अपने देश की रक्षा से सुंदर दुनिया में कुछ भी नहीं होता- इजराइल की बेटियां.
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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
इजराइल और फिलस्तीन संगठन हमास के बीच 10 मई से शुरू हुई सैन्य झड़प 21 मई को युद्ध विराम के साथ फिलहाल तो खत्म हो गई, मगर इन 12 दिनों के दौरान बहुत कुछ पहली बार हुआ। पहली बार हमास ने इजराइल पर 4 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे, तो इजराइल ने भी पहली बार अपने सुपर हाई-टेक कमांड सेंटर से हमास के 1500 से ज्यादा ठिकाने तबाह कर दिए।
इजराइल के चर्चित मिसाइल डिफेंस सिस्टम आयरन डोम को भी पहली बार एक साथ इतने रॉकेट्स का सामना करना पड़ा। दिलचस्प बात यह है कि इजराइल के सभी प्रमुख शहरों में तैनात आयरन डोम की जिम्मेदारी वहां की बेटियों ने बखूबी संभाली और हमास के 90% रॉकेट को आसमान में ही तबाह कर दिया। इन बेटियों ने आसमान से बम गिराते विमानों को रास्ता दिखाया तो हथियार लेकर मैदान में भी उतरीं।
कॉरपोरल मिली इजराइली वायुसेना की 107वीं स्क्वाड्रन में टेक्नीशियन हैं। अपने भाइयों को इजराइली सेना में शामिल कराने के लिए वो अपने परिवार के साथ कनाडा से इजराइल आ गईं। मिली कहती हैं उन्हें कई घंटे खड़े रहना पड़ता है, लेकिन जब उनके विमान दुश्मन पर अपने बम गिराकर लौटते हैं तो हर परेशानी दूर हो जाती हैं। सोर्स : IDF
अपने भाई के नक्शेकदम पर चलते हुए सार्जेंट लाइल ने इजराइली सेना की आर्टिलरी कोर, यानी तोपखाने में भर्ती होने का फैसला किया था। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद लाइल कमांडर्स कोर्स करने लगीं। इस जज्बे को देखकर उनके भाई लेफ्टिनेंट बेन ने छोटी बहन को अपनी बैरे (कैप) देकर सम्मानित किया। सोर्स : IDF
हमास के जबरदस्त रॉकेट हमलों के बाद शुरू हुए इजराइली ऑपरेशन ‘द गार्जियन ऑफ वाल्स’ के दौरान सार्जेंट ओफिर किचन ड्यूटी पर तैनात थीं। उन्होंने अपने कमांडर को फोन करके अपनी ड्यूटी आयरन डोम सिस्टम के इंटरसेप्शन मैनेजमेंट सेंटर (IMS) पर लगवाई और जंग के मैदान में कूद पड़ीं। सोर्स : IDF
मध्य इजराइल के हैतजर एयरफोर्स बेस पर तैनात कॉरपोरल नोम पर पूरे रनवे की जिम्मेदारी है। नोम कहती हैं कि उन्हें हमेशा पता रहता है कि रनवे पर क्या है। वहां विमान, कोई क्रू मेंबर या मेंटेनेंस स्टाफ में से कौन-कौन है। पूरे अभियान के दौरान सोम ने अपने विमानों तक एकदम सटीक जानकारी पहुंचाई। सोर्स : IDF
लेफ्टिनेंट डेनियल (सबसे आगे) और उनकी टीम के जिम्मे इलाके में तैनात आयरन डोम की सुरक्षा थी। उनकी एक ट्रिप के दौरान रॉकेट हमले का कोई अलर्ट सायरन नहीं बजा। इस पर लेफ्टिनेंट डेनियल बोलीं कि हम इसे हल्के में नहीं ले सकते। उनका कहना है कि इस अनुभव से ज्यादा उन्हें कोई कुछ नहीं सिखा सकता। सोर्स : IDF
हमास के खिलाफ अभियान के दौरान आयरन डोम की लॉन्चिंग यूनिट पर तैनात सार्जेंट ओफिर और उनके साथियों को 24 घंटों में सिर्फ खाने का ब्रेक मिलता था। वो कहती हैं कि शुरुआत में उन्हें समय मिल जाता था, मगर तनाव के साथ काम का समय भी बढ़ गया। सोर्स : IDF
इजराइली सेना में एयर डिफेंस फाइटर नोए शमिर का कहना है, “हमें पता है कि हमारे अपनों ने देश के लिए सब कुछ दांव पर लगा रखा है। दुश्मन के रॉकेट को आसमान में नष्ट होते देखने से अच्छा कुछ और नहीं हो सकता है। जब-जब ऐसा होता तो लोगों से हमें जबरदस्त सम्मान मिलता है। यह लोगों की जान और घर बचाने का काम है। सोर्स : IDF
