अब डेंगू ने पांव पसारना किया शुरू,रिपोर्ट आने के बाद अधिकारियों के होश उड़ गए
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
डेंगू बीमारी महाराजगंज के बाद अब जिले के अन्य क्षेत्रों में भी पांव पसारना शुरू कर दिया है. शनिवार को महाराजगंज में तीन, बड़हरिया में चार और मैरवा में दो डेंगू के संक्रमित मरीज मिले हैं. डेंगू मरीजों के इलाज के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि डेंगू संक्रमित मरीजों के इलाज के संबंध में होने वाले महत्वपूर्ण जांच सीबीसी टेस्ट की व्यवस्था सदर अस्पताल छोड़कर जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है.
‘केमिकल के अभाव में सीबीसी जांच नहीं हो पा रही है’
ग्रामीण क्षेत्रों के रेफरल, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सीबीसी मशीन नहीं है. अधिकांश का सभी सरकारी अस्पतालों में सीबीसी मशीन लगाई गई है. लेकिन वह मशीन मरीजों को सेवा देने की बजाय धूल फांक रही है. महाराजगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजेश कुमार राम का कहना है कि केमिकल के अभाव में सीबीसी जांच नहीं हो पा रही है. स्वास्थ्य विभाग के सदर अस्पताल स्थित जिला गोदाम में 50 गैलन से अधिक सीबीसी जांच में काम आने वाला केमिकल पड़ा हुआ है.
बड़हरिया में डेंगू का प्रकोप
बड़हरिया प्रखंड में भी डेंगू बीमारी ने दस्तक दे दिया है. बड़हरिया प्रखंड क्षेत्र में डेंगू बीमारी से दर्जनों व्यक्ति पीड़ित है. बड़हरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज व जांच की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग निजी अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं.
मैरवा नगर पंचायत की वार्ड पार्षद के पति और देवर को हुआ डेंगू
नगर पंचायत के वार्ड संख्या आठ के वार्ड पार्षद के पति एवं देवर डेंगू बीमारी से संक्रमित हो गये हैं. हालत गंभीर होने पर दोनों व्यक्तियों को उपचार के लिए गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जाता है कि कुछ दिनों मिस्करही वार्ड संख्या 8 की वार्ड पार्षद के पति मोहम्मद इजहार एवं देवर को हाई फीवर होने पर गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया. जांच के दौरान दोनों व्यक्तियों का रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आया. बताया जाता है कि वार्ड पार्षद के परिवार के अन्य लोग भी हाइफीवर से संक्रमित हैं
सीवान के महाराजगंज में जांच के दौरान एनएस 1 पॉजिटिव मिले 10 लोगों के ब्लड सैंपल एलाइजा कंफर्मेशन जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग पीएमसीएच भेजा गया था.सोमवार को रिपोर्ट आते ही जिले के स्वास्थ्य विभाग के उन अधिकारियों के होश उड़ गये जिनके द्वारा एनएस 1 पॉजिटिव रिपोर्ट को भ्रामक बताया जा रहा था. माइक्रोबायोलॉजी विभाग पीएमसीएच भेजे गये 10 सैंपल में पांच सैंपलों का रिपोर्ट पॉजिटिव आया है. पांचों मरीजों 10 से लेकर 14 दिनों से बुखार से पीड़ित हैं. पांचों मरीजों का एलाइजा कंफर्मेशन रिपोर्ट में आइजीएम पॉजिटिव आया है. यह सभी डेंगू पॉजिटिव मरीज महाराजगंज शहर के काजी बाजार, पुरानी बाजार व पसनौली के रहने वाले हैं.
डेंगू से एक व्यवसायी की मौत
शहर के तरवारा मोड़ के समीप मोहल्ले के एक व्यवसायी की मौत डेंगू से हो गयी. जिले में डेंगू से मरने वालों की संख्या तीन हो गयी है. मृतक अजय कुमार सिंह बड़हरिया प्रखंड के पुरैना गांव निवासी थे. वे शहर के तरवारा मोड़ के समीप रहते थे. सीवान शहर में डेंगू के सैकड़ों मरीज है. लेकिन इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को नहीं है. सरकारी अस्पताल में जांच एवं आज की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग निजी अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं.
एनएस 1पॉजिटिव रिपोर्ट के एलाइजा कंफर्मेशन के बाद पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद आइडीएसपी सख्त हो गया है. राज्य आइडीएसपी द्वारा एनएस 1 पॉजिटिव सभी मरीजों के ब्लड सैंपल एलाइजा कन्फर्मेशन जांच के लिए पीएमसीएच पटना भेजने का निर्देश दिया गया है. लगभग 15 दिनों से महाराजगंज नगर पंचायत सहित आसपास के क्षेत्रों में डेंगू बीमारी का कहर जारी है.
रैपिड किट से जांच में आठ मिले डेंगू के मरीज
सोमवार को महाराजगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 31 बुखार से पीड़ित मरीजों का रैपिड किट से जांच किया गया, जिसमें आठ बुखार से पीड़ित मरीज डेंगू से संक्रमित मिले. चार अक्तूबर से महाराजगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हो गये हैं. रैपिड किट से जांच में अभी तक लगभग 75 लोगों की जांच की गयी,
जिसमें 30 लोगों की जांच रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आया है. बताया जाता है कि अभी तक मात्र 17 डेंगू संक्रमित मरीजों का सैंपल एलाइजा कंफर्मेशन जांच के लिए पटना भेजा गया है. राज्य आइडीएसपी का सख्त निर्देश है कि जांच में एनएस 1 पॉजिटिव सभी मरीजों के ब्लड सैंपल एलाइजा कंफर्मेशन के लिए पीएमसीएच पटना भेजना अनिवार्य है.
कहीं सीबीसी मशीन के तार चूहे ने काट दिया, तो कहीं केमिकल नहीं है उपलब्ध
जिला मुख्यालय सहित जिले के अन्य शहरी क्षेत्रों में डेंगू महामारी का रूप ले चुका है. डेंगू से पीड़ित गरीब मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं. सरकारी अस्पतालों में अभी तक जांच एवं इलाज की व्यवस्था नहीं हो सकी है. सभी सरकारी अस्पतालों में सीबीसी जांच मशीन एवं लैब टेक्नीशियन की पदस्थापना की गयी है.
इसके बावजूद डेंगू के उपचार में होने वाले महत्वपूर्ण जांच कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) जांच नहीं हो पा रही है. पूछे जाने पर पता चलता है कि कहीं चूहे द्वारा सीबीसी मशीन का तार काट दिये जाने के कारण मशीन से जांच नहीं हो पा रही है. अधिकांश जगहों पर धूल फांक रही सीबीसी मशीन के संबंध में पूछे जाने पर बताया जा रहा है कि जांच के दौरान उपयोग में आने वाले केमिकल उपलब्ध नहीं है. जिले में डेंगू आउटब्रेक ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है.
सिर्फ दिखावे के बनाये गये हैं डेंगू वार्ड
जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में डेंगू महामारी को देखते हुए डेंगू वार्ड तो बना दिया गया है. लेकिन इस डेंगू वार्ड में किसी प्रकार की सुविधा नहीं है. महाराजगंज अनुमंडलीय अस्पताल में पांच और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है. डेंगू मरीजों के सुविधा के नाम पर दवा की बात तो और विभाग द्वारा मच्छरदानी भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. सदर अस्पताल में भी एक डेंगू वार्ड बनाया गया है. लेकिन इस डेंगू वार्ड में एंबुलेंस के चालक और अन्य कर्मचारी रहते हैं.