किशनगंज जिले में टाइफाइड के मरीजों की संख्या बढ़ रही, रहें सतर्क

किशनगंज जिले में टाइफाइड के मरीजों की संख्या बढ़ रही, रहें सतर्क
बासी भोजन करने से बचें, पानी को उबालकर पीएं:
जंक फूड से रहें सावधानः
दो-तीन दिन तेज बुखार हो तो तत्काल जांच कराएं:

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श्रीनारद मीडिया, किशनगंज, (बिहार):

संक्रमण काल में जिले में टाइफाइड के मामले बढ़े हैं। बड़ी संख्या में टाइफाइड के मरीज इलाज के लिए अस्पतालों में आ रहे हैं। ऐसे में इसे लेकर सतर्क रहना जरूरी है। इससे बचाव के लिए तत्काल इलाज की जरूरत है। सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि टाइफाइड एक गंभीर बीमारी है, यह साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से होता है। यह साल्मोनेला पैराटाइफी बैक्टीरियम से भी फैलता है। यह बैक्टीरिया पानी और खाने के जरिए लोगों के अन्दर जाता है और इसके द्वारा बहुत से लोगों में यह फ़ैल जाता है। टाइफाइड को दूषित पानी या भोजन को जीतने वाले बैक्टीरिया को पीने या खाने से अनुबंधित किया जाता है। तीव्र बीमारी वाले लोग मल के माध्यम से आसपास के पानी की आपूर्ति को संभावित रूप से दूषित कर सकते हैं, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया की उच्च एकाग्रता होती है। बैक्टीरिया पानी या सूखे सीवेज में हफ्तों तक जीवित रह सकते हैं। टाइफाइड के लिए ऊष्मायन अवधि लगभग 1-2 सप्ताह है और बीमारी लगभग 3-4 सप्ताह तक रहती है। वहीं हाल के दिनों में टाइफाइड के मरीज बढ़े जरूर हैं, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। अगर किसी को लगातार 100 डिग्री से अधिक बुखार रह रहा है तो उसे तत्काल नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर जांच कराने की आवश्यकता है। जांच में अगर टाइफाइड की पुष्टि हो जाती है तो तत्काल इलाज शुरू कर देने की आवश्यकता है। अगर शुरुआती लक्षण रहते हैं तो वह दवा से भी ठीक हो जाता है। गंभीर होने पर भी चिंता की कोई बात नहीं है। इंजेक्शन के जरिये गंभीर मामले भी ठीक हो जाते हैं। इसलिए अगर लक्षण से लगे कि आप टाइफाइड से पीड़ित हैं तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं।

टाइफाइड के लक्षणों में शामिल हैं:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया की अगर समय पर इसका इलाज किया जाए तो इसके लक्षण 3 से 5 दिन में ठीक किये जा सकते हैं। हालांकि, यह आमतौर पर कुछ हफ्तों के दौरान खराब हो सकता है, और कुछ मामलों में टाइफाइड बुखार के विकास की जटिलता एक महत्वपूर्ण जोखिम है। कई लोगों को सीने में जमाव और पेट में दर्द का भी अनुभव होता है। बुखार स्थिर हो जाता है। जटिलताओं के बिना मामलों में तीसरे और चौथे सप्ताह में सुधार देखा जा सकता है। लगभग 10% लोगों में एक से दो सप्ताह तक बेहतर महसूस करने के बाद भी बार-बार लक्षण होते हैं। एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज किए गए लोगों में रिलैप्स अधिक आम हैं। टाइफाइड यदि समय पर पता न चले तो स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं और इसलिए जैसा कि वे कहते हैं कि रोकथाम इलाज से बेहतर है। ’टाइफाइड फैलाने वाले वायरस से अप्रभावित रहने के लिए आदिम उपायों से सुरक्षित रहना बेहतर है।

अभी बाढ़ का समय है, दूषित पानी पीने से बचेः
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि जिले के अधिकतर क्षेत्र में बाढ़ का पानी जमा हो गया है। टाइफाइड होने में दूषित पानी पीना महत्वपूर्ण कारण बनता है। इसलिए दूषित पानी पीने से बचें। अभी बारिश का मौसम है। वायरल के मामले इस सीजन में ज्यादा आते हैं। इसलिए सामान्य तौर पर भी बुखार हो तो पानी को उबाल कर पीएं। सामान्य व्यक्ति भी अभी के मौसम में पानी को उबालकर पीएं ही तो बेहतर रहेगा। गंदगी, नाले-नालियों के आसपास और नदी किनारे रहने वाले लोगों को इसे लेकर खासा सतर्क रहने की जरूरत है। उबला हुआ, बोतलबंद या रासायनिक रूप से कीटाणुरहित पानी पीना। जब तक इसे पहले उबाला नहीं गया है, पीने से बचें, भोजन को धोने या नल के पानी से अपने दाँत ब्रश करने से बचें। जहां संभव हो या रासायनिक रूप से कीटाणुरहित किया गया बोतलबंद पानी पीयें। बिना पके भोजन से बचें। सुनिश्चित करें कि जो भी भोजन आप खाते हैं, वह किसी भी हानिकारक कीटाणुओं को नष्ट करने के लिए अच्छी तरह से पकाया जाता है। बहुत लोगों को देखा जाता है कि बासी खाना को गर्म कर ताजा खाना समझने की भूल कर बैठते हैं। ऐसी गलती करने से बचें।

जंक फूड से रहें सावधानः
अभी के समय में जंक फूड खाने का चलन बढ़ा है। इससे न सिर्फ टाइफाइड के मामले बढ़े, बल्कि दूसरी बीमारियां भी हो रही हैं। जंक फूड किसी भी सूरत में सेहतमंद नहीं रहता है। ऊपर से साफ-सफाई का बेहतर ध्यान भी नहीं रखा जाता है। इसलिए जंक फूड खाने से बचें। जंक फूड में जो गंदगी मौजूद रहती है, उससे भी टाइफाइड होने का खतरा रहता है। इसलिए अगर टाइफाइड समेत अन्य बीमारियों से बचने के लिए जंक फूड का इस्तेमाल नहीं करें। खुले में बिक रहे चाट-पकौड़ियों को खाने से हर हाल में परहेज करें।

टाइफाइड बुखार के लक्षण
• सरदर्द
• 104 डिग्री तक बुखार
• शरीर में दर्द
• बिगड़ी हुयी भूख
• जी मिचलाना
• दस्त और कब्ज
• पेट दर्द

 

 

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