इजराइली वायुसेना में टेक्नीशियन शेरोन का काम लड़ाकू विमानों में बम-मिसाइल फिट करना है। वो कहती हैं कि बचपन से ही उन्होंने कॉम्बैट स्क्वाड्रन में शामिल की तैयारी की थी। अब जब मौका मिला तो इसे बेकार नहीं जाने दे सकती थी। काम कठिन है मगर इसका मकसद यह सब सहन करने की शक्ति देता है। सोर्स : IDF
इजराइली वायुसेना की 105वीं स्क्वाड्रन की कॉरपोरल गाल का कहना है कि आसमान में दुश्मन के रॉकेट गिराते आयरन डोम को देखकर हमारे मन में भी लड़ने का जबरदस्त जज्बा पैदा हुआ। हमने फैसला किया शायद इसी पल के लिए हम वायुसेना में शामिल हुए थे। हमारी नींद पूरी नहीं हो सकी तो हमने दुश्मन को भी सोने नहीं दिया। सोर्स : IDF
इजराइल के एशदोद टास्क कंट्रोल एयर मिशन में तैनात सार्जेंट ऐला दुकहन का कहना है कि शुरुआत में उन्हें तनाव हुआ था, लेकिन जब यह अहसास हुआ कि अपने देश की रक्षा करने का टास्क सबसे महत्वपूर्ण है, तो कोई तनाव नहीं रहा। हम पूरी ताकत से अपने मिशन में जुट गए। हमारे लोग हम पर निर्भर हैं। सोर्स : IDF
इजराइल की सर्च एंड रेस्क्यू ब्रिगेड में तैनात कॉरपोरल जोहरिया को ट्रेनिंग के दौरान ही ड्यूटी पर बुला लिया गया। वो बताती हैं, “हमलों के दौरान उन्हें बम शेल्टर छोड़कर पांच मिनट में उस बिल्डिंग तक पहुंचने को कहा गया जिस पर रॉकेट गिरे थे। उनकी टीम उस बिल्डिंग से तीन घंटे बाद निकली। लोगों की मदद करने का अहसास एकदम अलग है।” सोर्स : IDF
इजराइली सेना की आर्टिलरी डिवीजन में सार्जेंट लिरोन का कहना है, “अपने देश की रक्षा से सुंदर दुनिया में कुछ भी नहीं होता। इजराइल की सुरक्षा हमारे हर नागरिक का काम है और हम इसे बखूबी निभाते हैं। देश पर जब भी संकट आएगा मैं हमेशा तैयार हूं।” सोर्स : IDF
इजराइल की सर्च एंड रेस्क्यू ब्रिगेड में सार्जेंट मिशेला बताती हैं कि वो एरियल में गार्ड ड्यूटी पर तैनात थीं, तभी एक महिला भागती हुई आई और बगल में खड़ी हो गई। हमने उससे पूछा कि वह भाग क्यों रही थीं? सब ठीक है? इस पर महिला ने कहा कि इस सुनसान जगह आप मौजूद हैं, अब मैं सुरक्षित हूं। यही पल एक सैनिक के रूप में सबसे गर्व से भरा था। सोर्स : IDF
तेल अवीव की जमीन के नीचे इजराइल ने बनाया सेना का सबसे बड़ा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर
बात 21 मई यानी शुक्रवार आधी रात के बाद की है। इजराइल की सुप्रीम सैन्य कमांड के अफसर सुबह दो बजे से लागू होने वाले सीज-फायर से पहले गाजा पर ज्यादा से ज्यादा हवाई हमले करके फिलिस्तीनी संगठन हमास की ताकत को ज्यादा से ज्यादा कमजोर करने में जुटे थे। कमांड सेंटर की दीवारों पर बड़ी-बड़ी स्क्रीन पर एक तरफ गाजा की एक ऊंची बिल्डिंग की 3-डी तस्वीर सामने आई, तो दूसरे स्क्रीन पर ड्रोन और टोही विमान से भेजी उसी बिल्डिंग की लाइव तस्वीरें भी दिख रही थीं। बिल्डिंग की 3-डी तस्वीर लाल रंग की थी। मतलब हमास इस बिल्डिंग को इजराइल के खिलाफ हमला करने, हमले की रणनीति तैयार करने में इस्तेमाल कर रहा था। कुछ ही देर में इजराइली विमानों ने बिल्डिंग को जमींदोज कर दिया। यह नजारा है फोर्ट्रेस ऑफ जायोन (Fortress of Zion) कहे जाने वाले इजराइल की सर्वोच्च सैन्य कमांड का है। राजधानी तेल अवीव में जमीन के काफी नीचे बना यह कमांड सेंटर हर तरह का हमला झेलने में सक्षम है। हमास के खिलाफ सैन्य अभियान के दौरान न केवल इस सेंटर का पहली बार इस्तेमाल किया गया, बल्कि पहली बार चुनिंदा पत्रकारों को इसे देखने की इजाजत दी गई।