा एक से पांचवीं के बच्चों को क्लास में शिक्षक टीएलएम की मदद लेकर पढ़ायेंगे. इसमें हिंदी, गणित, अंग्रेजी और इवीएस की किताबों के साथ ही शिक्षक विभिन्न टॉपिक को बच्चों को बेहतर ढंग से समझाने के लिए टीएलएम का भी इस्तेमाल करेंगे.