सूई की नोक के बराबर जमीन अब कोई ले नहीं सकता-अमित शाह

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

केंद्रीय मंत्री अमित साह दो दिवसीय अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं। अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश के किबिथू इलाके में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ (Vibrant Villages Programme) की शुरुआत की। सरकार की कोशिश है कि इस प्रोग्राम के जरिए सीमावर्ती गांवों में रहने वालों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार आए।

किबिथू में लोगों के साथ जनसंपर्क कर रहे अमित साह ने कहा कि वो युग बीत चुका है, जब कोई भारत की धरती पर कब्जा करता था। आज के समय कोई भी इसकी (भारत) सीमा पर आंख उठाने की हिम्मत नहीं कर सकता है।

कोई भी भारत की एक इंच जमीन नही ले सकता: अमित शाह

अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांव किबिथू में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए शाह ने कहा कि सेना और आईटीबीपी कर्मियों की वीरता यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी भारत की एक इंच जमीन का भी अतिक्रमण नहीं कर सकता है।

अमित शाह ने किबिथू के वीर सैनिकों को किया याद

उन्होंने पूर्वोत्तर में किए गए बुनियादी ढांचे और अन्य विकास कार्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में विकास करना मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। अमित शाह ने कहा, “वह जमाना चला गया, जब कोई भी हमारी जमीन पर कब्जा कर सकता था। अब सूई की नोक के बराबर भी जमीन पर कब्जा नहीं किया जा सकता है।”

साल 1962 के युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले किबिथू के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए शाह ने कहा कि इस क्षेत्र के लोग संसाधनों की कमी के बावजूद अदम्य भावना से लड़े थे।

शाह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में कोई भी ‘नमस्ते’ नहीं कहता है, क्योंकि लोग एक दूसरे को ‘जय हिंद’ कहते हैं, जो हमारे दिलों को देशभक्ति से भर देता है। अरुणाचलवासियों के इसी रवैये के कारण चीन जो उस पर कब्जा करने आया था, उसे पीछे हटना पड़ा।

‘लुक ईस्ट पॉलिसी’की वजह से बदले पूर्वोत्तर क्षेत्र के हालात: शाह

शाह ने कहा कि पहले सीमावर्ती क्षेत्रों से लौटने वाले लोग कहते थे कि वे भारत के आखिरी गांव में आ गए हैं, लेकिन मोदी सरकार ने इस कहानी को बदल दिया है और अब लोग कह रहे हैं कि वे भारत के पहले गांव में गए हैं।

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगातार शरारतपूर्ण हरकतों से बाज नहीं आ रहे चीन को गृहमंत्री अमित शाह अपने अरुणाचल प्रदेश दौरे के दौरान सीमावर्ती गांवों के विकास की नई डगर की शुरूआत कर बीजिंग को स्पष्ट संदेश देंगे। अरुणाचल प्रदेश में चीन से सटी सीमा के गांव किबितू में सोमवार को गृहमंत्री वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को लॉन्च कर अरुणाचल के भारत का अभिन्न हिस्सा होने का दो टूक संदेश देंगे।

अमित शाह का अरुणाचल प्रदेश का दौरा

अरुणाचल के 11 स्थानों का नाम अपने हिसाब से बदलने की चीन की हरकत के पांच दिन बाद ही अमित शाह के यहां हो रहे दौरे के अपने रणनीतिक मायने हैं। अमित शाह किबितू गांव में सीमा क्षेत्र के गांवों के लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने की विकास योजनाओं को लांच करने के साथ ही शाह इन इलाकों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नौ माइक्रो पन बिजली परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।

सीमावर्ती इलाकों में निगरानी तंत्र को मिलेगी मजबूती

इन योजनाओं के क्रियान्वयन से न सिर्फ सीमावर्ती इलाकों में निगरानी तंत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे का खोखलापन और भी अधिक उजागर होगा। अरुणाचल से लेकर लद्दाख तक एलएसी पर उकसावे की हरकतें करता रहे चीन ने अभी इसी हफ्ते अरुणाचल के 11 स्थानों का नाम बदलकर अपना दावा जताने की हरकत की थी, लेकिन भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए न केवल चीन की इस हरकत को खारिज कर दिया था, बल्कि यह दो टूक दोहराया दिया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है।

भारत के इस कड़े रूख पर चीन की तिलमिलाहट भी सामने आयी। जाहिर तौर पर एलएसी पर चल रही तनातनी के लंबे दौर में सामने आयी ताजा कड़वाहट के तत्काल बाद गृहमंत्री शाह का अरुणाचल दौरा चीन को स्पष्ट संदेश है कि सूबे की सुरक्षा और विकास भारत की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।

केंद्र सरकार की विभिन्न परियोजनाओं पर होगा काम

गृह मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सरकार ने 2022-23 से 2025-26 के बीच 4800 करोड़ रुपये की लागत से चीन से सटी सीमा पर 2967 गावों में सड़क मार्गों से जोड़ने के साथ ही अन्य सुविधाओं के विकास का फैसला किया है। ये गांव अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के 19 जिलों के 46 ब्लाक में फैले हैं। सड़क संपर्क नहीं होने और अन्य जरूरी सुविधाओं के अभाव में इन सीमावर्ती गांवों से लोग पलायन को मजबूर हो रहे थे।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस योजना से इन गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ने के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, संचार व अन्य जरूरी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। वाइब्रेंट विलेज प्रोगाम को लांच करने और माइक्रो पनबिजली परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ ही अमित शाह चीन से सटी सीमा की निगरानी के तैनात आईटीबीपी के जवानों के साथ संवाद भी करेंगे। इसके अलावा वे 1962 में चीन के लड़ाई में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में बनाए गए वालोंग युद्ध स्मारक पर श्रद्धा सुमन भी अर्पित करेंगे।

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