पूर्णिया में पोषण पखवाड़ा की समाप्ति पर पोषण मेला का आयोजन
हरी पत्तेदार सब्जियां व प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ खाने से विटामिन की कमी नहीं होती: सीडीपीओ
16 से 31 मार्च तक चलाया गया पोषण पखवाड़ा अभियान: डीसी
महिला पर्यवेक्षिका व सेविकाओं के द्वारा पहुंचाया जाता है पोषण का संदेश: सुधांशु
पोषण मेले में कोविड-19 के अनुपालन के साथ लोगों को किया गया जागरूक
श्रीनारद मीडिया‚ पूर्णिया‚ (बिहार):
पूर्णिया जिले में 16 से 31 मार्च तक चले पोषण पखवाड़ा के अंतिम दिन पूर्णिया पूर्व प्रखण्ड मुख्यालय स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय में पोषण मेला का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय पोषण अभियान की सफ़लता के लिए ज़िले के सभी प्रखण्डों में ऑटो/ ई-रिक्शा के द्वारा प्रचार-प्रसार किया गया था। पोषण पखवाड़ा के तहत जिले के सभी प्रखंडों, सेक्टर स्तर व पंचायत स्तर पर लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए आईसीडीएस की डीपीओ शोभा रानी, राष्ट्रीय पोषण अभियान की ज़िला समन्वयक निधि प्रिया, ज़िला सहायक सुधांशु कुमार सहित ज़िले की सभी सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका, आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका पूरी निष्ठा के साथ हर तरह की गतिविधियों को गति देने में जुटे हुए थे। ताकि हर हाल में पखवाड़े का सफलतापूर्वक समापन एवं समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक इसका सन्देश पहुंचाया जा सके। इस अवसर पर पूर्णिया पूर्व के बीडीओ अजय कुमार, एमओआईसी डॉ शरद कुमार, सीडीपीओ राजेश रंजन, बीएचएम विभव कुमार, महिला पर्यवेक्षिकाओं में मनीषा कुमारी, ज्योत्सना कुमारी, बुलबुल रानी, विजेता रानी, गुंजन कुमारी, डाटा ऑपरेटर आनंद कुमार व दुर्गा कुमार सहित कई अन्य कर्मी मौजूद थे।
हरी पत्तेदार सब्जियां व प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ खाने से विटामिन की कमी नहीं होती: सीडीपीओ
पूर्णिया पूर्व के सीडीपीओ राजेश रंजन ने बताया आयरन युक्त खाना खाकर हम अपने शरीर के लिए पर्याप्त मात्रा में खून बना सकते हैं। वहीं कुछ शाकाहारी पदार्थ ऐसे होते हैं जिनमें आयरन एवं फोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, बाजरा या रागी जैसे अनाज, सेम की फलियां, और सूखे मेवे इत्यादि। कुछ वैसे भी परिवार हैं जो मांसाहारी हैं वह घर में खाये जाने वाले सभी खाद्य पदार्थ खा सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों में अच्छी मात्रा में गुणवत्ता वाला प्रोटीन, विटामिन ए व डी मिलता है। नींबू, आंवला और अमरुद जैसे खाद्य पदार्थ खाने में शामिल करना चाहिए ताकि आपके शरीर को आयरन मिल सके। वहीं भोजन या आयरन की गोली खाने से 1 घंटे पहले या बाद में चाय या कॉफी इत्यादि नहीं पीनी चाहिए। क्योंकि यह शरीर में आयरन को पचने नहीं देता है।
राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा के तहत 16 से 31 मार्च तक चला पोषण पखवाड़ा अभियान: डीसी
राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्वयक निधि प्रिया ने बताया 16 से 31मार्च तक पोषण पखवाड़ा का आयोजन ज़िला मुख्यालय से लेकर सभी प्रखंडों, पंचायत व सेक्टर स्तर पर किया गया । जहां पर पोषण से जुड़ी जानकारियां लेने के लिए पोषण परामर्श केंद्र खोला गया है । इसके साथ ही पौधारोपण व रंगोली के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया गया। 6 माह से 6 साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयरन की सिरप दी जाती है। जिसे प्रत्येक बच्चे को सप्ताह में दो बार 1 मिली लीटर दिया जाता है। वहीं 6 साल से बड़े सभी तरह के बच्चों को गांव के स्कूल द्वारा बच्चों वाली आयरन की गोली हफ्ते में दो बार दी जाती है। 12 माह से 5 साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर छह माह में विटामिन ए के साथ पेट के कीड़े मारने वाली गोली भी दी जाती है। 5 साल से बड़े बच्चों को गांव के स्कूल द्वारा हर छह माह में पेट के कीड़े मारने वाली दवा दी जाती है। स्कूल जाने वाली किशोरियों को स्कूल में हर हफ्ते एक आयरन की गोली दी जाती और आगनबाड़ी केंद्र से जुड़ी किशोरियों को केंद्र के माध्यम से प्रति सप्ताह एक आयरन की गोली दी जाती है। किशोरियों को स्कूल में और आगनबाड़ी केंद्र द्वारा हर 6 माह में पेट के कीड़े मारने वाली गोली भी दी जाती है।
गृह भ्रमण के दौरान महिला पर्यवेक्षिका व सेविकाओं के द्वारा पहुंचाया जाता पोषण का संदेश: सुधांशु
राष्ट्रीय पोषण अभियान के जिला सहायक सुधांशु कुमार ने बताया पोषण पखवाड़ा के दौरान जिले के सभी प्रखंडों की सेविकाओं के द्वारा गृह भ्रमण के दौरान जिस परिवार में युवतियां हैं वहाँ वीएचएसएनडी/टीएचआर/अन्नप्राशन दिवस पर खाने में आयरन युक्त आहार के संबंध में सलाह दी जाती है। वहीं एनीमिया से बचने और आयरन की साप्ताहिक गोली खाने को लेकर सभी को जागरूक करना होता है। साथ ही पहले की तरह गर्भावस्था के दौरान प्रसव और उसके बाद एनीमिया से बचने और आयरन की गोली प्रतिदिन खाने के बारे में भी गर्भवती महिलाओं व परिजनों को परामर्श दिया जाता है।
कोविड-19 के मानकों का करें पालन, कोरोना संक्रमण से रहें दूर:
-टीकाकरण के बाद भी कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते रहना चाहिए।
-मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का करें पालन।
-कोरोना के लक्षण दिखते ही कोविड-19 की जांच आवश्यक रूप से कराएं।
-समय-समय पर साबुन या अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का करें प्रयोग।
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