*नीता अंबानी ही नहीं, अंजली पिचाई, उषा मित्तल और प्रीति अडानी से भी संपर्क साधेगा बीएचयू*
*श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी*
*वाराणसी* / यदि सब कुछ ठीक रहा तो काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र में अध्ययनरत छात्राओं को गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई की पत्नी अंजली पिचाई, स्टील किंग लक्ष्मी निवास मित्तल की पत्नी उषा मित्तल और गौतम अडानी की पत्नी प्रीति अडानी भी पढ़ाती दिखेंगी। इस बात के संकेत सामाजिक विज्ञान विभाग के डीन प्रोफ़ेसर कौशल किशोर मिश्रा ने दे दिये हैं।प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र ने बताया कि केंद्र की नई शिक्षा नीति के तहत छात्र छात्राओं को उद्यमिता से जोड़ा जा रहा है, जिसमें छात्राओं को मुख्य भूमिका में लाया जा रहा है। इसके अंतर्गत समाज में अलग मुकाम रखने वाली प्रभावशाली महिलाओं को भी छात्राओं से जोड़ने की कोशिश की जा रही हैं ऐसे महिलाएं जो व्यवसाय जगत में एक आइडियल हो और हर महिला उन्हें फॉलो करना चाहती हों।बता दें कि इस पहल के अंतर्गत रिलायंस की कार्यकारी अध्यक्ष और विभिन्न सामाजिक गतिविधियों से जुड़ी नीता अंबानी के दफ्तर को बीएचयू की ओर से पत्र भेजा जा चुका है, बस अब उनकी ओर से सहमति मिलने की देरी है। वहीं बात करें गूगल के सीईओ सुन्दर पिचाई की पत्नी अंजली पिचाई की तो उन्हें सुन्दर अपना लकी चार्म मानते हैं। अंजली पिचाई ने आईआईटी खड़गपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है। इस समय वो यूएस में सफल बिज़नेस वुमेन हैं। वो अगर यहां छात्राओं को उद्यमिता के बारे में पढ़ाएंगी तो जाहिर है यहां पढ़ने वाली छात्राओं को काफी लाभ पहुंचेगा। इसके अलावा स्टील किंग लक्ष्मी निवास मित्तल की पत्नी उषा मित्तल को भी विश्वविद्यालय से जोड़ने के लिए प्रयास जारी हैं। उषा मित्तल विश्वविद्यालय की पुरानी छात्रा भी रही हैं और उनके द्वारा ही महिला महाविद्यालय में साइंस फैकेल्टी का निर्माण करवाया गया है।प्रोफ़ेसर कौशल किशोर मिश्र ने बताया कि छात्राओं का भविष्य संवरे इसके लिए नयी शिक्षा नीति के अंतर्गत हम यह पहल करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि छात्रों के लिये आधुनिक संसाधनों को इकट्ठा करने के लिये महामना ने मशहूर उद्योगपति बिरला और राजे-महाराजाओं को विश्वविद्यालय से जोड़ने का कार्य किया था। आज एक बार फिर हम देश की प्रभावशाली महिलाओं को महिला अध्ययन केंद्र से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि छात्राओं को इन महिलाओं के संपर्क का पूरा पूरा लाभ मिल सके। प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र के अनुसार प्रभावशाली महिलाओं को जोड़ने का ये मतलब नहीं है कि हम उनकी नियुक्ति कर रहे हैं, या उन्हें सैलरी दी जाएगी। ये एक सम्मान है। और मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि ये सम्मान केवल कुछ प्रभावशाली महिलाओं को ही दिया जा रहा हो, ऐसा भी नहीं है। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में जो भी अच्छा कार्य कर रहे हैं, जो भी युवाओं को प्रेरित करने और उनके करियर के उत्थान में सहायक लोग हैं, उन्हें विश्वविद्यालय से जोड़ने के प्रयास किया जा रहा है और ये हमेशा से होता रहा है।