Nuh : उपद्रवियों का ठिकाना बनीं अरावली की पहाड़ियां,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जीवनदायिनी अरावली पर साइबर ठगी, गोतस्कर तथा मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले बदमाशों ने अपने ठिकाने बना रखे हैं। कई जगहों पर पहाड़ी के ऊपर पक्के ठिकाने बना रखे हैं। यहीं पर बैठकर अपराध करते और जब पुलिस पकड़ने के लिए गांव जाती है तो पहाड़ी में जाकर छिप जाते हैं। पुलिस कर्मी ऊपर चढ़ने का प्रयास करते तो पत्थर बरसाते हैं।
पहाड़ी की ओर भाग जाते उपद्रवी
अब पुलिस इन ठिकानों को भी एक-एक तोड़ने में लगी है। नूंह में सोमवार को हुई हिंसा के दौरान कई गांवों के युवक उपद्रवी भीड़ में शामिल थे। उन्हें रात में पकड़ने पुलिस पहुंचती तो वह पहाड़ी की ओर भाग जाते हैं। अर्धसैनिक बलों की मदद लेकर पुलिस अब वहां से संदिग्धों को पकड़ रही है।
गुरुग्राम के सोहना से लेकर फिरोजपुर झिरका एवं राजस्थान के अलवर जिला तक अरावली पहाड़ी हैं। पहाड़ी की एक ओर हरियाणा का क्षेत्र है तथा दूसरी ओर काफी गावों में राजस्थान के भरतपुर जिला का तथा कई गांव अलवर के पहाड़ी से सटे हुए हैं। बदमाश नूंह जिले में आपराधिक वारदातों को चाहे वे लूटपाट की हो, वाहन चोरी की हों, साइबर अपराधियों को छिपकर अपराध करने के लिए हों, गोतस्करी हो सभी के लिए बदमाश इन अरावली पहाड़ियों को छिपने के लिए करते हैं।
पहाड़ी पर करने लगे गौवध
पुलिस के दबाव बनाने पर गोवंशी को पहाड़ी पर ले जाकर वध करने लगे हैं। नूंह जिला के तत्कालीन एसपी वरुण सिंगला नेतो अरावली की तलहटी में बसने वाले जिन गावों में गोतस्करों द्वारा गोहत्या की जाती है, उनको चिंहित कर उन पर ड्रोन कैमरे से स्पेशन निगरानी की जाती रही है। ड्रोन कैमरे की वजह से पुलिस ने काफी गोतस्करों के घरों एवं पहाड़ में गोहत्या करने की वारदातों का पर्दाफाश करने के साथ- साथ बदमाशों को पकड़ा भी गया था।
नल्हड़, बीवा शिकारपुर, झिमरावट, सिंगार, लोहसिंगानी, नाई नंगला जैसे ऐसे दर्जनों गांव जिनसे सटी अरावली पहाड़ी पेड़ों का काट रास्ते बनाए गए हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ ना तो वन विभाग और ना ही खनन विभाग कोई कार्रवाई कर सका है, जिससे अवैध कब्जा करने वालों के हौंसले बुलंद हैं।
जिला प्रशासन यदि अरावली पहाड़ों से लगती सरकारी जमीनों पर से उन अवैध कब्जों को हटवा दे, जिनको लोगों ने किया हुआ है तो अपराधियों के अरावली में बने ठिकाने अपने आप ध्वस्त हो जाएंगें। पुलिस दबिश देती है तो ये अपराधी इन पहाड़ों में चढ़कर पुलिस टीम पर पथराव करते हैं और वह पथराव बड़ा खतरनाक होता है। यदि पुलिस ज्यादा पीछा करती है तो ये राजस्थान के क्षेत्र में भाग जाते हैं, जहां पुलिस छापेमारी देने से इस वजह से कतराती है कि वह दूसरे प्रदेश का क्षेत्र आ जाता है।
किसी भी तरह की सरकारी जमीन पर चाहे वह अरावली की पहाड़ी हो या किसी भी तरह की सरकारी जमीन हो अवैध निर्माण नहीं रहने दिए जाएंगे। उन पर बुलडोजर चलाने की प्रकिया शुरू हो चुकी है। -प्रशांत पंवार, उपायुक्त
नूंह उपद्रव के बाद अभी भी आसपास के क्षेत्र में असामाजिक तत्व छुटपुट घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। शुक्रवार की रात को गांव रायपुर कलां में दो लोगों के साथ मारपीट की और ट्रैक्टर में आग लगा दी।
डंडों से की मारपीट
गांव अल्लीपुर के रहने वाले कल्लू खान ने थाना छांयसा पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसने अपने खेत पर गांव रायपुर कलां के रकबा में आरा मशीन लगाई हुई है। शुक्रवार की शाम को वह अपने घर आ गया। नौकर गांव सिडौला निवासी मलखान नाथ वहां पर था। रात को साढ़े आठ बजे वह अपने खेतों पर गया, तो वहां पर कुछ युवा मुंह पर कपड़े बांध कर खड़े हुए थे। उन्होंने अचानक उसे डंडों से पीटना शुरू कर दिया। वह इस दौरान उनसे छूट कर धान के खेत में निकल कर अपने प्राण बचाकर भाग गया।
ट्रैक्टर पर मच्छरदानी डालकर लगाई आग
आधे घंटे बाद मलखान नाथ उसके पास आया, तो उसने बताया कि उन लोगों ने उसके साथ भी मारपीट की। उसने उन लोगों को बताया कि वह तो यहां पर नौकरी करता है। तब उन्होंने उसे छोड़ दिया। इस दौरान असामाजिक तत्वों ने उसकी मच्छरदानी को ट्रैक्टर पर डाल कर आग लगा दी और मौके से भाग गए। आसपास के लोगों ने मौके पर पहुंच कर आग काे बुझाया। इसके बारे में किसी ने पुलिस को सूचना दे दी।
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर आसपास के लोगों से पूछताछ की। कल्लू खान और मलखान नाथ का बल्लभगढ़ सामान्य अस्पताल में उपचार कराया। थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार का कहना है कि उन्होंने कल्लू खान की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देख रहे हैं। जल्दी ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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