पोषण पुनर्वास केंद्र अपने स्थापना काल से ही कर रहा बेहतर प्रदर्शन
ज़िले को अतिकुपोषित की श्रेणी से मुक्ति दिलाने में हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी: जिलाधिकारी
पोषण विशेषज्ञ द्वारा नामांकित बच्चों को खिलाया जाता है पौष्टिक आहार: सिविल सर्जन
जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन के मार्गदर्शन में एनआरसी का रहा बेहतर प्रदर्शन: डीपीएम
ज़िले के 398 अतिकुपोषित बच्चों को मिला जीवनदान: नोडल अधिकारी
श्रीनारद मीडिया, कटिहार, (बिहार):
विपरीत परिस्थितियों में अति गंभीर कुपोषित बच्चों की बेहतर देखभाल की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के उद्देश्य से पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गई। जिलाधिकारी उदयन मिश्रा ने बताया कि ज़िले को अतिकुपोषित की श्रेणी से मुक्ति दिलाने को लेकर हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि अतिकुपोषित बच्चों की जानकारी मिलते ही नज़दीकी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी या कर्मियों को सूचित करें। जिलाधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग कटिहार द्वारा विगत वर्ष कई तरह की उपलब्धियां हासिल की गयी है। जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) डॉ किशलय कुमार ने लगातार दो सिविल सर्जन क्रमशः डॉ डीएन पाण्डेय एवं डॉ दीनानाथ झा के साथ समन्वय कर स्वास्थ्य विभाग को जिस मुक़ाम पर पहुंचाया है। फ़िलहाल नवनियुक्त सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह के साथ समन्वय कर नया कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।
पोषण विशेषज्ञ द्वारा नामांकित बच्चों को खिलाया जाता है पौष्टिक आहार: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल परिसर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में नामांकित बच्चों को पोषण विशेषज्ञ रानी कुमारी द्वारा डायट के अनुसार पौष्टिक आहार दिया जाता है। एनआरसी में नामांकित बच्चों के लिए पोषणयुक्त आहार को लेकर मौसम के अनुरूप भोज्य पदार्थ बनाया जाता है। इसके अनुसार बच्चों को प्रतिदिन अलग-अलग तरह के व्यंजन के अलावा चिकित्सीय सलाह के बाद नियमित रूप से दवा का सेवन कराया जाता है। इसमें बच्चों को पौष्टिक आहार के रूप में खिचड़ी, दलिया, सेव, चुकंदर, अंडा सहित अंकुरित अनाज भी समय-समय पर खिलाया जाता है। एनआरसी में आने वाले नवजात शिशुओं के अभिभावक या माताओं के साथ कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा आवश्यकता अनुसार उचित सलाह दिया जाता है।
जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन के मार्गदर्शन में एनआरसी का रहा बेहतर प्रदर्शन: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डॉ किशलय कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी उदयन मिश्रा का दिशा-निर्देश एवं सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। शारीरिक रूप से कमज़ोर बच्चों को एनआरसी भेजने के साथ ही नियमित रूप से निगरानी भी की जाती है। पिछले महीने स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी राज्य स्तरीय रैंकिंग में कटिहार ज़िले को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) के बेहतरीन प्रदर्शन के कारण प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया था। इस अभियान में आइसीडीएस के अधिकारियों एवं कर्मियों का अहम योगदान रहा है। एनआरसी के पोषण विशेषज्ञ, अधिकारी एवं कर्मियों द्वारा केंद्र में इलाजरत बच्चों एवं अभिभावकों के साथ मनोरंजन के लिए जन्मदिन, क्रिसमस दिवस, नववर्ष सहित कई अन्य प्रकार से साधन उपलब्ध कराया जाता हैं। ताकि आवासित बच्चों को अपनों की कमी महसूस नहीं हो।
ज़िले के 398 अतिकुपोषित बच्चों को मिला जीवनदान: नोडल अधिकारी
पोषण पुनर्वास केंद्र के नोडल अधिकारी मज़हर अमीर ने बताया कि वर्ष 2021 में जनवरी से दिसंबर तक 181 बच्चों को एनआरसी के चिकित्सकों एवं पोषण विशेषज्ञ द्वारा नया जीवन दिया जा चुका है। वर्ष 2022 में 398 अतिकुपोषित बच्चों को जीवनदान मिल चुका है। इसमें जनवरी 2022 में 20, फ़रवरी में 28, मार्च में 27, अप्रैल में 27, मई में 39 एवं जून में 26, जुलाई में 45, अगस्त में 42, सितंबर में 36, अक्टूबर में 16, नवंबर में 44 जबकि दिसंबर में 48 अतिकुपोषित बच्चों को सदर पोषण पुनर्वास केंद्र में रखा गया। ये बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद परिजनों के साथ वापस अपने-अपने घर चले गए हैं।
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