OMG 2: यौन शिक्षा पर बनी यह फिल्म बच्चों को दिखाई जा सकती है!
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
OMG 2 को ‘ए’ सर्टिफिकेट के दायरे में बांधने की जरूरत नहीं है, ये फिल्म 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बेहद अहम है। भारत में यौन शिक्षा को अभी भी वर्जित माना जाता है और फिल्म उपयुक्त तरीके से सही संदेश भेजकर इस बंधन को तोड़ती है। यह फिल्म परिवारों और यौन शिक्षा के महत्व पर एक परिष्कृत और कड़ी कहानी है।
कहानी की दिशा
यह कांति शरण मुद्गल, मेहनती व्यक्ति और भगवान शिव के प्रबल भक्त की कहानी है। साथ ही एक प्यार करने वाला पिता, जो अपने परिवार और बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ चाहता है। सब कुछ तब बदल जाता है जब एक गुमनाम व्यक्ति के वीडियो में कांति का परेशान किशोर बेटा विवेक स्कूल के शौचालय में हस्तमैथुन करते हुए कैद हो जाता है। सार्वजनिक आक्रोश और बदनामी के डर से, कांति ने अपने परिवार के साथ किसी अज्ञात स्थान पर भागने का फैसला किया।
अपमान और धमकाने के कारण उसके बेटे की आत्महत्या की कोशिश क्रांति को माता-पिता और एक वयस्क होने के महत्व को समझने के लिए मजबूर करती है। वह अपने संकट के समाधान के लिए महादेव से प्रार्थना करता है। ऐसे में अक्षय कुमार की धमाकेदार एंट्री होती है। फिर कैसे महादेव का दूध समय-समय पर कांति का मार्गदर्शन करता है और कैसे एक पिता के रूप में कांति बेटे के जीवन में हीरो बन जाता है और उसके जीवन को वापस पटरी पर लाता है, इसका अनुसरण किया जाता है।
क्रांति ने अपने बेटे को हुए मानसिक उत्पीड़न के लिए स्कूल पर मुकदमा करने का फैसला किया। वह शिक्षित न होने की समस्या, छात्रों की यौन शिक्षा की आवश्यकता और सूचना के अधिकार पर प्रकाश डालते हैं। स्कूल कामिनी माहेश्वरी (यामी गौतम) को अपना बचाव वकील नियुक्त करता है। निर्देशक अमित राय ने समाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण फिल्म बनाई है। भगवान शिव के दूत के रूप में अक्षय कुमार कांति की मदद करते हैं और उनका मार्गदर्शन करते हैं। OMG2 का मुद्दा है कि बच्चों को यौन शिक्षा क्यों दी जानी चाहिए।
पंकज त्रिपाठी की एक्टिंग लाजवाब है। वकील के रूप में यामी गौतम का दमदार अभिनय बेहद प्रभावशाली है। जब भी अक्षय कुमार फिल्म में मार्गदर्शन के रूप में आते हैं तो हर किसी के दिल में जगह बना लेते हैं। फिल्म में जज के रूप में पवन मल्होत्रा, पुजारी के रूप में गोविंद नामदेव, प्रिंसिपल के रूप में अरुण गोविल और डॉक्टर के रूप में बृजेंद्र काला भी हैं और ये सभी अपने शानदार अभिनय से कहानी को आगे बढ़ाते हैं।
यह अवश्य देखने योग्य फिल्म है। यह फिल्म न केवल यौन शिक्षा बल्कि बच्चों के आसपास के माहौल पर भी प्रकाश डालती है। यौन शिक्षा विषय पर बनी यह फिल्म स्कूलों में भी बच्चों को दिखाई जा सकती है।
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