Breaking

साइबर अपराध का अब नया अड्डा बन गया है  पटना 

साइबर अपराध का अब नया अड्डा बन गया है  पटना

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, राकेश सिंह, स्‍टेट डेस्‍क:

साइबर अपराध का नया अड्डा अब पटना बन गया है। पटना पुलिस ने बिहार के मोस्ट वांटेड साइबर अपराधी मुन्ना को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में मुन्ना ने ऐसे-ऐसे खुलासे किये हैं, जिन्हें जानकार आप भी हैरान हो जाएंगे. मुन्ना ने बताया कि ठगी की रकम मंगाने के लिए उसका पूरा गिरोह चलता है।गिरोह का हेड ऑफिस उन्होंने पटना में बनाया था।इतना ही नहीं पैसे मंगाने के लिए उसके गिरोह के पांच सौ से अधिक बैंक खाते हैं।
पटना के पत्रकारनगर थाने की पुलिस के हत्थे चढ़े साइबर अपराधी मुन्ना ने गिरोह की पूरी कार्यशैली पुलिस को बतायी है. ठगी की रकम मंगाने के लिए गिरोह पांच सौ से अधिक बैंक खाते खोलवा चुका है। गैंग में अधिकांश नालंदा और नवादा के रहने वाले हैं, पर पुलिस की लगातार दबिश से उन्होंने पटना को अपना ठिकाना बना लिया है।
चेन बनाकर ठगी करने वाले इस गिरोह के सदस्य पटना में किराये के फ्लैट में रहते हैं। ये शिफ्ट में लोगों को मैसेज और काल करते हैं।सदस्यों को प्रतिदिन तीन सौ काल करने का टारगेट दिया जाता है।झांसे में आने वाले लोगों के खाते से रुपये आने के आधा घंटे के अंदर इसकी निकासी कर ली जाती है।मुन्ना ने पुलिस को बताया कि उसका गिरोह हर दिन कम से कम तीन लाख रुपये की ठगी करता है।
31 अक्टूबर को भी पत्रकारनगर थाने की पुलिस ने साइबर ठग गिरोह के शातिर गौतम को गिरफ्तार किया था। इसके पास से 60 एटीएम कार्ड बरामद हुआ।गिरोह का संचालन नवादा के वारसलीगंज के गौतम, संतोष, आदर्श और गौरव करते हैं। इन्होंने रामकृष्णा नगर में किराये का फ्लैट लिया था। इनके फ्लैट से एक दर्जन से अधिक मोबाइल, लैपटाप और ठगी का हिसाब रखने वाली दो डायरी मिली थी, सभी फरार हैं।
इसके पहले सितंबर महीने में एक शातिर की गिरफ्तारी हुई थी, उसके पास से 12 बैंक खातों का नंबर और 30 से अधिक एटीएम कार्ड मिले थे। वहीं गिरफ्तार मुन्ना के साथी भी अगमकुआं में किराये का फ्लैट लेकर रहते है।पुलिस की जांच में पता चला कि सभी फ्लैट में रहकर लोगों को झांसा देकर उनके खाते से रकम उड़ाते है।
पूछताछ के बाद पता चला कि गिरोह के हर सदस्य को अलग-अलग काम दिया जाता है. एक गिरोह फोन नंबर जुटाता है. दूसरा गैंग उन लोगों से संपर्क करता है, जिनकी आर्थिक स्थिति खराब है। उन्हें पांच हजार महीना देने या सरकारी योजना के तहत खाते में रकम मांगने के बदले कमीशन देने का प्रलोभन देकर उनसे एटीएम कार्ड और पासबुक जुटाता है।
तीसरा गैंग फर्जी आइडी तैयार कर बैंक में खाता खुलवाने के बाद एटीएम और पासबुक जुटाता है। चौथा गैंग फर्जी आइडी पर लिए गए सिम कार्ड और चोरी का मोबाइल जुटाता है। पांचवां गैंग जुटाए गए मोबाइल नंबर के जरिए लाटरी जीतने, लकी ड्रा, ई-मेल, मैसेज, व्हाट्सएप मैसेज और फोन काल करता है, जिसमें कभी बैंक अधिकारी बनकर एटीएम बंद होने से केवाईसी अपडेट करने के नाम झांसा देकर उनसे बैंक अकाउंट का डिटेल और ओटीपी जुटाता है।
फिर अकाउंट से रकम को फर्जी आइडी या कमीशन पर लिए गए बैंक खाते में ट्रांसफर करता है।छठा गैंग अकाउंटेंट का काम करता है।जो सातवें गिरोह को बताता है कि किस बैंक में ठगी का रकम ट्रांसफर किया गया है।वह गैंग आधे घंटे के अंदर एटीएम में पहुंचकर ठगी की रकम निकासी कर लेता है।
बहरहाल इतने बड़े संगठित अपराध के सरगना को पकड़ना पटना पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है।

 

यह भी पढ़े

Raghunathpur:नरहन में लगी आग से अनाज,साइकिल व मोटरसाइकिल जला,एक मवेशी भी झुलसा

पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की बेटी का निकाह में मुख्यमंत्री नीतीश, सोरेन सहित अभिनेता शाहरुख-संजय को भी न्योता

रावण का मृत्यु के समय आयु कितनी थी?

रुद्राक्ष सभागार में तीन दिवसीय संस्कृति संसद का आयोजन

नाबालिग गैंगरेप  मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की हुई  सजा 

Leave a Reply

error: Content is protected !!